नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को योग गुरु रामदेव की उस याचिका पर केंद्र, बिहार और छत्तीसगढ़ से जवाब मांगा है. याचिका में रामदेव ने एलोपैथिक दवाओं के उपयोग के खिलाफ टिप्पणियों के संबंध में दर्ज कई एफआईआर में कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है. रामदेव ने कोविड महामारी के दौरान कथित रूप से एलोपैथिक दवाओं के उपयोग के खिलाफ टिप्पणी की थी.
जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) को भी नोटिस जारी किया और चार सप्ताह के भीतर उनसे जवाब मांगा. शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि उत्तरदाताओं को नोटिस जारी करें. शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि प्रतिवादी संख्या 1 और 4 को औपचारिक नोटिस जारी करने की कोई आवश्यकता नहीं है. उत्तरदाताओं संख्या 2 और 3 को नोटिस जारी किया जाना चाहिए. नोटिस की सेवा उत्तरदाताओं/राज्यों के स्थायी वकील पर भी लागू की जाएगी.
रामदेव का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने प्रस्तुत किया कि उनके मुवक्किल ने 2021 में एक बयान दिया था कि वह एलोपैथिक दवाओं पर विश्वास नहीं करते हैं, जिस पर कुछ डॉक्टरों ने नाराजगी जताई और उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए.