श्रीनगर :जम्मू कश्मीर के ऊपरी बालटाल-जोजिला क्षेत्र की ऊंचाई पर लगे कैमरे में एक हिम तेंदुए को कैद किया गया है. इससे कश्मीर घाटी में इनकी मौजूदगी की संभावनाएं बढ़ गई हैं. वहीं इसको लेकर वन्यजीव संरक्षकों में खुशी है. दूसरी तरफ जानकारों का मानना है कि नए सबूत सामने आने से हिम तेंदुए के संरक्षण की जिम्मेदारी और बढ़ जाएगी.
वहीं प्रकृति संरक्षण फाउंडेशन (भारत) के शोधकर्ताओं द्वारा जम्मू और कश्मीर वन्यजीव संरक्षण विभाग के साथ साझेदारी में कैमरा ट्रैपिंग अभ्यास ने एशियाई आइबेक्स, भूरा भालू और कश्मीर कस्तूरी मृग जैसी अन्य महत्वपूर्ण और दुर्लभ प्रजातियों के लिए उम्मीद जगाई है. बता दें कि पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित स्नो लेपर्ड पॉपुलेशन असेसमेंट ऑफ इंडिया (SPAI) परियोजना के तहत हिम तेंदुओं की उपस्थिति और बहुतायत को समझने के लिए सर्वेक्षण किए जा रहे हैं.
इस संबंध में जम्मू-कश्मीर डिपार्टमेंट ऑफ वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एंड नेशनल कंजर्वेशन फाउंडेशन के प्रोग्राम मैनेजर मुनीब खानयारी ने कहा, 'विभाग हिम तेंदुओं की मौजूदगी और बहुतायत को समझने के लिए पार्टनर एनजीओ के साथ सर्वे कर रहा है. उन्होंने कहा कि यह स्नो लेपर्ड पॉपुलेशन असेसमेंट के तहत किया जा रहा है. उन्होंने कहा, हिम तेंदुआ पर्यावरणीय परिवर्तनों को लेकर तेजी से प्रतिक्रिया करता है इस वजह से इसके सफल संरक्षण के लिए आवास की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले खतरों के लिए स्थायी दीर्घकालिक प्रणालीगत समाधान की जरूरत होती है.