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Chittorgarh Rape and Murder Case : 3 वर्ष की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में आरोपी को मृत्युदंड - Pocso Court Verdict of Chittorgarh

3 साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर शव कुएं में फेंकने के मामले में (Chittorgarh Minor Girl Rape and Murder Case) न्यायालय ने एक साल के भीतर शुक्रवार को अपना फैसला सुना दिया. पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुनाई है.

District and Sessions Court Chittorgarh
District and Sessions Court Chittorgarh

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Published : Mar 31, 2023, 9:03 PM IST

शोभा लाल जाट ने क्या कहा...

चित्तौड़गढ़.बच्ची से दुष्कर्म और उसके बाद हत्या के मामले में चित्तौड़गढ़ पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी को मौत की सजा सुनाई है. प्रकरण के अनुसार 21 अप्रैल 2022 को बस्सी थाना क्षेत्र के एक गांव में भीलवाड़ा जिले के बीगोद थाना अंतर्गत किशनपुरा गांव से एक बारात आई थी. उसमें किशनपुरा का ही 35 वर्षीय रामेश्वर उर्फ रमेश पुत्र नाना लाल धाकड़ भी शामिल था. दोपहर में बारातियों के खाने के साथ फेरों का कार्यक्रम चल रहा था. इसी दौरान गांव से 3 वर्षीय एक बच्ची गायब हो गई.

परिजनों ने उसे खूब ढूंढा, लेकिन उसका पता नहीं चला. इस पर गांव के लोगों द्वारा भी उसकी तलाश शुरू कर दी गई. कुछ लोगों ने बरात में शामिल रामेश्वर लाल को बच्ची को कुें की ओर ले जाते देखा था. इस पर गांव के लोगों ने रामेश्वर लाल को पकड़ा तो उसने बच्ची को कुएं की तरफ जाने की बात कही और शाम को अपने गांव चला गया. इस बीच सूचना पर बस्सी थाना प्रभारी गणपत सिंह पुलिस बल के साथ पहुंच गए. पुलिस द्वारा जब रामेश्वर लाल के बारे में पता किया गया तो उसके गांव जाने की बात सामने आई.

पढ़ें :Chittorgarh minor girl rape and murder case: मासूम से दुष्कर्म और हत्या मामले में जांच पूरी, पुलिस ने आठ दिन में पेश किया चालान

इस बीच एक गांव के कुछ लोग रात को ही उसके गांव पहुंच गए और उसे पकड़ ले आए. पुलिस की पूछताछ के आगे रामेश्वर लाल उर्फ रमेश ज्यादा टिक नहीं पाया और उसने दुष्कर्म के बाद बच्ची की गला घोंटकर हत्या कर शव कुएं में फेंकने का अपराध स्वीकार कर लिया. मोटर लगाकर कुएं से पानी बाहर निकाला गया तो 3 वर्षीय बालिका का शव निकला. पॉक्सो कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक शोभा लाल जाट के अनुसार मामले को स्पेशल कैटेगरी में रखते हुए आरोपी के खिलाफ पॉक्सो सहित विभिन्न धाराओं में चालान पेश किया गया.

दोनों ही पक्षों की सुनवाई के बाद न्यायालय ने 29 मार्च को आरोपी को दोषी मानते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और शुक्रवार को सजा का एलान किया. उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से 23 गवाह और 90 दस्तावेज पेश किए गए. पीठासीन अधिकारी ने अपने निर्णय में भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के तहत अभियुक्त रामेश्वर लाल को 5 साल, 261 के तहत 10 साल कठोर कारावास तथा धारा 302 के तहत मृत्युदंड सुनाया. वहीं, पॉक्सो एक्ट के तहत अंतिम सांस तक आजीवन कारावास से दंडित किया. बता दें कि इस जघन्य हत्याकांड की गूंज विधानसभा तक उठी थी. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए महज कुछ दिनों के भीतर मामले में आरोप पत्र पेश कर दिया.

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