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सांसदों के निलंबन पर प्रह्लाद जोशी और जयराम रमेश में 'ट्विटर' पर जंग - twitter war between Prahlad Joshi and Jairam Ramesh

संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होने के बाद भी विपक्ष के 12 सांसदों के निलंबन को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश के बीच तीखी नोकझोंक हुई.

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ट्विटर जंग

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Published : Dec 26, 2021, 7:18 PM IST

Updated : Dec 26, 2021, 7:34 PM IST

नई दिल्ली : संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होने के बाद भी विपक्ष के 12 सांसदों के निलंबन को लेकर सियासी घमासान जारी है और इस मुद्दे पर रविवार को केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश के बीच तीखी नोकझोंक हुई.

ट्वीट की एक श्रृंखला में, जोशी ने मानसून सत्र के अंतिम दिनों के दौरान किए गए हंगामे का एक वीडियो पोस्ट किया, जिसके कारण 12 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था और रमेश को टैग करते हुए कहा, जन प्रतिनिधि के रूप में, यह सांसदों का कर्तव्य है कि वे सभापति का सम्मान करें. और उनके पद के योग्य व्यवहार करें.

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, हालांकि, रमेश के सहयोगियों ने बहस के बजाय व्यवधान पसंद किया. यह दुर्भाग्यपूर्ण था क्योंकि पूरे देश ने उनकी गुंडागर्दी देखी.

उन्होंने आगे कहा कि सरकार निलंबन वापस लेने के लिए हमेशा तैयार थी, अगर इन 12 सांसदों ने माफी मांगी होती, लेकिन वे लोग केवल अपने कार्यों को सही ठहरा रहे थे.

जोशी ने रमेश की ओर इशारा करते हुए कहा, रागा (राहुल गांधी) को खुश करते हुए आपको अपना रास्ता नहीं खोना चाहिए. उन्हें बतायें कि सम्मान हासिल किया जाता है, न कि जबर्दस्ती करवाया जाता है. जोशी ने आगे कहा कि गलती करना मानव स्वभाव है, लेकिन उसे बार-बार न्यायोचित ठहराना मूर्खता.

रमेश ने जोशी की टिप्पणी का उसी लहजे में जवाब दिया, नमो (नरेंद्र मोदी) खुद झूठ के जगद्गुरू हैं और उन्हें खुश करने के लिए आपको झूठ फैलाने का अपना रास्ता नहीं खोना चाहिए. मैंने सदन में जो कहा उसे दोहरा रहा हूं -अगर सरकार उदार है, तो विपक्ष उत्तरदायी है.

रमेश ने यह भी कहा कि संसद के कामकाज को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सरकार की है.

पढ़ें :-शीतकालीन सत्र : कांग्रेस बोली, सरकार का तरीका अलोकतांत्रिक, राज्य सभा से निलंबन, विपक्ष को कमजोर करने की चाल

वीडियो जारी करने के लिए जोशी पर पलटवार करते हुए रमेश ने उस दिन लॉबी में दिल्ली पुलिस के जवानों की उपस्थिति पर यह कहते हुए सवाल उठाया कि केवल राज्यसभा सुरक्षा कर्मियों को ही सदन के कक्षों और लॉबी में सुरक्षा बनाए रखने की अनुमति है.

उन्होंने इस मुद्दे पर राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को विपक्ष के नेता द्वारा लिखा गया पत्र भी ट्वीट किया.

गौरतलब है कि राज्यसभा में सरकार द्वारा लाये गए एक प्रस्ताव का विरोध कर रहे विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया गया था. सत्र के अंतिम दिनों में, एक और सांसद तथा सदन में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन को भी सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था.

निलंबित 12 सदस्यों में कांग्रेस के छह, तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना के दो-दो और भाकपा और सीपीएम के एक-एक सदस्य शामिल हैं.

निलंबित सांसदों में कांग्रेस से फुलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन और अखिलेश प्रसाद सिंह; तृणमूल की डोला सेन और शांता छेत्री; शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई; सीपीएम के एलामाराम करीम; और, भाकपा के बिनॉय विश्वम शामिल हैं.

पूरे सत्र के दौरान, ये सांसद अपने निलंबन के विरोध में संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने बैठे रहे थे.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Dec 26, 2021, 7:34 PM IST

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