गोरखपुर: धार्मिक पुस्तकों की छपाई का विश्व प्रसिद्ध केंद्र 'गीता प्रेस' मौजूदा समय में अयोध्या में होने जा रहे भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान अपने पाठकों को रामचरित मानस समेत हनुमान चालीसा और कुछ अन्य पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराने में असमर्थ हो रहा है.
गीता प्रेस के प्रबंधक डॉक्टर लालमणि तिवारी का कहना है कि जब से भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा की अयोध्या में तैयारी चल रही है, रामचरितमानस, हनुमान चालीसा की डिमांड इतनी बढ़ गई है कि उनके देश भर के विभिन्न काउंटरों पर इन पुस्तकों की कमी होती जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रतिदिन करीब 75 हजार रामचरितमानस गीता प्रेस छापता है. डिमांड को देखते हुए इसे एक लाख तक किया गया. लेकिन, स्थिति यह बन पड़ी है कि काउंटर से किताबें खत्म हो जा रही हैं. हर दिन इसके वितरण की मांग को लेकर खरीदार पहुंच रहे हैं. गोरखपुर स्थित छपाई केंद्र और बुक स्टॉल पर भी खरीदार हर दिन बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. वह इस पुस्तक को खरीदने और पढ़ने के लिए उत्साहित हैं. ऐसे पाठक लोगों से अपील भी कर रहे हैं कि जब पूरा देश राममय हुआ है तो उनकी गाथा का बखान करने वाली पुस्तक रामचरितमानस को पढ़ना जरूरी हो जाता है. भगवान राम के गुणों का बखान करने वाली यह पुस्तक हर घर में होनी चाहिए.
प्रबंधक लालमणि तिवारी ने कहा कि उनके पास राजस्थान से 50000 रामचरितमानस पुस्तकों की डिमांड आई है. लेकिन, वह सप्लाई देने में समर्थ नहीं हैं. वहीं, भागलपुर से भी 10000 पुस्तकों की डिमांड की गई है. लेकिन, सप्लाई नहीं मिल रही. लालमणि तिवारी ने कहा कि ऐसा लगता है कि भगवान की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में होने के बाद रामचरितमानस पुस्तक की डिमांड और बढ़ेगी. इसका आंकलन करते हुए गीता प्रेस प्रबंधन अपने प्रेस में सभी मशीनों का उपयोग करते हुए इस पुस्तक की छपाई पर पूरा जोर दे रहा है, जिससे देश भर से मिल रही डिमांड को तो पूरा ही किया जा सके और अयोध्या में भी विभिन्न जगहों पर लगने वाले स्टॉल पर इसे उपलब्ध कराया जा सके.