नई दिल्ली :पीएम मोदी ने कहा है कि कोरोना वैश्विक महामारी है. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया और मानवता ने पिछले 100 वर्षों में ऐसी महामारी का सामना नहीं किया. पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी की विभीषिका का आलम यह था कि मां एक कमरे में बीमार पड़ी है, लेकिन बेटा असहाय है, मां की मदद नहीं कर पा रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना से देश ने जिस प्रकार की लड़ाई लड़ी है, इसका श्रेय पूरे देश को जाता है. विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए पीएम ने कहा कि श्रेय लेने की होड़ में देशहित का ध्यान नहीं रखा गया.
कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए संसद में बजट सत्र के सातवें दिन पीएम मोदी ने कहा, कांग्रेस पार्टी एक तरह से शहरी नक्सलियों के नियंत्रण में आ गयी है. उन्होंने कहा, लोकतंत्र को सबसे बड़ा खतरा परिवारवादी पार्टियों से है. उन्होंने विपक्षी पार्टी को सुझाव दिया कि वह अपना नाम 'इंडियन नेशनल कांग्रेस' से बदलकर 'फेडरेशन ऑफ कांग्रेस' कर ले.
प्रधानमंत्री मोदी ने यह बात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिये बिना उनके इस बात पर प्रहार करते हुए कही कि 'भारत राष्ट्र नहीं है और यह राज्यों का संघ है'. राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि चर्चा के दौरान कई सदस्यों ने लोकतंत्र पर खतरे की बात कही लेकिन वह यह भूल गए कि यह लोकतंत्र उनकी मेहरबानी से नहीं है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक तरह से शहरी (अर्बन) नक्सलियों के कब्जे में है और वे उसके विचारों एवं विचारधारा को नियंत्रित कर रहे हैं. प्रधानमंत्री की बातों का कांग्रेस ने कड़ा प्रतिकार किया और फिर सदन से बहिर्गमन किया. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि देश में आपातकाल थोंपने वालों को और लोकतंत्र का गला घोटने वाले को लोकतंत्र पर उपदेश देने का अधिकार नहीं है.
पीएम मोदी ने कहा, 'भारत लोकतंत्र की जननी है और दुनिया में इसकी चर्चा होती है लेकिन कांग्रेस की कठिनाई है कि परिवारवाद के आगे उन्होंने कुछ सोचा ही नहीं...भारत के लोकतंत्र को सबसे बड़ा खतरा परिवारवादी पार्टियों से है, यह मानना पड़ेगा.' प्रधानमंत्री ने कहा कि जब किसी पार्टी में कोई एक परिवार सर्वोपरि हो जाता है तो इसका सबसे पहला नुकसान प्रतिभा का होती है. प्रधानमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों से अपने-अपने राजनीतिक दलों में लोकतांत्रिक आदर्शों व मूल्यों को विकसित करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की सबसे पुरानी पार्टी के रूप में कांग्रेस को तो इसकी जिम्मेवारी जरूर उठानी चाहिए.
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प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश की आजादी के बाद कांग्रेस को विलुप्त करने की बात कही थी और ऐसा हो गया होता तो दशकों तक देश को विभिन्न समस्याओं से दो-चार ना होना पड़ता. उन्होंने कहा कि अगर महात्मा गांधी की इच्छा के अनुसार कांग्रेस ना होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता है और भारत विदेशी के बजाए स्वदेशी संकल्पों के रास्ते पर चलता.
उन्होंने कहा, 'अगर कांग्रेस ना होती तो आपातकाल का कलंक ना होता...अगर कांग्रेस ना होती तो दशकों तक भ्रष्टाचार को संस्थागत बनाकर नहीं रखा जाता... अगर कांग्रेस ना होती तो जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाई इतनी गहरी ना होती... अगर कांग्रेस ना होती तो सिखों का नरसंहार ना होता... सालों साल पंजाब आतंकवाद की आग में ना जलता...कश्मीर के पंडितों को कश्मीर छोड़ने की नौबत ना आती है... अगर कांग्रेस ना होती तो बेटियों को तंदूर में जलाने की घटनाएं ना होती... अगर कांग्रेस ना होती देश के सामान्य जन को सड़क, बिजली, पानी और शौचालय की मूलभूत सुविधाओं के लिए इतने सालों तक इंतजार करना पड़ता है.'
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