पणजी : पत्रकार तरुण तेजपाल ( Journalist Tarun Tejpal )ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court)में याचिका दाखिल कर वर्ष 2013 के दुष्कर्म मामले में उन्हें बरी करने के खिलाफ गोवा सरकार द्वारा दायर अपील पर ‘बंद कमरे’ में सुनवाई का अनुरोध किया. साथ ही उन्होंने अपील की विचारणीयता को लेकर शुरुआती आपत्ति दर्ज कराते हुए उसे खारिज करने की गुहार लगाई.
हालांकि, गोवा सरकार की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General of India Tushar Mehta) ने तेजपाल की 'बंद कमरे में' सुनवाई की अपील का विरोध करते हुए कहा कि देश को जानने का हक है कि कैसे संस्था ने लड़की (पीड़िता) के साथ व्यवहार किया.
उल्लेखनीय है कि 21 मई को सत्र अदालत ने तहलका मैगजीन के प्रधान संपादक तेजपाल को बलात्कार के मामले में बरी कर दिया था. उनपर आरोप था कि उन्होंने नवंबर 2013 में गोवा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पंच सितारा होटल के लिफ्ट में अपनी सहकर्मी पर यौन हमला किया. इस फैसले के खिलाफ गोवा सरकार ने उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की है.
तेजपाल के वकील अमित देसाई ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय की गोवा पीठ में न्यायमूर्ति एम एस सोनक और न्यायमूर्ति एम एस जावलकर की खंडपीठ से मामले की सुनवाई ‘बंद कमरे’ में करने की अपील की, जैसा कि इस मामले में निचली अदालत में सुनवाई हुई थी.