दिल्ली

delhi

जम्मू कश्मीर: हिम तेंदुए की मौजूदगी कैमरे में ट्रैप, वन्यजीव संरक्षकों में खुशी

By

Published : Nov 7, 2022, 5:55 PM IST

जम्मू कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाके में लगे कैमरे में हिम तेंदुआ कैद हुआ है. इससे हिम तेंदुए के संरक्षण की जिम्मेदारी और बढ़ जाएगी. बता दें कि हिम तेंदुओं की उपस्थिति और बहुतायत को समझने के लिए सर्वेक्षण किए जा रहे हैं. पढ़िए पूरी खबर...

The presence of snow leopard traps the camera
हिम तेंदुए की मौजूदगी कैमरे में ट्रैप

श्रीनगर :जम्मू कश्मीर के ऊपरी बालटाल-जोजिला क्षेत्र की ऊंचाई पर लगे कैमरे में एक हिम तेंदुए को कैद किया गया है. इससे कश्मीर घाटी में इनकी मौजूदगी की संभावनाएं बढ़ गई हैं. वहीं इसको लेकर वन्यजीव संरक्षकों में खुशी है. दूसरी तरफ जानकारों का मानना ​​है कि नए सबूत सामने आने से हिम तेंदुए के संरक्षण की जिम्मेदारी और बढ़ जाएगी.

वहीं प्रकृति संरक्षण फाउंडेशन (भारत) के शोधकर्ताओं द्वारा जम्मू और कश्मीर वन्यजीव संरक्षण विभाग के साथ साझेदारी में कैमरा ट्रैपिंग अभ्यास ने एशियाई आइबेक्स, भूरा भालू और कश्मीर कस्तूरी मृग जैसी अन्य महत्वपूर्ण और दुर्लभ प्रजातियों के लिए उम्मीद जगाई है. बता दें कि पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित स्नो लेपर्ड पॉपुलेशन असेसमेंट ऑफ इंडिया (SPAI) परियोजना के तहत हिम तेंदुओं की उपस्थिति और बहुतायत को समझने के लिए सर्वेक्षण किए जा रहे हैं.

हिम तेंदुए की मौजूदगी कैमरे में ट्रैप

इस संबंध में जम्मू-कश्मीर डिपार्टमेंट ऑफ वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एंड नेशनल कंजर्वेशन फाउंडेशन के प्रोग्राम मैनेजर मुनीब खानयारी ने कहा, 'विभाग हिम तेंदुओं की मौजूदगी और बहुतायत को समझने के लिए पार्टनर एनजीओ के साथ सर्वे कर रहा है. उन्होंने कहा कि यह स्नो लेपर्ड पॉपुलेशन असेसमेंट के तहत किया जा रहा है. उन्होंने कहा, हिम तेंदुआ पर्यावरणीय परिवर्तनों को लेकर तेजी से प्रतिक्रिया करता है इस वजह से इसके सफल संरक्षण के लिए आवास की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले खतरों के लिए स्थायी दीर्घकालिक प्रणालीगत समाधान की जरूरत होती है.

उन्होंने बताया कि विभिन्न टीमें कुछ वर्षों से जम्मू-कश्मीर के संभावित हिम तेंदुए क्षेत्रों का सर्वेक्षण कर रही हैं, जो अब लगभग 12,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करती हैं. इसमें अब ग्रीज़, थुजावास, बालटाल-जोजिला, वरुण और किश्तवाड़ आदि शामिल हैं. हालांकि जम्मू और कश्मीर में हिम तेंदुओं की मौजूदगी के बहुत सीमित ही प्रमाण हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इन परिदृश्यों से चल रहे सर्वेक्षणों से इस तरह के और निष्कर्ष निकलने की उम्मीद है. सर्वेक्षण टीम में तंगमर्ग (बारामूला) के आशिक डार, सरबल के एजाज रैना, किब्बर (हिमाचल प्रदेश) के तंजिन ठुक्टन, रिनचेन तोबगे और केसांग चुनित शामिल थे. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि हिम तेंदुए (पैंथेरा यूनिया) को व्यापक अवैध शिकार की वजह से रेड लिस्ट में रखने के कारण इसके संरक्षण को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किए जाने की जरूरत है.

ईटीवी भारत से फोन पर बात करते हुए, कश्मीर के क्षेत्रीय वन्यजीव वार्डन राशिद याह्या नकाश ने कहा कि किश्तवाड़ हाई एल्टीट्यूड नेशनल पार्क के कियार नाला से इसी तरह के कैमरे से तस्वीरें ट्रैप किए जाने की खबरें हैं. उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर में पहली बार हम हिम तेंदुओं की उपस्थिति के बारे में जानकारी जुटाने में सक्षम हुए हैं.

ये भी पढ़ें - Cheetahs First Hunt बड़े बाड़े में छोड़े जाने के 24 घंटे के भीतर चीतों ने किया पहला शिकार, चीतल को बनाया आहार, पार्क प्रबंधन खुश

ABOUT THE AUTHOR

...view details