नई दिल्ली : राज्य सभा में हंगामा आज एक बार फिर सभापति वेंकैया नायडू की नाराजगी का कारण बना. हंगामा, नारेबाजी और तख्तियों के साथ शोर मचा रहे सांसदों के रवैये को लेकर सभापति नायडू ने आज तल्ख लहजे में कहा कि कोई भी सांसद सभापति के 'आसन को डिक्टेट नहीं कर सकता.' बता दें कि राज्य सभा में गत 19 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र के दौरान से ही हंगाम हो रहा है. इस कारण सदन की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है.
बता दें कि पेगासस जासूसी विवाद, तीन कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार को भी राज्यसभा की कार्यवाही बाधित हुई और दो बार के स्थगन के बाद बैठक दोपहर दो बजकर करीब 40 मिनट पर दिन भर के लिए लिए स्थगित कर दी गई.
व्यवधान पर अप्रसन्नता जाहिर करते हुए सभापति एम वेंकैया नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों ने कहा कि उन्हें यहां हंगामा करने के लिए नहीं भेजा गया है. वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हंगामे को 'हिंसक प्रदर्शन' करार देते हुए कहा कि सदन में व्यवधान उत्पन्न किए जाने के रवैये की भर्त्सना की जानी चाहिए.
संसद के मानसून सत्र का यह तीसरा सप्ताह है और विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से उच्च सदन में अब तक एक बार भी शून्यकाल नहीं हो पाया, प्रश्नकाल हंगामे के बीच हुआ, हंगामे के दरम्यान ही दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता संशोधन विधेयक 2021 को मंजूरी दी गई और बैठक अपने तय समय से पहले स्थगित कर दी गई.
पूर्वाह्न 11 बजे बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. फिर उन्होंने सदन को सूचित किया कि उन्हें कुछ सदस्यों ने अपने-अपने मुद्दों पर चर्चा के वास्ते नियम 267 के तहत पूर्व निर्धारित कामकाज स्थगित करने के लिए नोटिए दिए हैं जिन्हें उन्होंने स्वीकार नहीं किया है. सभापति के इतना कहते ही विपक्षी सदस्य आसन के समक्ष आ कर अपने-अपने मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा करने लगे.
सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील करते हुए कहा 'आसन चर्चा की अनुमति देना चाहता है लेकिन इस तरह के माहौल में चर्चा कैसे होगी. ज्यादातर सदस्य चाहते हैं कि सदन में कामकाज हो. लोग देख रहे हैं कि हर दिन किस तरह व्यवधान डाला जाता है. आपको यहां हंगामा करने के लिए नहीं भेजा गया है. आप अपना खुद का नुकसान कर रहे हैं.'
सदन में व्यवस्था बनते न देख सभापति ने 11 बज कर आठ मिनट पर बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी. दोपहर 12 बजे बैठक शुरू होने पर सदन में वही नजारा था. हाथों में तख्तियां लिए विपक्षी सदस्य आसन के समीप आकर सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे. उपसभापति हरिवंश ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत होने और प्रश्नकाल चलने देने का अनुरोध किया. शोरगुल के बीच ही प्रश्नकाल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया, पर्यटन राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल आदि ने अपने अपने मंत्रालयों से संबंधित, विभिन्न सदस्यों के पूरक सवालों के जवाब दिए.
सदन में व्यवस्था नहीं बनते देख उपसभापति ने 12 बजकर करीब 40 मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी. दो बार के स्थगन के बाद उच्च सदन की बैठक दो बजे शुरू होने पर विपक्ष का हंगामा जारी था. नारेबाजी के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता संशोधन 2021 विधेयक चर्चा के लिए रखा.