हैदराबाद :तेलंगाना के रामप्पा मंदिर को विश्व धरोहर (global heritage) में शामिल किया गया है. यूनेस्को ने आज इसका एलान किया है. विश्व धरोहरों की सूची में शामिल करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने इस मंदिर का प्रस्ताव संस्कृति मंत्रालय को भेजा था.
तेलंगाना का रामप्पा मंदिर मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद इसे संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक व सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) को भेजा गया था.
वारंगल स्थित यह 12वीं सदी का काकतिया रूद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर (Kakatiya Rudreshwara (Ramappa) Temple) इकलौता ऐसा मंदिर है, जिसका नाम इसके शिल्पकार रामप्पा के नाम पर रखा गया. इस मंदिर का निर्माण काकतिया वंश के महाराज ने कराया था.
तेलंगाना का रामप्पा मंदिर खास बात यह है कि इस दौर में बने अधिकांश मंदिर जहां अब खंडहर हो चुके हैं. वहीं, कई प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद रामप्पा मंदिर अब भी अपना वजूद बनाए रखा है, जो कि शोध का विषय भी रहा है.
फ्रांस के भारतीय दूतावास की ट्वीट रामप्पा मंदिर में भगवान शिव विराजमान हैं, इसलिए इसे रामलिंगेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.
रुद्रेश्वर मंदिर का निर्माण 1213 ईस्वी में काकतिय साम्राज्य के शासनकाल के दौरान कराया गया था. यह मंदिर रेचारला रुद्र ने बनवाया था जो काकतिय राजा गणपति देव के एक सेनापति थे. यह भगवान शिव को समर्पित मंदिर है और मंदिर के अधिष्ठाता देवता रामलिंगेश्वर स्वामी हैं.
मंदिर के बारे में यूनेस्को की ट्वीट केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने ट्वीट किया कि मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि यूनेस्को ने तेलंगाना के वारंगल के पालमपेट में स्थित रामप्पा मंदिर को विश्व धरोहर स्थल के तौर पर मान्यता दी है. उन्होंने कहा कि राष्ट्र, खासकर, तेलंगाना के लोगों की ओर से, मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उनके मार्गदर्शन और समर्थन के लिए आभार व्यक्त करता हूं.
किशन रेड्डी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण, संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की विश्व विरासत समिति की बैठक 2020 में आयोजित नहीं की जा सकी थी और 2020 और 2021 के नामांकनों पर ऑनलाइन बैठक की एक श्रृंखला में चर्चा की जा रही है. उन्होंने कहा कि रामप्पा मंदिर पर रविवार को चर्चा की गई.
पीएम मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि उत्कृष्ट! सभी को बधाई, खासकर तेलंगाना की जनता को. प्रतिष्ठित रामप्पा मंदिर महान काकतिय वंश के उत्कृष्ट शिल्प कौशल को प्रदर्शित करता है. मैं आप सभी से इस शानदार मंदिर के परिसर में जाने और इसकी भव्यता का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने का आग्रह करता हूं.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने यूनेस्को के फैसले की सराहना की
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने ऐतिहासिक रामप्पा मंदिर को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता देने के यूनेस्को के फैसले की सराहना की. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, राव ने यूनेस्को के सदस्य राष्ट्रों, केंद्र सरकार को उसके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया.
तेलंगना के पर्यटन मंत्री वी श्रीनिवास गौड़ ने ट्विटर पर कहा कि यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि काकतिय युग के 800 साल पुराने रामप्पा मंदिर को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में अंकित किया गया है.
किशन रेड्डी ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की पूरी टीम को रामप्पा मंदिर को विश्व धरोहर स्थल बनाने की दिशा में उनके अथक प्रयासों के लिए बधाई दी और विदेश मंत्रालय का भी उनकी कोशिशों के लिए आभार जताया.
काकतियों के मंदिर परिसरों की एक विशिष्ट शैली, तकनीक और सजावट है जो काकतिय मूर्तिकार के प्रभाव को प्रदर्शित करती है.