नई दिल्ली :विपक्षी दलों के हंगामे के बीच किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021 विधेयक (Juvenile Justice (Care and Protection of Children) Amendment Bill, 2021) राज्य सभा से पारित हो गया. इसे संक्षेप में जुवेनाइल जस्टिस संशोधन विधेयक, 2021 (Juvenile Justice (Care and Protection of Children) Amendment Bill, 2021) भी कहा जाता है.
लोक सभा से यह विधेयक पहले ही पारित हो चुका है.
उच्च सदन में इस विधेयक को चर्चा के लिये रखते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि यह विधेयक बच्चों के हितों की रक्षा के लिए लाया गया है तथा आगामी पीढ़ी की जरूरतों को ध्यान में रखकर इसे तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि बाल कल्याण समितियों को ज्यादा ताकत दी जा रही है. इससे बच्चों का बेहतर संरक्षण करने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि संशोधन विधेयक में बच्चों से जुड़े मामलों का तेजी से निस्तारण सुनिश्चित करने तथा जवाबदेही बढ़ाने के लिए जिला मजिस्ट्रेट तथा अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को अतिरिक्त शक्तियां देकर सशक्त बनाया गया है.
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि देश भर में बच्चों की सुरक्षा के लिए बाल संरक्षण योजना के तहत 2009-10 में मात्र 60 करोड़ रूपये दिये गए थे. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार बच्चों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है और 2020-21 में बच्चों की सुरक्षा के मद में 1500 करोड़ रूपये आवंटित किये गए हैं .
उन्होंने कहा कि विगत में पश्चिम बंगाल में नर्सिंग होम में बच्चों की बिक्री का मामला सामने आया था.
स्मृति ईरानी ने बच्चों को गोद लिए जाने की प्रक्रिया का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें 60 दिनों का समय लगना चाहिए लेकिन काफी अधिक समय लग रहा है. उन्होंने कहा कि समय से कागजी कार्रवाई पूरा नहीं होने से बच्चों के हित प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों के गोद लिए जाने से संबंधित करीब 1,000 मामले विभिन्न अदालतों में लंबित हैं.
मंत्री ने कहा, इस संशोधन विधेयक का लक्ष्य यह है कि हम सतर्क रहें ताकि प्रशासनिक ढांचे के माध्यम से बच्चों का संरक्षण किया जा सके. उन्होंने बताया कि बच्चों के संरक्षण को ध्यान में रखकर जिला मजिस्ट्रेट को निगरानी और कानून के क्रियान्वयन जिम्मेदारी दी जा रही है.
उन्होंने सदन में विभिन्न मुद्दों को लेकर हंगामा कर रहे सदस्यों से अपील की कि वे इस मुद्दे पर राजनीति से उठकर विधेयक का समर्थन करें क्योंकि यह बच्चों से जुड़ा एक अहम विधेयक है.