नई दिल्ली : संसद में आम बजट पर चर्चा के दौरान नौकरी के मुद्दे पर संसद में सरकार की किरकिरी होती दिखी. त्रिपुरा से निर्वाचित महिला सांसद ने बताया कि नौकरी पाने के लिए जो मिस्ड कॉल सर्विस का ऑफर दिया गया था, उस पर जवाब- 'नंबर नॉट इन सर्विस' का मिलता है. उन्होंने कहा कि चुनाव आने पर कहा जाता है कि इस नंबर पर मिस्ड कॉल करने से नौकरी मिलेगी, लेकिन चुनाव खत्म होने पर जब उस नंबर पर संपर्क किया गया तो जबाव मिलता है, यह नंबर उपयोग में नहीं है.
महंगाई के मुद्दे पर त्रिपुरा की सीपीआईएम सांसद झरना दास ने कहा कि सरकार सबके लिए घर की योजना तो चला रही है, लेकिन सरकार को बताना चाहिए कि अगर एक ईंट की कीमत 14 रुपये है, तो सरकार की ओर से दी जा रही आर्थिक मदद से घर कैसे बनाया जा सकता है.
झरना दास ने कहा कि पीएम आवास योजना के तहत सबको घर दिए जाने की योजना अच्छी है, लेकिन इस योजना के तहत 1.30 लाख रुपये दिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि आज एक ईंट की कीमत 14 रुपये है, ऐसे में सरकार की ओर से मिल रही आर्थिक मदद पर्याप्त नहीं है.
राज्य सभा में त्रिपुरा की सांसद झरना दास उन्होंने बजट 2022 में खेती-किसानी से जुड़े लोग एमएसपी गारंटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. झरना दास ने कहा कि किसानों से एफसीआई द्वारा खरीदे जाने वाले अनाज की योजना पर भी 28 प्रतिशत बजट कटौती की गई है. उन्होंने कहा कि पीएम किसान योजना के तहत फर्टिलाइजर सब्सिडी में भी 25 फीसद बजट कटौती की गई है.
इससे पहले टीआरएस सांसद के सुरेश रेड्डी ने राज्य सभा में अपने वक्तव्य में कहा कि सरकार को किसानों के लिए अनिवार्य न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानूनी प्रावधान करना चाहिए. टीआरएस सांसद के सुरेश रेड्डी ने सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए और पूछा, क्या केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों की बैक डोर एंट्री कराना चाहती है ?
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इससे पहले चर्चा की शुरुआत करते हुए डीएमके सांसद ने सरकार की टैक्स पॉलिसी को लेकर तीखे सवाल किए. उन्होंने कहा कि सरकार को देश के आम नागरिकों का ध्यान रखना पड़ेगा. डीएमके सांसद एम मोहम्मद अब्दुल्ला ने अन्ना पेरियार के कथन का जिक्र किया और कहा, देश कोई भौगोलिक नक्शा नहीं होता, यह एक भूभाग पर रहने वाले लोगों की भावनाओं से बना होता है.