नई दिल्ली : संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होने के बाद भी विपक्ष के 12 सांसदों के निलंबन को लेकर सियासी घमासान जारी है और इस मुद्दे पर रविवार को केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश के बीच तीखी नोकझोंक हुई.
ट्वीट की एक श्रृंखला में, जोशी ने मानसून सत्र के अंतिम दिनों के दौरान किए गए हंगामे का एक वीडियो पोस्ट किया, जिसके कारण 12 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था और रमेश को टैग करते हुए कहा, जन प्रतिनिधि के रूप में, यह सांसदों का कर्तव्य है कि वे सभापति का सम्मान करें. और उनके पद के योग्य व्यवहार करें.
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, हालांकि, रमेश के सहयोगियों ने बहस के बजाय व्यवधान पसंद किया. यह दुर्भाग्यपूर्ण था क्योंकि पूरे देश ने उनकी गुंडागर्दी देखी.
उन्होंने आगे कहा कि सरकार निलंबन वापस लेने के लिए हमेशा तैयार थी, अगर इन 12 सांसदों ने माफी मांगी होती, लेकिन वे लोग केवल अपने कार्यों को सही ठहरा रहे थे.
जोशी ने रमेश की ओर इशारा करते हुए कहा, रागा (राहुल गांधी) को खुश करते हुए आपको अपना रास्ता नहीं खोना चाहिए. उन्हें बतायें कि सम्मान हासिल किया जाता है, न कि जबर्दस्ती करवाया जाता है. जोशी ने आगे कहा कि गलती करना मानव स्वभाव है, लेकिन उसे बार-बार न्यायोचित ठहराना मूर्खता.
रमेश ने जोशी की टिप्पणी का उसी लहजे में जवाब दिया, नमो (नरेंद्र मोदी) खुद झूठ के जगद्गुरू हैं और उन्हें खुश करने के लिए आपको झूठ फैलाने का अपना रास्ता नहीं खोना चाहिए. मैंने सदन में जो कहा उसे दोहरा रहा हूं -अगर सरकार उदार है, तो विपक्ष उत्तरदायी है.
रमेश ने यह भी कहा कि संसद के कामकाज को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सरकार की है.