हमारे हिंदू प्रचलित रथ यात्रा का धार्मिक महत्व केवल देश में ही नहीं विदेशों में भी है. भगवान जगन्नाथ रथ यात्राओं का आयोजन बड़े स्तर पर कई देशों में इस्कॉन के लोग करते हैं. देश-विदेश में कृष्ण भगवान के भक्तों के लिए अंतर्राष्ट्रीय श्री कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) एक खास भूमिका निभा रहा है और ऐसे बड़े आयोजनों भव्य तरीके से आयोजित करता है. फ्लोरिडा के समुद्री तट पर सैकड़ों अमेरिकी नागरिक इसमें हर साल शामिल हुआ करते हैं.
हमारे धर्म हिंदू धर्म में जगन्नाथ रथ यात्रा के बारे में कहते हैं कि इसके पीछे ऐसा माना जाता है कि भगवान अपने गर्भ गृह से निकलकर भक्तों (प्रजा) का हाल जानना चाहते हैं. इसीलिए हर साल इल परंपरा को देश-विदेश में निभाया जाता है, जिसमें हर साल लाखों भक्त व श्रद्धालु शामिल होते रहते हैं.
ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त इस रथ यात्रा में हिस्सा लेकर भगवान के रथ को खींचने का सौभाग्य पाता उनके जन्मजन्मांतर के दुख-दर्द खत्म होते हैं और उनको 100 यज्ञों के करने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है.
रथ यात्रा से पहले एकांत में रहने की परंपरा
विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा निकालने के 15 दिन पहले ही भगवान जगन्नाथ के मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं, क्योंकि माना जाता है कि इस अवधि में भगवान एकांत में रहते हैं. इस दौरान भक्त दर्शन नहीं कर पाते हैं. इसके बाद ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलराम की मूर्तियों को गर्भगृह से बाहर लाकर स्नान कराया जाता है और पूर्णिमा स्नान के बाद 15 दिन के लिए वे एकांतवास में चले जाते हैं.