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प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव : भूतल पर विराजेंगे रामलला, प्रथम तल पर सजेगा राम दरबार

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust) ने एक पत्र जारी कर मंदिर के अंदरूनी स्वरूप की जानकारी श्रद्धालुओं को दी है. पत्र में बताया है कि बाल रूप रामलला कहां विराजेंगे और किस स्थान पर उनका दरबार सजेगा. साथ ही ट्रस्ट ने 22 जनवरी (22 january) को प्राण प्रतिष्ठा के दिन धर्म-कर्म के विविध आयोजन करने का लोगों से आह्वान किया है.

अयोध्या
अयोध्या

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 3, 2023, 7:44 PM IST

अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर जहां एक तरफ व्यापक स्तर पर तैयारियां चल रही हैं, वहीं दूसरी तरफ श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने एक भावनात्मक संदेश राम भक्तों के लिए जारी किया है. दो पन्ने के इस संदेश में किस तरह प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को पूरे देश में मनाया जाए, आग्रह करते हुए बताया गया है. साथ ही मंदिर निर्माण की पूरी जानकारी भी राम भक्तों को उपलब्ध कराई गई है.

ट्रस्ट ने मंदिर के संपूर्ण स्वरूप की दी जानकारी, नागर शैली में हुआ निर्माण

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर का जो विवरण राम भक्तों के सामने प्रस्तुत किया है, उसमें बताया गया है कि राम मंदिर परंपरागत नागर शैली में निर्मित है. मंदिर की लंबाई पूर्व और पश्चिम से 380 फीट, चौड़ाई 250 और ऊंचाई 161 फीट है. भगवान राम का मंदिर तीनमंजिला है. प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट है. पूरे मंदिर परिसर में 392 खंभे और 44 दरवाजे लगाए जाएंगे.

अयोध्या राम मंदिर में की गई आकर्षक कारीगरी.

भूतल पर विराजेंगे रामलला, प्रथम तल पर होगा रामदरबार

राम मंदिर के भूतल पर प्रभु राम के बाल रूप का विग्रह होगा, जबकि प्रथम तल पर उनका दरबार सजेगा. इसमें प्रभु श्री राम, माता जानकी, भाई लक्ष्मण और भक्त हनुमान होंगे. मंदिर परिसर में पांच मंडप बनाए गए हैं, जिनमें नृत्य मंडप, रंग मंडप, प्रार्थना मंडप, कीर्तन मंडप और सभा मंडप शामिल है. मंदिर के खंभों और दीवारों पर देवी देवताओं की प्रतिमाएं बनाई गई हैं. मंदिर में प्रवेश के लिए पूर्व दिशा से 32 सीढ़ियां हैं, जिनकी ऊंचाई 16.5 फीट है. जिसे पार करने के बाद सामने सिंह द्वार मिलेगा.

अयोध्या राम मंदिर में आकर्षक सजावट.

दिव्यांग जनों के लिए होगी लिफ्ट और रैंप की सुविधा

मंदिर में दिव्यांगजनों तथा वृद्धों के लिए रैंप एवं लिफ्ट की व्यवस्था होगी. मंदिर के चारों ओर आयताकार परकोटा है, जिसकी लंबाई 732 मीटर और चौड़ाई 4.25 मीटर है. परकोटे के चारों कोने पर चार मंदिर जिनमें भगवान सूर्य, भगवान शंकर, भगवान गणपति, देवी भगवती के मंदिर होंगे. परकोटे की दक्षिणी भुजा में हनुमान जी एवं उत्तरी भुजा में अन्नपूर्णा माता का मंदिर होगा. मंदिर के दक्षिणी भाग में पौराणिक सीताकूप भी मौजूद रहेगा.

बनेंगे विभिन्न देवी-देवताओं और ऋषि-मुनियों के मंदिर

परकोटे के बाहर दक्षिण दिशा में प्रस्तावित मंदिर में महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त, निषाद राज, माता शबरी एवं देवी अहिल्या के मंदिर बनाए जाएंगे. मंदिर परिसर के दक्षिण पश्चिम भाग में नवरत्न कुबेर टीले पर स्थित शिव मंदिर का जीर्णोद्धार होगा एवं रामभक्त जटायुराज की प्रतिमा की स्थापना होगी.

जानिए क्या आग्रह किया है ट्रस्ट ने रामभक्तों से

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम भक्तों से एक निवेदन किया है. पत्र के जरिये जानकारी दी है कि आगामी पौष द्वादशी विक्रम संवत 2080 सोमवार दिनांक 22 जनवरी 2024 के शुभ दिन प्रभु श्री राम के बाल रूप नूतन विग्रह को श्री राम जन्मभूमि पर बन रहे नवीन मंदिर के भूतल गर्भ ग्रह में विराजित कर प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इस अवसर पर अयोध्या में अभूतपूर्व आनंद का वातावरण होगा. आप भी प्राण प्रतिष्ठा के दिन पूर्वाह्न 11 से अपराह्न 01 बजे के मध्य अपने ग्राम, मोहल्ले, कॉलोनी के मंदिर में राम भक्तों को एकत्रित कर भजन कीर्तन करें. स्क्रीन लगाकर प्राण प्रतिष्ठा समारोह समाज को दिखाएं. शंख, ध्वनि, घंटा, नाद और आरती कर प्रसाद वितरित करें.

रामनाम मंत्र का सामूहिक रूप से करें जाप

पत्र में ट्रस्ट ने कहा है कि कार्यक्रम का स्वरूप मंदिर पर केंद्रित रहे. मंदिर में स्थित देवी-देवता का भजन कीर्तन, आरती-पूजा तथा श्री राम जय राम, जय जय राम मंत्र का जाप 108 बार सामूहिक रूप से करें. इसके साथ हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, रामरक्षा स्तोत्र आदि का सामूहिक पाठ भी कर सकते हैं. इससे संपूर्ण भारत का वातावरण सात्विक एवं राममय हो जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा समारोह दूरदर्शन द्वारा सीधे प्रसारित किया जाएगा.अनेक चैनलों के माध्यम से भी प्रसारण किया जाएगा.

प्राण प्रतिष्ठा के दिन शाम को हर घर के सामने जलाएं दीप

ट्रस्ट ने लोगों से आग्रह किया है कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन सांय काल सूर्यास्त के बाद अपने घर के सामने देवी-देवताओं की प्रसन्नता के लिए दीपक जलाएं. दीपमालिका सजा विश्व के करोड़ों घरों में दीपोत्सव मनाया जाए. निवेदन किया है कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन के उपरांत प्रभु श्री रामलला तथा नवनिर्मित मंदिर के दर्शन के लिए अयोध्या परिवार सहित आएं.

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