दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा: गर्भगृह में विराजमान हुए रामलला, तीसरे दिवस का अनुष्ठान समाप्त

अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इसे लेकर मंगलवार से छह दिवसीय अनुष्ठान (Ram Mandir Pran Pratishtha Third Day) चल रहा है. आज तीसरे दिन का अनुष्ठान समाप्त होने के साथ ही रामलला गर्भगृह में विराजमान हो गए.

्पिे
ि्े

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 18, 2024, 6:17 AM IST

Updated : Jan 18, 2024, 9:54 PM IST

अयोध्या :रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में अब चंद दिन ही रह गए हैं. मंगलवार से छह दिवसीय अनुष्ठान की शुरुआत हो चुकी है. आज तीसरे दिन का अनुष्ठान समाप्त हो गया. आज रामलला गर्भगृह में विराजमान हो गए. प्रभु के श्रीमुख को छोड़कर उनके पूरे शरीर से आवरण को हटा दिया गया है. इससे पूर्व पूरे विधि विधान से रामलला के विग्रह को नवनिर्मित भव्य मंदिर के गर्भगृह में विराजमान कर दिया गया.इस अवसर पर दोनों पुरोहितों के साथ मुख्य यजमान डॉ अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी सहित ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय एवं ट्रस्ट से जुड़े अन्य लोग उपस्थित रहे.

गर्भगृह में विराजमान करने सेपूर्व मूर्ति को जल से स्नान कराया गया था. लेपन भी किया गया था. वाराणसी के वैदिक विद्वानों की अगुवाई में ये अनुष्ठान कराए जा रहे हैं. अनुष्ठान में विधि-विधान का पूरा ध्यान रखा गया. 21 जनवरी को अनुष्ठान का आखिरी दिन होगा. तीसरे दिन के आयोजन को लेकर सुबह से ही लोगों में उत्साह था. दोपहर बाद गर्भगृह में रामलला की नई मूर्ति पहुंच चुकी थी. अब 22 जनवरी को पीएम मोदी और सीएम योगी की मौजूदगी में विभिन्न अनुस्थानों के बीच प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न कराया जाएगा.

रामलला अपने सिंहासन पर विराजमान हो गए हैं. हालांकि, अभी प्रभु के विग्रह की आंखों पर पट्टी बांधी गई है और 22 जनवरी को यह पट्टी खोली जाएगी. इसके अतिरिक्त 18 जनवरी को होने वाले तमाम अनुष्ठान पूर्ण कर लिए गए हैं. खास बात यह है कि गर्भगृह में कार्य करने के लिए लगाए गए श्रमिकों के मोबाइल भी बाहर ही जमा करवा लिए जा रहे हैं, जिससे प्रभु श्री राम की प्रतिमा की कोई तस्वीर 22 जनवरी से पहले किसी तक न पहुंचे.

अयोध्या में बना रहे भगवान श्री राम के मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है. दिसंबर 2024 तक भगवान राम के मंदिर का निर्माण होने की उम्मीद है. अभी भगवान राम के मंदिर का शिखर बनकर तैयार नहीं है. ऐसे में 22 जनवरी के कार्यक्रम को लेकर एक अस्थायी शिखर बनाया जा रहा है. लकड़ी के स्ट्रक्चर पर कपड़े के माध्यम से इस शिखर को ठीक उसी रंग का बनाया जा रहा है जिस रंग के प्रभु श्री राम के मंदिर के पत्थर हैं. इस शिखर पर पूरे मंदिर परिसर की सजावट गुलाब जरबेरा और गेंदे के फूल से की जा रही है.

इससे पहले राम की पैड़ी परिसर में 4000 महिलाओं ने एकत्रित होकर अवसान मैया का पूजन किया था. शाकंभरी नवरात्र के प्रथम दिन प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर श्री राम जन्मभूमि परिसर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हर्षोल्लास के साथ संपन्न हो इसके लिए अयोध्या के महापौर व तीन कलसा तिवारी मंदिर के महंत गिरीश पति त्रिपाठी की पत्नी राजलक्ष्मी त्रिपाठी के संयोजन में राम की पैड़ी पर महिलाओं ने एक साथ अवसान मैया अर्थात दुखदुरिया माता का पूजन किया. यह पूजन इसलिए किया गया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा सकुशल संपन्न हो, पूरे विश्व में सुख-शांति हो और सनातन धर्म का परचम लहराए.

जैसे-जैसे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का दिन करीब आ रहा है, राम भक्तों में उल्लास भी बढ़ता जा रहा है. इसी के साथ मंगलवार से छह दिवसीय अनुष्ठान की शुरुआत हो चुकी है. आज अनुष्ठान का तीसरा दिन था. दोपहर से अनुष्ठान की शुरुआत हो गई थी. आज तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास का कार्यक्रम हुआ. रामलला की मूर्ति का जल से स्नान हुआ. इसके बाद शाम को उनके शरीर पर सुगंधित द्रव्यों का लेपन किया गया. इसके बाद शुभ मुहूर्त में रामलला को मंदिर के गर्भगृह में विराजमान करा दिया गया.

क्रेन से उठाकर रामलला की मूर्ति को रखा गया.
आज रामलला प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का तीसरा दिन है.

गणपति पूजा हुई

संकल्प के बाद गणेशाम्बिका पूजन, वरुण पूजन, चतुर्वेदोक्त पुण्याहवाचन, मातृका पूजन, वसोर्धारा पूजन (सप्त घृत मातृका पूजन), आयुष्यमन्त्र जप, नान्दीश्राद्ध, आचार्यादिचऋत्विग्वरण, मधुपर्क पूजन, मण्डप प्रवेश, पृथ्वी-कूर्म-अनन्त-वराह-यज्ञभूमि पूजन, दिग्ररक्षण, पञ्चगव्य प्रोक्षण, मण्डपाङ्ग वास्तुपूजन, वास्तु बलिदान, मण्डप सूत्रवेष्टन, दुग्ध धारा, जलधारा करण, षोडशस्तम्भपूजनादि मण्डप पूजा (तोरण, द्वार, ध्वज, आयुध, पताका, दिक्पाल, द्वारपालादिपूजा), का कार्यक्रम संपन्न हुआ.

कल कड़ी सुरक्षा में मंदिर परिसर में लाई गई थी मूर्ति.

मंगलवार को हुआ था कर्म कुटी पूजन :इससे पहले मंगलवार को प्रायश्चित और कर्म कुटी पूजन किया गया था. यह आयोजन विवेक सृष्टि परिसर में हुआ था. अन्य अनुष्ठान राम राम जन्मभूमि परिसर में कराए जा रहे हैं. वाराणसी के वैदिक विद्वानों सभी अनुष्ठान करा रहे हैं. वहीं बुधवार को रामलला की मूर्ति का परिसर में भ्रमण कराया गया था. इसके बाद वह मंदिर में प्रवेश कर गए थे. इसी कड़ी में कल (19 जनवरी) औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास और धान्याधिवास का अनुष्ठान होगा.

आज दोपहर से अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे.
शाम तक अनुष्ठान चलते रहेंगे.

कल कड़ी सुरक्षा के बीच पहुंची थी रामलला की मूर्ति : बुधवार की शाम करीब 7.30 बजे रामलला के नवनिर्मित विग्रह को विवेक सृष्टि परिसर से एटीएस कमांडो की निगरानी में जन्मभूमि परिसर रवाना किया गया था. मूर्ति के चारों तरफ से पॉलीथिन से ढंकी हुई थी. मैसूर के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज ने रामलला की 51 इंच की श्याम वर्ण मूर्ति बनाई है.

यह भी पढ़ें :स्केटिंग कर अयोध्या पहुंचेंगी काशी की सोनी चौरसिया, 4 दिन में पूरा करेंगी 228 किमी का सफर

Last Updated : Jan 18, 2024, 9:54 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details