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Ramadan 2022 : देश के कई हिस्सों में नजर आया रमजान का चांद, रविवार को पहला रोजा

भारत में कल से पवित्र रमजान महीने का रोजा (व्रत) शुरू होगा है. देश के कई हिस्सों में रमजान का चांद नजर आया है. दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी ने रमजान का चांद देखे जाने की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों में रमजान का चांद दिखा, रविवार को पहला रोजा होगा.

Ramadan 2022
रमजान का चांद

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Published : Apr 2, 2022, 7:48 PM IST

Updated : Apr 2, 2022, 11:00 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में शनिवार को रमजान के पवित्र महीने का चांद नजर आ गया. लिहाज़ा पहला रोज़ा रविवार को होगा. चांदनी चौक स्थित फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मोहम्मद मुकर्रम अहमद ने बताया कि दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान समेत कई राज्यों में शनिवार शाम को चांद नज़र आ गया है. उन्होंने कहा कि इस्लामी कैलेंडर के नौवें महीने रमज़ान का पहला दिन रविवार (तीन अप्रैल) को होगा. जामा मस्जिद के शाही इमाम सैय्यद अहमद बुखारी ने कहा कि मुल्क के अलग अलग शहरों में रमज़ान का चांद नज़र आया है, लिहाज़ा ऐलान किया जाता है कि तीन अप्रैल को पहला रोज़ा होगा.

मुस्लिम संगठन इमारत-ए-शरिया-हिंद ने एक बयान में कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों में चांद नज़र आने की पुष्टि हुई है. संगठन की रूयत-ए-हिलाल समिति (चांद समिति) के सचिव असदुद्दीन कासमी के हवाले से बयान में कहा गया है कि देश में तीन अप्रैल से रमज़ान के महीने का आगाज़ हो रहा है. इमारत-ए-शरिया-हिंद, जमीयत-उलेमा-ए-हिंद का हिस्सा है. वहीं, लखनऊ ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि आज लखनऊ में रमजान का चांद नजर आ गया है. हम लोगों ने खुद चांद देखा है. कल तीन अप्रैल को पहला रोजा होगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत के अवसर पर शनिवार को लोगों को बधाई दी. मोदी ने कहा, 'यह पवित्र महीना लोगों को गरीबों की सेवा के लिए प्रेरित करे. यह हमारे समाज में शांति, सद्भाव और करुणा की भावना को और भी बढ़ाए.'

रमज़ान के महीने में मुसलमान रोज़ा (व्रत) रखते हैं, और सूरज निकलने से लेकर सूरज डूबने तक कुछ खाते-पीते नहीं हैं. इस बार पहली सहरी (सूरज निकलने से पहले का भोजन) का समय सुबह चार बजकर 48 मिनट पर खत्म होगा और इफ्तार (व्रत खोने का समय) शाम छह बजकर 42 मिनट पर है यानी करीब 14 घंटे का रोज़ा होगा. सूरज निकलने और डूबने के समय में परिवर्तन के साथ इसमें भी बदलाव होता रहेगा. रमज़ान में मुस्लिम समुदाय के लोग ईशा (पांच वक्त की नमाज़ में रात में साढ़े आठ बजे होने वाली अंतिम नमाज़) के बाद पूरे महीने विशेष नमाज़ अदा करते हैं, जिसे ‘तरावीह’ कहा जाता है. इस नमाज़ में कुरान का पाठ किया जाता है.

बीते दो बरस से कोरोना वायरस के चलते लगी पाबंदियों की वजह से धार्मिक स्थल बंद थे और 'तरावीह' की विशेष नमाज़ मस्जिदों में नहीं हो रही थी, हालांकि इस बार कोविड के मामले कम होने के बाद पाबंदियों को हटा लिया गया है. मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने कहा, इस बार कोविड का खतरा कम होने के बाद मस्जिदें खोल दी गई हैं और ‘तरावीह’ की नमाज़ होगी, लेकिन कोविड का खतरा पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, इसलिए एहतियात जरूरी है. उन्होंने कहा, चीन और दुनिया के कुछ हिस्सों में कोविड के मामले बढ़े हैं, जिस वजह से वहां पर लॉकडाउन लगा हुआ है. हमारे देश में भले ही खतरा कम हो गया हो, लेकिन लोग एहतियात बरतें और इसको पूरी तरह से खत्म करने की अल्लाह से दुआ मांगें.

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Last Updated : Apr 2, 2022, 11:00 PM IST

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