अहमदाबाद :गुजरात विधानसभा चुनाव की तैयारियां चल रही हैं. इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी गुजरात पहुंचे. उन्होंने कहा कि किसी भी पार्टी का कोई गढ़ नहीं है, अगर बीजेपी 27 साल से गुजरात में जीत रही है तो कांग्रेस की अक्षमता के कारण. उन्होंने कहा, इस बार हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेंगे और अपने उम्मीदवार उतारेंगे.
ओवैसी ने कहा कि वह गुजरात एआईएमआईएम पार्टी के नेताओं से मिलने आए हैं. रमजान के बाद भी आने वाले महीनों में गुजरात का दौरा करेंगे और यहां के लोगों से मिलेंगे. ओवैसी ने कहा कि 'गुजरात के लोगों ने प्यार और आशीर्वाद दिया है और हमारी पार्टी विधानसभा में सफलतापूर्वक पहुंची है.' उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम यूपी में नहीं जीती, लेकिन बिहार में जीती. जब गुजरात में नगर निगम चुनाव हुए तो जीत दर्ज की और काफी सीटें मिलीं. उन्होंने गुजरात विधानसभा चुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन करने का भरोसा जताया.
रामनवमी पर हिंसा के लिए वहां की राज्य सरकारें जिम्मेदार :एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM National President Asaduddin Owaisi) ने आरोप लगाया कि गुजरात समेत जिन राज्यों में रामनवमी को बवाल हुआ है, ये उन राज्यों की सरकारों की नाकामी है. उन्होंने कहा कि खंभात शहर में रामनवमी के जुलूस पर कथित हमले को लेकर गुजरात पुलिस ने जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, वे निर्दोष हैं और घटना के वक्त वे नमाज अदा कर रहे थे.
रामनवमी के जुलूस के दौरान 10 मार्च को विवाद के बाद हिम्मतनगर तथा खंभात शहरों में हुई सांप्रदायिक झड़पों का जिक्र करते हुए ओवैसी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी नीत राज्य सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम रही है. ओवैसी ने कहा, 'गुजरात एआईएमआईएम की एक टीम ने हिंसा के बाद खंभात शहर का दौरा किया था. उन्हें पता चला कि जिन लोगों पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था वे घटना के समय नमाज अदा कर रहे थे. और यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी थी कि जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से गुजरे.'
हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ओवैसी ने कहा, 'अगर आप इस तरह की घटनाओं पर पिछली जांच रिपोर्टों को देखे, तो यह लिखा गया था कि यदि राज्य चाहेगा तो हिंसा होगी और यदि राज्य नहीं चाहता है तो हिंसा कभी नहीं होगी. इसलिए, राज्य सरकार कानून व्यवस्था कायम रखने में नाकाम रही.' ओवैसी ने कहा, 'मेरी राय है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. लेकिन मीडिया ट्रायल नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह दिखाया गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों द्वारा पत्थर फेंके गए थे. ठोस सबूत होने पर दिखाएं. अन्यथा, मीडिया ट्रायल नहीं होना चाहिए.'
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दरअसल आणंद जिले की पुलिस ने बुधवार को कहा था कि रामनवमी पर खंभात शहर में सांप्रदायिक हिंसा शहर में मुस्लिम समुदाय का प्रभुत्व कायम करने के लिए 'स्लीपर मॉड्यूल' द्वारा रची गई एक 'सुनियोजित साजिश' थी. हिंसा की साजिश रचने में संलिप्तता के आरोप में पुलिस पहले ही 11 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.