अयोध्या :रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में अब चंद दिन ही रह गए हैं. मंगलवार से छह दिवसीय अनुष्ठान की शुरुआत हो चुकी है. आज तीसरे दिन का अनुष्ठान समाप्त हो गया. आज रामलला गर्भगृह में विराजमान हो गए. प्रभु के श्रीमुख को छोड़कर उनके पूरे शरीर से आवरण को हटा दिया गया है. इससे पूर्व पूरे विधि विधान से रामलला के विग्रह को नवनिर्मित भव्य मंदिर के गर्भगृह में विराजमान कर दिया गया.इस अवसर पर दोनों पुरोहितों के साथ मुख्य यजमान डॉ अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी सहित ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय एवं ट्रस्ट से जुड़े अन्य लोग उपस्थित रहे.
गर्भगृह में विराजमान करने सेपूर्व मूर्ति को जल से स्नान कराया गया था. लेपन भी किया गया था. वाराणसी के वैदिक विद्वानों की अगुवाई में ये अनुष्ठान कराए जा रहे हैं. अनुष्ठान में विधि-विधान का पूरा ध्यान रखा गया. 21 जनवरी को अनुष्ठान का आखिरी दिन होगा. तीसरे दिन के आयोजन को लेकर सुबह से ही लोगों में उत्साह था. दोपहर बाद गर्भगृह में रामलला की नई मूर्ति पहुंच चुकी थी. अब 22 जनवरी को पीएम मोदी और सीएम योगी की मौजूदगी में विभिन्न अनुस्थानों के बीच प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न कराया जाएगा.
रामलला अपने सिंहासन पर विराजमान हो गए हैं. हालांकि, अभी प्रभु के विग्रह की आंखों पर पट्टी बांधी गई है और 22 जनवरी को यह पट्टी खोली जाएगी. इसके अतिरिक्त 18 जनवरी को होने वाले तमाम अनुष्ठान पूर्ण कर लिए गए हैं. खास बात यह है कि गर्भगृह में कार्य करने के लिए लगाए गए श्रमिकों के मोबाइल भी बाहर ही जमा करवा लिए जा रहे हैं, जिससे प्रभु श्री राम की प्रतिमा की कोई तस्वीर 22 जनवरी से पहले किसी तक न पहुंचे.
अयोध्या में बना रहे भगवान श्री राम के मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है. दिसंबर 2024 तक भगवान राम के मंदिर का निर्माण होने की उम्मीद है. अभी भगवान राम के मंदिर का शिखर बनकर तैयार नहीं है. ऐसे में 22 जनवरी के कार्यक्रम को लेकर एक अस्थायी शिखर बनाया जा रहा है. लकड़ी के स्ट्रक्चर पर कपड़े के माध्यम से इस शिखर को ठीक उसी रंग का बनाया जा रहा है जिस रंग के प्रभु श्री राम के मंदिर के पत्थर हैं. इस शिखर पर पूरे मंदिर परिसर की सजावट गुलाब जरबेरा और गेंदे के फूल से की जा रही है.
इससे पहले राम की पैड़ी परिसर में 4000 महिलाओं ने एकत्रित होकर अवसान मैया का पूजन किया था. शाकंभरी नवरात्र के प्रथम दिन प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर श्री राम जन्मभूमि परिसर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हर्षोल्लास के साथ संपन्न हो इसके लिए अयोध्या के महापौर व तीन कलसा तिवारी मंदिर के महंत गिरीश पति त्रिपाठी की पत्नी राजलक्ष्मी त्रिपाठी के संयोजन में राम की पैड़ी पर महिलाओं ने एक साथ अवसान मैया अर्थात दुखदुरिया माता का पूजन किया. यह पूजन इसलिए किया गया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा सकुशल संपन्न हो, पूरे विश्व में सुख-शांति हो और सनातन धर्म का परचम लहराए.