नई दिल्ली : ईटीवी भारत पर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. देश की जानी-मानी कवयित्री और साहित्यकार डॉ. अहिल्या मिश्रा के साथ कवियों ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सृजित शब्दों से राष्ट्र वंदन किया. ईटीवी भारत के मंच पर विख्यात साहित्यकार और कवयित्री डॉ. अहिल्या मिश्रा ने देश में धर्म, जाति और समाज की राजनीति को रेखांकित करते हुए अपने अंदाज में कटाक्ष किया और कहा -
बलिदानी के मान पर देशभक्ति का पहरा
गुलामी के घटा टोप अंधेरों में भारत मां का निखरा चेहरा,
कन्या कुमारी से कश्मीर तक एक भारत, समरसता का साम्राज्य बने
जाति, धर्म, समाज से ऊपर मां भारती के सर का ताज रहे.
राष्ट्र-वंदन कार्यक्रम में कवि प्रवीण प्रणय ने ओलंपिक खेलों में भारत को मिले गोल्ड मेडल का जिक्र करते हुए आजादी के 75 सालों को 25-25 सालों के अंतराल में बांटते हुए गुनगुनाया कि
तीन डग नापे हैं हमने बस एक कदम और
संवरने लगे अपने सपने बस एक कदम और
कई हसरतें परवान चढ़ीं पर रुके नहीं कदम
लगे नए कई पौधे पनपने बस एक कदम और...