रामपाल के वकील जेके गक्खड़. रोहतक: हरियाणा के रोहतक में करीब 16 साल पहले हुए करौंथा कांड में अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए सतलोक आश्रम करौंथा के संचालक रामपाल को बरी कर दिया है. हत्या, जानलेवा हमला करने व विभिन्न अन्य धाराओं के तहत दर्ज केस में सतलोक आश्रम करौंथा के संचालक रामपाल सहित 33 लोग नामजद हैं. (Rampal acquitted in Karontha case)
क्या है पूरा मामला:बता दें कि रामपाल के बंदी छोड़ भक्ति मुक्ति ट्रस्ट ने गांव करौंथा में सतलोक आश्रम खोला था. इसका आर्य समाजियों और आसपास के ग्रामीणों ने विरोध किया, लेकिन 12 जुलाई 2006 को करौंथा के सतलोक आश्रम के बाहर भीड़ एकत्रित हो गई. वहीं, रामपाल के अनुयायियों व आर्य समाजियों में टकराव हो गया था. (verdict in karontha case )
विवाद इतना बढ़ गया था की फायरिंग तक की नौबत आ गयी थी. फायरिंग में जिले के गांव बाघपुर निवासी सोनू की मौत हो गई थी, वहीं 59 लोग घायल हो गए थे. रामपाल पर करौंथा आश्रम में हुई हिंसा के मामले में आईपीसी की धारा- 302 307 323 समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज था. इस विवाद में पुलिस ने रामपाल सहित अन्य को हिरासत में लेकर आश्रम को सील कर कब्जे में ले लिया था. 2013 में आश्रम को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बंदी छोड़ भक्ति मुक्ति ट्रस्ट को दे दिया गया. वहीं, करौंथा में दोबारा हुई हिंसा के बाद रामपाल बरवाला में शिफ्ट हो गए थे. वहीं, नवंबर 2014 में करौंथा कांड की CBI से जांच कराने की मांग उठी थी. (Who is Rampal) (Rampal latest News)
रामपाल के वकील की दलील: वही, रामपाल के वकील जेके गक्खड़ ने कहा कि 12 जुलाई 2016 में करौंथा में पुलिस को सूचना मिली थी कि वहां पर पंचायत इकट्ठी हुई है और बड़ी हिंसा हो सकती है. इसके बाद करीब 4 से 5 हजार पुलिसकर्मी और पुलिस के जवान करौंथा आश्रम में पहुंचे थे और वहां पर हिंसा हुई थी. इस हिंसा में कुल 66 लोग को चोटें आईं थी एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. जेके गक्खड़ ने कहा कि जिस व्यक्ति की मौत हुई थी उसमें पुलिस यह साबित नहीं कर पाई आश्रम में मिले हथियारों से एक व्यक्ति की मौत हुई है. वहीं, सबूत न मिलने के चलते भी एडिशनल सेशन जज राकेश कुमार ने रामपाल समेत 23 लोगों को बरी कर दिया है.
क्या है रामपाल प्रकरण?: रामपाल नवंबर 2014 से जेल में बंद है. इसके खिलाफ दो मामले छह लोगों की हत्या से जुड़े हैं. इस मामले में हिसार जिले के बरवाला शहर के समीप उसके सतलोक आश्रम में पुलिस और उसके समर्थकों के बीच हिंसक झड़प में छह लोग मारे गए थे. इससे पहले, हिसार अदालत ने अगस्त 2017 में रामपाल को लोगों को बंधक बनाने, गैरकानूनी ढंग से इकट्ठा होने, लोकसेवक के आदेश की अवहेलना करने के दो मामलों में बरी कर दिया था.
रामपाल इसके अलावा हत्या की साजिश रचने, देशद्रोह व दंगा भड़काने के आरोपों का सामना कर रहा है. वह और उसके करीबी सहयोगियों व निजी सेना ने नवंबर 2014 में पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के उसे गिरफ्तार करने की आज्ञा के बावजूद पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया था. रामपाल के बच निकलने के प्रयास के क्रम में पांच महिलाओं व एक शिशु की मौत हो गई थी. इन मामलों में रामपाल समेत कुल 15 लोगों को दोषी करार दिए गए हैं.
ये भी पढ़ें:हरियाणा में धर्म परिवर्तन कानून को राज्यपाल की मंजूरी, सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन