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निलंबन पर विपक्ष के निशाने पर सरकार, BJP बोली-चर्चा से भाग रहे दल

19 सांसदों को राज्यसभा से सप्ताह अंत तक के लिए सस्पेंड कर दिया गया है (rajya sabha mps suspension). विपक्ष इसको लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साध रहा है, जबकि भाजपा का कहना है कि ये फैसला भारी मन से किया गया है. उल्टा भाजपा ने आरोप लगाया कि विपक्ष चर्चा से भाग रहा है. भाजपा ने कुछ आवश्यक खाद्य वस्तुओं पर माल और सेवा कर (जीएसटी) लगाए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए भी विपक्ष को आड़े हाथों लिया.

rajya sabha mps suspension
19 सांसदों का निलंबन

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Published : Jul 26, 2022, 5:19 PM IST

नई दिल्ली : राज्यसभा से 19 सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा है. दरअसल सदन में 'अशोभनीय आचरण' के कारण विपक्ष के 19 सदस्यों को वर्तमान सप्ताह के शेष समय के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया है. टीएमसी ने इसे 'देश में लोकतंत्र का निलंबन' बताया है तो कांग्रेस ने कहा कि जनता के मुद्दे उठाने से रोकने के लिए ऐसा किया गया है. वहीं, भाजपा की ओर से कहा गया है कि ऐसा भारी मन के किया गया है.

TMC बोली-लोकतंत्र को निलंबित कर दिया गया :राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों के निलंबन को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उसने संसद को 'अंधा कुआं' बना दिया है. तृणमूल नेता डेरेक ओ ब्रायन ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'भारत में लोकतंत्र को निलंबित कर दिया गया है. संसद को अंधा कुआं बना दिया गया है.'

उच्च सदन में तृणमूल के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी संसद से 'भयभीत' हैं. उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद से भयभीत हैं. मैं उनसे संसद में आकर एक सवाल का जवाब देने के लिए कहता हूं.' ब्रायन ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री हर गुरुवार को आधे घंटे के लिए संसद आते हैं और इसे 'गुजरात जिमखाना' मानते हैं.

टीएमसी के सात सदस्य निलंबित :सदन से निलंबित किए गए सदस्यों में सात तृणमूल कांग्रेस के हैं जबकि छह सदस्य द्रमुक के, तीन तेलंगाना राष्ट्र समिति के और दो मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पाटी के हैं. एक निलंबित सदस्य भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के हैं. दरअसल गत 18 जुलाई से आरंभ हुए संसद के मानसून सत्र के पहले दिन से ही तमाम विपक्षी सदस्य महंगाई और कुछ खाद्य पदार्थों पर माल और सेवा कर (जीएसटी) लगाए जाने के खिलाफ उच्च सदन की कार्यवाही बाधित कर रहे हैं.

कांग्रेस बोली, जनता के मुद्दे नहीं उठाने देना चाहती सरकार: कांग्रेस ने भी निलंबन को लेकर सरकार पर हमला बोला है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, 'लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों के निलंबन से यह पूरी तरह स्पष्ट है कि मोदी सरकार विपक्ष को उन असली, महत्वपूर्ण मुद्दों को संसद में नहीं उठाने देना चाहती जिनका सामना हमारे देश के लोग कर रहे हैं.'

'चर्चा से भाग रहे विपक्षी दल' : राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने दावा किया कि विपक्षी दल संसद में चर्चा करने से भाग रहे हैं ना कि सरकार चर्चा से भाग रही है. उन्होंने दोहराया कि एक बार वित्त मंत्री कोविड-19 संक्रमण से पूरी तरह स्वस्थ हो जाएं और संसद आ जाएं तो सरकार महंगाई के मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार है. गोयल ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि भारत ने विश्व के कई देशों के मुकाबले महंगाई और मूल्य वृद्धि पर बेहतर तरीके से लगाम लगाई है और सरकार संसद को यह बताने को उत्सुक है कि उसने कैसे मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण किया.

उन्होंने कुछ आवश्यक खाद्य वस्तुओं पर माल और सेवा कर (जीएसटी) लगाए जाने के खिलाफ विपक्ष द्वारा विरोध प्रदर्शन करने के लिए भी उन्हें आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद की जिस बैठक में यह फैसला हुआ था उसमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वामपंथी दलों सहित अन्य विपक्षी दलों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे.

पढ़ें- लोकसभा के बाद आज राज्यसभा से विपक्ष के 19 सासंदों को किया गया निलंबित

(एजेंसी इनपुट)

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