नई दिल्ली : राज्यसभा से 19 सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा है. दरअसल सदन में 'अशोभनीय आचरण' के कारण विपक्ष के 19 सदस्यों को वर्तमान सप्ताह के शेष समय के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया है. टीएमसी ने इसे 'देश में लोकतंत्र का निलंबन' बताया है तो कांग्रेस ने कहा कि जनता के मुद्दे उठाने से रोकने के लिए ऐसा किया गया है. वहीं, भाजपा की ओर से कहा गया है कि ऐसा भारी मन के किया गया है.
TMC बोली-लोकतंत्र को निलंबित कर दिया गया :राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों के निलंबन को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उसने संसद को 'अंधा कुआं' बना दिया है. तृणमूल नेता डेरेक ओ ब्रायन ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'भारत में लोकतंत्र को निलंबित कर दिया गया है. संसद को अंधा कुआं बना दिया गया है.'
उच्च सदन में तृणमूल के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी संसद से 'भयभीत' हैं. उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद से भयभीत हैं. मैं उनसे संसद में आकर एक सवाल का जवाब देने के लिए कहता हूं.' ब्रायन ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री हर गुरुवार को आधे घंटे के लिए संसद आते हैं और इसे 'गुजरात जिमखाना' मानते हैं.
टीएमसी के सात सदस्य निलंबित :सदन से निलंबित किए गए सदस्यों में सात तृणमूल कांग्रेस के हैं जबकि छह सदस्य द्रमुक के, तीन तेलंगाना राष्ट्र समिति के और दो मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पाटी के हैं. एक निलंबित सदस्य भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के हैं. दरअसल गत 18 जुलाई से आरंभ हुए संसद के मानसून सत्र के पहले दिन से ही तमाम विपक्षी सदस्य महंगाई और कुछ खाद्य पदार्थों पर माल और सेवा कर (जीएसटी) लगाए जाने के खिलाफ उच्च सदन की कार्यवाही बाधित कर रहे हैं.