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आगरा में अर्ध-चेतन अवस्था में मिला मिस्र का दुर्लभ गिद्ध, एनजीओ ने बचाया

आगरा में सेंट पीटर्स चर्च के बगीचे में अर्ध-चेतन अवस्था में एक गिद्ध मिला. जिसके बाद चर्च के सदस्य ने एनजीओ 'वाइल्डलाइफ एसओएस' को इसकी जानकारी दी. एनजीओ का बचाव दल मौके पर पहुंच कर मिस्र के इस दुर्लभ गिद्ध को बचाया.

मिस्र का दुर्लभ गिद्ध
मिस्र का दुर्लभ गिद्ध

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Published : Aug 31, 2021, 3:02 PM IST

Updated : Aug 31, 2021, 3:37 PM IST

आगरा : उत्तर प्रदेश के आगरा में गैर-लाभकारी संगठन 'वाइल्डलाइफ एसओएस' की रैपिड रिस्पांस यूनिट द्वारा मिस्र के एक दुर्लभ गिद्ध को शहर के एक चर्च में गंभीर अवस्था में पाए जाने के बाद बचाया गया. गिद्ध वर्तमान में एनजीओ की ट्रांजिट सुविधा में निगरानी में है.

आगरा में अचानक तापमान बढ़ने से गर्मी की थकावट और निर्जलीकरण के कारण एक पक्षी के गिरने की एक और घटना हुई. सेंट पीटर्स चर्च के सदस्य चर्च के बगीचे में अर्ध-चेतन अवस्था में पड़े एक गिद्ध को देखकर हैरान रह गए. इसकी भलाई के बारे में चिंतित, उन्होंने तुरंत वाइल्डलाइफ एसओएस से संपर्क किया.

मिस्र का दुर्लभ गिद्ध

एनजीओ द्वारा दो सदस्यीय बचाव दल भेजा गया था, जो आगरा शहर में संकटग्रस्त जंगली जानवरों के लिए पशु एम्बुलेंस सेवाएं प्रदान करता है.

इस मौके पर पहुंचकर उन्होंने पुष्टि की कि पक्षी मिस्र का एक किशोर गिद्ध था. उन्होंने व्यथित पक्षी को सावधानी से एक परिवहन कंटेनर में स्थानांतरित कर दिया और फिर उसे स्वास्थ्य सुविधा केंद्र भेजा गया.

वाइल्डलाइफ एसओएस पशु चिकित्सकों द्वारा एक विस्तृत जांच से पता चला कि गिद्ध गंभीर निर्जलीकरण और गर्मी की थकावट से पीड़ित था. पहले कदम के रूप में, गिद्ध को अपनी ताकत वापस पाने के लिए मौखिक पुनर्जलीकरण समाधान और ग्लूकोज दिया गया था.

युवा रैप्टर स्वस्थ हो रहा है और पूरी तरह स्वस्थ होने पर उसे उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया जाएगा.

वाइल्डलाइफ एसओएस के लिए पशु चिकित्सा सेवाओं के उप निदेशक इलियाराजा ने कहा, 'मिस्र के युवा गिद्ध छोटी उड़ानें लेते हैं, अक्सर शिकारियों से रहित सुरक्षित क्षेत्रों में आराम करने के लिए रुकते हैं. यह विशेष गिद्ध गंभीर निर्जलीकरण और हीटस्ट्रोक के कारण उड़ान भरने में असमर्थ था.'

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, 'मिस्र का गिद्ध एक दुर्लभ रैप्टर है जो हमारे पारिस्थितिकीतंत्र में एक अभिन्न भूमिका निभाता है. जैसे ही गिद्ध अधिक ऊंचाई पर उड़ते हैं, वे निर्जलीकरण और गर्मी के थकावट से पीड़ित होने के लिए अधिक प्रवण होते हैं. हमारी टीम ने गिद्ध को चिकित्सा पर्यवेक्षण के तहत रखा है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह इस परीक्षा से सुरक्षित रूप से स्वस्थ हो सके.'

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मिस्र का गिद्ध सभी गिद्धों में सबसे छोटा है. शिकार आधार में तेजी से गिरावट, पशु चिकित्सा दवाओं द्वारा जहर और बिजली के झटके से इसे तेजी से खतरा हो रहा है. मिस्र के गिद्ध को अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) की लाल सूची में विश्व स्तर पर लुप्तप्राय प्रजातियों के रूप में वर्गीकृत किया गया है.

(आईएएनएस)

Last Updated : Aug 31, 2021, 3:37 PM IST

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