किशनगंज: पूरे देश में आज दशहरा (Dussehra 2022) पर, बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के तौर पर रावण का पुतला दहन किया जाता है. वहीं किशनगंज जिले (Ravan Temple In Kishanganj) में एक गांव ऐसा भी है, जहां रावण ग्रामीणों के लिए आस्था का प्रतीक (Ravana worshiped in Kishanganj) है. यहां ऐसा माना जाता है कि रावण, ग्रामीणों की मन्नत पूरी करता है.
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काशी बाड़ी गांव में स्थित है रावण का मंदिर : बिहार के सीमावर्ती किशनगंज जिले का इतिहास बहुत प्राचीन है. महाभारत कालीन इतिहास से जिले की पहचान तो है ही, साथ ही 70 फीसदी इस अल्पसंख्यक बाहुल जिले में लंकाधिपति रावण की भी पूजा की जाती है. यह मंदिर किशनगंज जिले के कोचाधामन प्रखंड स्थित रहमत पाडा के काशी बाड़ी गांव में स्थित है.
मंदिर में होती है रावण की पूजा :किशनगंज में ग्रामीण रावण की मूर्ति की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. दूर गांव के लोग भी यहां आकर रावण से मन्नत मांगते हैं. इस गांव में रावण के पुतले को जलाया नहीं जाता है. रावण प्रकांड विद्वान थे यह बात किसी से छुपी नहीं है. रावण अपनी शिव भक्ति के लिए भी जाने जाते हैं. उसके बावजूद रावण की पूजा राम के देश में होती हो, वो भी बिहार के किशनगंज में यह चौंकाने वाला है. लेकिन यह सच्चाई है कि बिहार के किशनगंज जिले में लोग ना सिर्फ रावण की पूजा करते हैं, बल्कि रावण का मंदिर भी ग्रामीणों ने बनाकर रखा है.