सोनभद्र: पोक्सो मामले की सुनवाई कर रही स्पेशल कोर्ट ने रेप और अप्राकृतिक दुष्कर्म करने के बाद बच्ची की हत्या करने वाले को मौत की सजा सुनाई. शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए अदालत ने दुष्कर्म के बाद बच्ची की हत्या को जघन्य करार दिया और दोषी करार दिए गए शख्स को फांसी की सजा दी. अभियोजन पक्ष के वकील के अनुसार, दोषी के खिलाफ परिस्थितिजन्य साक्ष्य के अलावा फारेंसिक जांच में आरोपों की पुष्टि हुई. डीएनए की जांच में भी साबित हुआ कि बच्ची की बॉडी और हाथ पर मिले बाल हत्यारे के ही थे.
विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) ने 7 वर्षीय बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में दोषी युवक को फांसी की सजा सुनाई है. बच्ची की हत्या 6 नवंबर 2020 को हुई थी. पुलिस ने माता पिता की तहरीर के आधार पर आरोपी युवक को पकड़ा था. इस मामले में पुलिस ने घटना के बाद लगभग नौ महीने में आरोप तय किए. कोर्ट ने आरोप तय होने के एक वर्ष के भीतर ही तेजी से सुनवाई करते हुए दोषी को फांसी की सजा सुना दी.
बता दें कि 6 नवंबर 2020 को 7 वर्षीय बच्ची अपने घर के आंगन में खेल रही थी. इसी दौरान पिता पवन कुमार के बड़े भाई का साला शिवम आया. वह बच्ची को बिस्कुट दिलाने का लालच देकर एकांत स्थान पर ले गया. शिवम ने बच्ची के साथ दुष्कर्म और अप्राकृतिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. इसके बाद उसने बच्ची की बेरहमी से गला दबाकर हत्या कर दी और उसके शव को गांव के पास ही नाले में फेंक दिया. बीजपुर पुलिस ने बच्ची के शव को बरामद किया था.
अभियोजन पक्ष के वकील दिनेश अग्रहरि ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बच्ची के शरीर पर कुल 10 चोटें पाई गई थी. बच्ची के अंडर गारमेंट में पाए गए बाल और मृतका बच्ची के हाथों की मुट्ठी में मिले बालों का मिलान किया गया. पुलिस ने इस बालों की डीएनए जांच कराई. इसके साथ ही शिवम के बालों का भी डीएनए टेस्ट कराया गया. डीएनए टेस्ट रिपोर्ट में यह सामने आया कि लड़की के कपड़ों और हाथ में मिले बाल शिवम के ही थे. कोर्ट ने ऐसी बर्रबरता को देखते हुए धारा 376 AB,377,302,201,364 के दोषी शिवम को फांसी की सजा सुनाई है. दोषी को सजा सुनाए जाने के समय मृतक बच्ची के मां-बाप भी कोर्ट रूम में मौजूद थे. फैसला सुनने के बाद उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े. बच्ची के परिजनों ने पुलिस को धन्यवाद देते हुए फैसले पर अपना संतोष जाहिर किया है.
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