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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा; अनुष्ठान का आज दूसरा दिन, भ्रमण के बाद आज परिसर में प्रवेश करेंगे रामलला - Ram Mandir Ayodhya

Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ramlala karma kuti puja) होनी है. इसके पहले छह दिवसीय अनुष्ठान किया जा रहा है. मंगलवार को भी आयोजन हुआ था. आज अनुष्ठान का दूसरा दिन है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 16, 2024, 11:30 AM IST

Updated : Jan 17, 2024, 1:34 PM IST

अयोध्या पहुंचे गणेश्वर शास्त्री द्रविड़

अयोध्या :भगवान श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर मंगलवार से धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गए हैं. पहले दिन मंगलवार को प्रायश्चित और कर्म कुटी पूजन किया गया था. वाराणसी के वैदिक विद्वानों ने यह आयोजन कराया. अनुष्ठान के मुख्य यजमान डॉ. अनिल मिश्रा रहे थे. वहीं इसी क्रम में आज (बुधवार को) रामलला की मूर्ति का परिसर में भ्रमण कराया जाएगा. इसके बाद वह मंदिर में प्रवेश करेंगे.

महन्त नृत्य गोपाल दास ने जलाई अगरबत्ती

श्री रामलला की मूर्ति का आज विधि-विधान से परिसर में भ्रमण कराया जाएगा. इसके बाद गर्भगृह का शुद्धिकरण किया जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मंगलवार को अनुष्ठान की शुरुआत की गई थी. गुजरात के राम भक्तों द्वारा भेंट की गई. अगरबत्ती को महन्त नृत्य गोपाल दास ने कार्यक्रम स्थल अयोध्या धाम बस स्टैंड पर पहुंचकर अपने हाथों से जलाई थी. पहले दिन का अनुष्ठान विवेक सृष्टि परिसर में हुआ था. बाकी के अनुष्ठान राम राम जन्मभूमि परिसर में हो रहे हैं.

पहले दिन के कार्यक्रम में पूजन सामग्री के साथ काशी के विद्वान विवेक सृष्टि आश्रम के परिसर में मौजूद रहे. मुख्य यजमान डॉ. अनिल मिश्रा की मौजूदगी में प्रायश्चित और कर्म कुटी पूजन का अनुष्ठान संपन्न कराया गया था. अनुष्ठान में मूर्ति का निर्माण करने वाले अरुण योगीराज भी शामिल रहे. प्रतिदिन 21 जनवरी तक भगवान श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव से जुड़े धार्मिक अनुष्ठान अनवरत चलते रहेंगे. इन सभी अनुष्ठानों को संपन्न करने के लिए पूरे देश भर से 121 विद्वानों को आमंत्रित किया गया है. सभी विधि विधान काशी के विद्वान पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ और पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में हो रहे हैं.

बता दें कि प्रायश्चित और कर्म कुटी पूजन इसलिए किया जाता है क्योंकि जिस शिलाखंड से भगवान की प्रतिमा बनाई जाती है उस पर छेनी हथौड़ी से तमाम चोट किए जाते हैं. इसके बाद ही सुंदर प्रतिमा बनाकर तैयार होती है. आध्यात्मिक मान्यता के अनुसार शिलाखंड को ही प्रभु का शरीर माना जाता है. इसी में प्राण प्रतिष्ठा की जाती है. ऐसे में प्रभु को पहुंचाई गई चोट को लेकर क्षमा मांगने के लिए प्रायश्चित पूजन और कर्म कुटी पूजन किया जाता है. इस अनुष्ठान में उस स्थान की भी पूजा होती है, जहां देव प्रतिमा का निर्माण किया जाता है.सभी अनुष्ठानों को संपन्न करने के लिए पूरे देश भर से 121 विद्वानों को आमंत्रित किया गया है. सभी विधि विधान काशी के विद्वान पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ और पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में हो रहे हैं.

गुजरात के गौपालक ने बनाई है विशाल अगरबत्ती

गुजरात निवासी बिहा भाई बरवाड़ ने बताया कि अयोध्या में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है. इसके लिए गुजरात में इस अगरबत्ती को बनाया है. देसी गाय का गोबर, देसी गाय का घी, धूप सामग्री सहित कई प्रकार की जड़ी बूटियां इसमें मिलाई गई हैं. 3,610 किलो वजन वाली 108 फीट लंबी इस अगरबत्ती की चौड़ाई साढ़े तीन फीट है. इसमें गाय के घी का इस्तेमाल किया गया है. हवन सामग्री का इस्तेमाल किया गया है. अगरबत्ती 45 दिन तक प्रज्वलित होगी. आज भगवान राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के प्रथम दिवस के अनुष्ठान के साथ ही इस विशालकाय अगरबत्ती को अयोध्या धाम बस स्टैंड परिसर में जला दिया गया. इसकी सुगंध कई किलोमीटर तक फैलेगी.

ट्रस्ट ने राम मंदिर की ताजा तस्वीरें जारी की हैं.
तस्वीर में मंदिर की भव्यता झलक रही है.
प्राण प्रतिष्ठा से कुछ दिन पहले ही ट्रस्ट ने तस्वीर जारी की.
मंदिर को बेहतरीन तरीके से सजाया गया है.
ट्रस्ट ने जारी की मंदिर की ताजा तस्वीर.

राम मंदिर की ताजा तस्वीरें जारी : प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव से 5 दिन पूर्व श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अभी तक हुए मंदिर निर्माण की सबसे ताजा तस्वीर जारी की है. इन तस्वीरों से मंदिर की भव्यता का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.

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Last Updated : Jan 17, 2024, 1:34 PM IST

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