दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

उत्तराखंड: पहली बार दिखा दुर्लभ ब्लैक बेलीड कोरल सांप, विशेषज्ञ बता रहे बड़ी उपलब्धि

ब्लैक बेलीड कोरल सांप (black-bellied coral snake) पूर्व में हिमाचल प्रदेश के सोलन में 1100 मीटर की ऊंचाई पर खोजा गया था, लेकिन उत्तराखंड में यह पहली बार है जब इसकी खोज की गई है.

पहली बार दिखा दुर्लभ ब्लैक बेलीड कोरल सांप
पहली बार दिखा दुर्लभ ब्लैक बेलीड कोरल सांप

By

Published : Jun 30, 2021, 12:17 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक अच्छी खबर है. राज्य में पहली बार दुर्लभ प्रजाति के सांपों में शुमार ब्लैक-बेलीड कोरल स्नेक (सिनोमिरुरस निग्रिवेंटर) देखा गया है. भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूडब्ल्यूआई) के सरीसृप विज्ञानियों ने इसकी खोज की है. वरिष्ठ सरीसृप विज्ञानी डॉ. अभिजीत दास की अगुवाई में वैज्ञानिकों की टीम ने मसूरी वन्यजीव अभ्यारण्य के पास भद्रराज मंदिर के पास 1900 मीटर की ऊंचाई पर सांप (black-bellied coral snake) को खोजा है. सरीसृप विज्ञानी इसे बड़ी उपलब्धि बता रहे हैं.

दुर्लभ प्रजाति का ब्लैक-बेलिड कोरल स्नेक

ब्लैक-बेलीड कोरल स्नेक (black-bellied coral snake) पूर्व में हिमाचल प्रदेश के सोलन में 1100 मीटर की ऊंचाई पर खोजा गया था, लेकिन उत्तराखंड में ये पहली बार देखा गया है. भारतीय वन्यजीव संस्थान (Wildlife Institute of India) के सरीसृप विज्ञानिक डॉ. अभिजीत दास के मुताबिक ऐसा पहली बार हुआ है कि उत्तराखंड में इस प्रजाति का कोई जिंदा सांप मिला है. 2019 में नैनीताल में भी एक ब्लैक-बेलीड कोरल स्नेक मिला था. लेकिन वो मृत अवस्था में पाया गया था. मसूरी में पहली बार जिंदा ब्लैक-बेलीड कोरल स्नेक मिला है.

पढ़ें-उत्तराखंड के नेशनल पार्क दूर करेंगे व्यापारियों का घाटा, पूरे साल खुले रहेंगे

डॉ. अभिजीत दास ने बताया कि ब्लैक-बेलीड कोरल स्नेक 1100 से 1900 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाया जाता है. इस ऊंचाई पर पाई जाने वाली वनस्पतियां और जलवायु दुर्लभ प्रजाति के इस सांप के लिए काफी मुफीद मानी जाती है. सरीसृप विज्ञानियों का कहना है कि इस सांप के बारे में अभी वैज्ञानिकों को बहुत कम जानकारी है. ऐसे में इस सांप को लेकर और अधिक अध्ययन की जरूरत है.

भारतीय वन्यजीव संस्थान.

ब्लैक-बेलीड कोरल स्नेक की खोज

ब्लैक-बेलीड कोरल स्नेक की खोज सबसे पहले 1908 में अंग्रेजी सरीसृप विज्ञानी कर्नल फ्रैंकवाल ने की थी. अभी हाल ही में सरीसृप विज्ञानियों की टीम में हिमाचल प्रदेश के सोलन में ब्लैक-बेलीड कोरल स्नेक की खोज की थी. विज्ञानियों का कहना है कि इस सांप के बारे में वैज्ञानिकों को बहुत कम जानकारी है. ऐसे में इसे लेकर और अधिक अध्ययन की जरूरत है.

बता दें कि ब्लैक-बेलीड कोरल स्नेक को सबसे पहले 1908 में ढूंढा गया था. अंग्रेजी सरीसृप विज्ञानी कर्नल फ्रैंकवाल ने इसकी खोज की थी. अभी हाल ही में सरीसृप विज्ञानियों की टीम ने हिमाचल प्रदेश के सोलन में ब्लैक-बेलीड कोरल स्नेक की खोज की थी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details