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इंदौर के सरकारी अस्पताल के मुर्दाघर में चूहों ने कुतरा शव, डॉक्टर ने दी सफाई

इंदौर के जिला अस्पताल के मुर्दाघर (Morgue of Indore Government Hospital) में घोर लापरवाही सामने आई है. यहां एक शव को चूहों ने कुतर दिया.

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Published : Jun 19, 2021, 8:36 PM IST

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इंदौर :जिला अस्पताल के मुर्दाघर (Morgue of Indore Government Hospital) में चूहों ने 41 वर्षीय एक व्यक्ति के शव के अंगों को कुतर दिया. पोस्टमॉर्टम (Post-Mortem) के बाद शनिवार को शव की सुपुर्दगी के वक्त इस व्यक्ति के परिजनों ने इसका खुलासा किया.

अधिकारियों ने बताया कि कथित तौर पर जहर खाने के बाद शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराए गए कृष्णकांत पांचाल (41) की शुक्रवार को इलाज के दौरान मौत हो गई थी. वह पड़ोसी धार जिले के रहने वाले थे.

मुर्दाघर में शव रखने के लिए फ्रीजर नहीं

मृतक के भतीजे राहुल पांचाल ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, 'मेरे चाचा कृष्णकांत पांचाल का शव पोस्टमॉर्टम के लिए शुक्रवार शाम जिला अस्पताल के मुर्दाघर भेजा गया था, लेकिन हमने देखा कि मुर्दाघर में शव सुरक्षित रखने के लिए फ्रीजर तक नहीं है.'

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उन्होंने बताया, 'मुर्दाघर के कर्मचारियों ने हमें भरोसा दिलाया था कि रात में शव को कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन पोस्टमॉर्टम के बाद जब हमने शनिवार को शव देखा, तो इसके चेहरे, हथेली, अंगूठे और अंगुलियों पर चूहों के कुतरने के ताजा जख्म मिले.'

अस्पताल के मुर्दाघर में शव की दुर्गति के बारे में पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ. संतोष वर्मा ने कहा, 'शव का पोस्टमॉर्टम करने वाले एक डॉक्टर से मेरी बात हुई है. उनका कहना है कि केवल शव के गाल पर चूहों के कुतरने के निशान मिले हैं.'

अस्पताल ने दी सफाई

जिला अस्पताल में इस लापरवाही के बाद मृतक के परिजनों के अस्पताल प्रशासन से कई सवाल जवाब किए. प्रशासन और परिजनों के बीच घंटों बहस चली. जिसके बाद अस्पताल के स्टाफ ने सफाई देते हुए कहा कि अस्पताल में रोजाना ड्यूटी बदलती रहती है. पोस्टमार्टम शाम 5:30 के बाद बंद हो जाता है.

मामले पर परिजनों का कहना है कि उसने किसी कारण जहर खा लिया था. जिसके बाद उसे प्राथमिक उपचार के लिए पहले धार जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी स्थिति काफी गंभीर हो जाने के कारण उसे डॉक्टरों ने इंदौर रेफर कर दिया. इसके बाद परिजन उसे इलाज के लिए इंदौर के आनंद हॉस्पिटल लेकर आए और इलाज के दौरान युवक कृष्णकांत की मौत हो गई.

परिजनों ने आगे कहा कि युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए इंदौर जिला हॉस्पिटल के मॉर्चुरी में रखवाया था. सुबह जब उन्होंने देखा तो शव को चूहों ने कुतर दिया था.

शव की उंगली और चेहरे पर चूहे के कुतरने के निशान थे. जिसका फोटो उन्होंने निकाल लिया है और पूरे मामले में मॉर्चुरी विभाग के डॉक्टर को शिकायत की है.

एजेंसी को नोटिस जारी करेंगे : डॉक्टर

वर्मा ने कहा कि जिला अस्पताल के मुर्दाघर में चूहों और अन्य जीव-जंतुओं की रोकथाम के लिए एक निजी एजेंसी के जरिए दवाओं का नियमित छिड़काव कराया जाता है. सिविल सर्जन ने कहा, 'शव को चूहों द्वारा कुतरे जाने के मामले में हम इस एजेंसी को नोटिस जारी कर जवाब तलब करेंगे.'

अधिकारियों ने बताया कि जिला अस्पताल को फिर से बनाया जाना है और इसके लिए इसकी पुरानी इमारत ध्वस्त कर जमीन समतल कर दी गई है. हालांकि, अस्पताल का मुर्दाघर अब भी पुराने भवन में ही चलाया जा रहा है.

एमवाय और जिला अस्पताल में हुई अब तक की बड़ी लापरवाहियों पर एक नजर...

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मई 2021: एमवाय अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई थी. अस्पताल की पहली मंजिल पर नर्सरी में भर्ती एक नवजात के पैर का अंगूठा और एड़ी चूहों ने कुतर दी थी. जिसके बाद प्रदेशभर में अस्पताल प्रशासन की निंदा की गई थी.

सितंबर 2020: देश के सबसे साफ शहरों में शुमार इंदौर के एमवाय अस्पताल में एक 87 साल के व्यक्ति का शव को चूहों को कुतर कर कंकाल में तबदील कर दिया था. जिसके बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने इस लापरवाही पर मांफी मांगी थी.

जून 2016: जिला अस्पताल में एक मासूम बच्चे के शव को चीटियों द्वारा खाए जाने का मामला सामने आया था. जिसकी पूरे देश में निंदा की गई थी. हालांकि इस घटना को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल के 4 कर्मियों को निलंबित किया गया था. यह घटना भी जिला अस्पताल के मॉर्चुरी में हुई थी.

अस्पताल में आग लगने की घटनाएं

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एमवाय अस्पताल में आग लगने की घटनाएं भी कई बार हो चुकी हैं. इसके कारण साल 2015 में एक टीबी मरीज घायल हो गया था. यह आग ऑक्सीजन मास्क लगाते वक्त अचानक लग गई थी.

2017 में भी एमवाय की तीसरी मंजिल में भीषण आग लगी थी. जिस वक्त तीसरी मंजिल के एनआईसीयू में आग लगी उस समय वहां 47 बच्चे भर्ती थे. यह आग शार्ट सर्किट के कारण लगी थी.

इंदौर में मॉर्चुरी की स्थिति

इंदौर के एमवाय अस्पताल की मॉर्चुरी में 10-12 शव रखने के लिए फ्रीजर हैं जो अधिकांश खराब हैं. डॉक्टरों के पास शवों के परीक्षण के लिए टेक्निकल उपकरण की व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा जिला अस्पताल में शवों को रखने के लिए 1-2 फ्रीजर हैं. लिहाजा मॉर्चुरी के आसपास खाली जगह होने के कारण यहां जीव-जंतु और चूहे आने का खतरा है.

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चश्मदीदों के मुताबिक जिला अस्पताल परिसर में आस-पास के कई निर्माण टूटने से मुर्दाघर चारों ओर से खुले मैदान से घिर गया है और बारिश के मौसम के दौरान इसमें चूहों और अन्य जीव-जंतुओं की घुसपैठ का खतरा बढ़ गया है.

(पीटीआई-भाषा)

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