नई दिल्ली : शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा, वृहद आर्थिक आंकड़ों, कोविड-19 संक्रमण के रुख और वैश्विक संकेतकों से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताई है.
विश्लेषकों ने कहा कि कंपनियों के तिमाही नतीजों का सत्र अप्रैल मध्य से शुरू होगा. ऐसे में इससे पहले बाजार में कुछ एकीकरण देखने को मिल सकता है.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख-खुदरा शोध सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा हाल में घोषित निवेश योजना की घोषणा के बाद आगे चलकर बाजार की निगाह वैश्विक संकेतकों पर रहेगी. इसके अलावा अब निवेशकों को कंपनियों के तिमाही नतीजों का इंतजार है, जिसकी शुरुआत अप्रैल मध्य से होगी.’
खेमका ने कहा कि घरेलू स्तर पर कोविड-19 की दूसरी लहर चिंता का विषय है. ऐसे में आगे संभावित लॉकडाउन की आशंका बनी हुई है.
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सैमको सिक्योरिटीज की प्रमुख इक्विटी-शोध निराली शाह ने कहा कि इस सप्ताह सबसे प्रमुख घटनाक्रम केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक है. रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकान्त दास की अगुवाई वाली एमपीसी की बैठक पांच से सात अप्रैल तक होनी है.
इसके अलावा इस सप्ताह विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के पीएमआई आंकड़े आने हैं. इससे भी बाजार की धारणा पर असर होगा.
कोटक सिक्योरिटीज के कार्यकारी उपाध्यक्ष और बुनियादी शोध प्रमुख रुस्मिक ओझा ने कहा कि आगे चलकर रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा और कंपनियों के तिमाही नतीजों के सीजन से बाजार को दिशा मिलेगी. नए वित्त वर्ष की शुरुआत अच्छी हुई है. तिमाही नतीजों की वजह से अप्रैल में कुछ और गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं.
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,021.33 अंक या दो प्रतिशत के लाभ में रहा.
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रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘निकट भविष्य में सकारात्मक रुख जारी रहेगा. हालांकि, भारत में कोविड-19 के बढ़ते मामले चिंता बढ़ाने वाले हैं. कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजों का सीजन शुरू होने जा रहा है. ऐसे में अब निवेशकों की निगाह इनपर भी रहेगी.’
कोटक महिंद्रा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लि. के प्रमुख-इक्विटी हेमंत कनावाला ने कहा, ‘कोविड की दूसरी लहर और ऊंचे मूल्यांकन की वजह से निकट भविष्य में बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा.’ बीते वित्त वर्ष में बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 20,040.66 अंक या 68 प्रतिशत चढ़ा है.