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केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक संसद से पारित, 2500 छात्रों के पढ़ने की व्यवस्था

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Published : Aug 9, 2021, 5:23 PM IST

Updated : Aug 9, 2021, 6:53 PM IST

केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021 राज्य सभा से पारित हो गया है. विधेयक के उद्देश्यों में कहा गया है कि इससे क्षेत्र में उच्च शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकेगा. राज्य सभा में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि लद्दाख में बनने वाले केंद्रीय विश्वविद्यालय में 2500 छात्रों के पढ़ने की व्यवस्था होगी.

केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक
केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक

नई दिल्ली : केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021 राज्य सभा से पारित हो गया है. इससे पहले गत छह अगस्त को लोक सभा से यह विधेयक पारित हो चुका है. 'केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021' में संघ राज्य क्षेत्र लद्दाख में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रावधान किया गया है.

लद्दाख में प्रस्तावित केंद्रीय विश्वविद्यालय का नाम 'सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय' रखने का उपबंध इसमें किया गया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 'केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021' पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 15 अगस्त को घोषणा की थी कि लद्दाख में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद 370 हटने का एक सुखद संकेत भी है. पहले लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया और अब वहां केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है.

प्रधान ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में 2500 विद्यार्थियों के पढ़ने की व्यवस्था रहेगी. विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद वहां के विद्यार्थियों का देश के साथ भावनात्मक एकीकरण होने में मदद मिलेगी. राज्य सभा में इस विधेयक पर चर्चा शुरू होने से पहले कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों ने सदन से बहिर्गमन भी किया. विधेयक पर संक्षिप्त चर्चा हुई जिसमें अधिकतर सदस्यों ने विधेयक का समर्थन किया.

चर्चा में भाग लेते हुए टीआरएस के बंदा प्रकाश ने सरकार से जानना चाहा कि तेलंगाना में जो आदिवासी विश्वविद्यालय की स्थापना का वादा किया गया था, उसको पूरा करने की दिशा में क्या कदम उठाए गए. इस पर शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा कि जो भी वादे किए गए हैं, मोदी सरकार उन्हें पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है.

सरकार ने निभाया अपना वादा
विधेयक पर चर्चा में अन्नाद्रमुक के थंबीदुरै और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के प्रभाकर रेड्डी वैमीरेड्डी ने भी भाग लिया. विधेयक पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि लेह-लद्दाख के लोगों की दो मांगें बहुत वर्षों से लंबी थीं- पहली जोजिला टर्मिनल की और दूसरी केंद्रीय विश्वविद्यालय की. उन्होंने कहा कि जोजिला टर्मिनल पहले ही बन चुका है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक के पारित होने के साथ ही मोदी सरकार ने क्षेत्र के लोगों की दूसरी मांग को भी पूरा करने का अपना वादा निभा दिया.

बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले दिनों लद्दाख में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी जिस पर 750 करोड़ रुपये लागत आने की बात कही गई थी. इस विश्वविद्यालय का पहला चरण चार वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि 'केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009' विभिन्न राज्यों में शिक्षा और अनुसंधान के लिये विश्वविद्यालयों की स्थापना करने और उन्हें निगमित करने तथा उससे संबंधित विषयों को अधिनियमित करने का उपबंध करने के लिये बनाया गया था.

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इसमें कहा गया है कि लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र में कोई केंद्रीय विश्वविद्यालय नहीं है, इसलिये सरकार ने लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र में एक नया केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का निश्चय किया है.

इसमें कहा गया है, 'केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021 अन्य बातों के साथ केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 में संशोधन करने के लिये है जिससे संघ राज्य क्षेत्र लद्दाख में 'सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय' स्थापित करने के लिये उपबंध किया जा सके.'

Last Updated : Aug 9, 2021, 6:53 PM IST

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