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हरियाणा में राज्यसभा चुनाव: छत्तीसगढ़ से कांग्रेस तैयार कर रही रणनीति, लेकिन यहां फंसा पेंच

राज्यसभा चुनाव 2022 का फैसला 10 जून को (Rajya Sabha elections in Haryana ) हो जाएगा. 10 जून को राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग है. लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा हरियाणा में दो सीटों पर हो रहे राज्यसभा चुनाव को लेकर है. यहां बीजेपी और कांग्रेस के अलावा निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा के नामांकन से मुकाबला रोचक हो गया है. बीजेपी को हरियाणा राज्य सभा चुनाव में जीत पक्की लग रही है. लेकिन कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है. यही वजह है कि हरियाणा कांग्रेस ने अपने 28 विधायकों को रायपुर भेज दिया है. अब छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से हरियाणा में जीत के लिए कांग्रेस रणनीति (Congress making strategy in Chhattisgarh for Haryana Rajya Sabha elections) बना रही है. लेकिन हरियाणा का पेंच कांग्रेस के लिए खत्म होता नहीं दिख रहा है.

Rajya Sabha elections in Haryana
हरियाणा में राज्यसभा चुनाव

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Published : Jun 5, 2022, 8:05 PM IST

Updated : Jun 6, 2022, 3:37 PM IST

रायपुर : हरियाणा में राज्यसभा चुनाव (Haryana Rajya Sabha elections) है लेकिन छत्तीसगढ़ के रण से कांग्रेस हरियाणा में चुनाव जीतने की बाजी (Rajya Sabha elections in Haryana ) लगा रही है. हरियाणा का सियासी कुरुक्षेत्र रायपुर में सजा है. कांग्रेस ने अपने हरियाणा के 28 विधायकों को रायपुर के एक निजी होटल में ठहराया है. सीएम बघेल और कांग्रेस के नेता इन विधायकों की बाड़ेबंदी में लगे हुए हैं.

कांग्रेस को हरियाणा में क्रॉस वोटिंग का खतरा:हरियाणा राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग (Haryana Rajya Sabha elections Congress fears cross voting) की संभावना को देखते हुए कांग्रेस ने अपने विधायकों को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रखा है. जहां इन विधायकों को संभालने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सौंपी गई है. ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इन विधायकों को संभालने में कामयाब होते हैं या नहीं, यह तो आने वाला समय ही बताएगा.लेकिन जिस तरह से इन विधायकों की खातिरदारी की व्यवस्था की गई है यह बताता है कि कांग्रेस हरियाणा (Congress making strategy in Chhattisgarh for Haryana Rajya Sabha elections) राज्य सभा सीट को लेकर किसी तरह का खतरा लेने के मूड में नहीं है.

हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटें, उम्मीदवार तीन: हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटें हैं. कांग्रेस और बीजेपी ने यहां से अपने एक-एक उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. बीजेपी की तरफ से पूर्व मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने नामांकन किया है तो वहीं कांग्रेस की ओर अजय माकन ने पर्चा दाखिल किया है. लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय शर्मा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर यहां नामांकन कर राज्यसभा के रण को रोमांचक बना दिया है.

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बिगड़ सकता है अजय माकन का खेल:अब तक लग रहा था कि यहां से एक राज्यसभा सीट बीजेपी और एक कांग्रेस के खाते में जाएगी लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार के नामांकन दाखिल करने के बाद अजय माकन का खेल बिगड़ सकता है. मौजूदा गणित के मुताबिक बीजेपी को एक सीट मिलनी तय है. अगर दूसरी सीट के लिए कोई नामांकन नहीं भरा जाता तो अजय माकन का भी राज्यसभा पहुंचना तय था. लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में कार्तिकेय शर्मा के नामांकन के बाद अजय माकन पर खतरा ज्यादा बढ़ गया है.



कार्तिकेय शर्मा को 10 विधायकों वाली जननायक जनता पार्टी का समर्थन:दरअसल कार्तिकेय शर्मा को 10 विधायकों वाली जननायक जनता पार्टी यानी जेजेपी का समर्थन है. निर्दलीय विधायकों का भी कार्तिकेय शर्मा को समर्थन मिल रहा है. इसके साथ ही कुछ अन्य विधायक भी कार्तिकेय शर्मा को वोट कर सकते हैं. बीजेपी ने पूर्व मंत्री कृष्ण लाल पंवार को मैदान में उतारा है जिन्हें राज्यसभा पहुंचने के लिए 31 वोटों की जरूरत है. बीजेपी के 40 विधायक हैं, जिनमें से 31 वोट के सहारे कृष्ण पंवार का जीतना तय है. सीएम मनोहर लाल की मानें तो बाकी बचे 9 विधायक अपना वोट कार्तिकेय शर्मा (BJP will give support to Kartikeya Sharma) को देंगे.

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कांग्रेस के कुछ विधायक भी कर सकते हैं निर्दलीय उम्मीदवार को वोट:सूत्रों की मानें तो हो सकता है कांग्रेस के एक से दो विधायक भी कार्तिकेय शर्मा के पक्ष में वोट करें. इनेलो विधायक अभय चौटाला भी कार्तिकेय शर्मा को वोट कर सकते हैं. ऐसे में जो समीकरण बन रहे हैं वो सीधे-सीधे कांग्रेस और अजय माकन का खेल बिगड़ने की ओर इशारा कर रहे हैं.

क्रॉस वोटिंग की संभावना के बाद हरियाणा के कांग्रेस विधायक लाए गए रायपुर:क्रॉस वोटिंग की संभावनाओं को देखते हुए कांग्रेस पहले से ही अलर्ट मोड में आ गई है. यही वजह है कि कांग्रेस ने अपने 28 विधायकों को छत्तीसगढ़ भेजा है, यह विधायक राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में ठहरे हुए हैं. रायपुर के निजी होटल में रुके हरियाणा के इन विधायकों के खानपान से लेकर मनोरंजन की व्यवस्था की गई है. खुद सीएम बघेल हरियाणा के विधायकों से बातचीत कर रहे हैं. हरियाणा के कांग्रेस विधायकों को पर्यटन भी कराया जा रहा है. उन्हें मंदिर के भी दर्शन कराए जा रहे हैं. विधायकों की खातिरदारी की जा रही है कि वह कांग्रेस के उम्मीदवार अजय माकन को ही वोट करें.


सीएम बघेल पल पल के अपडेट पर रख रहे नजर:इस बीच हरियाणा के यह विधायक फोन से अपने क्षेत्र के लोगों से लगातार संपर्क में हैं. वहीं दिल्ली कांग्रेस के प्रतिनिधि लगातार उनके साथ बैठक कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कुछ पदाधिकारी भी उनसे मिलने लगातार जा रहे हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने 2 जून की रात को रिसॉर्ट जाकर इन विधायकों से भेंट की थी. इन विधायकों के साथ मुख्यमंत्री की लंबी चर्चा हुई है. कोशिश हो रही है कि यहां लाए गए लोग खुद को बंधा हुआ महसूस न करें.

हरियाणा के कांग्रेस विधायक रायपुर में ले रहे हैं प्रशिक्षण:हरियाणा के विधायकों से मुलाकात के बाद दूसरे दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा था कि "रायपुर में उनका प्रशिक्षण चल रहा है, सब ठीक है. हरियाणा और राजस्थान राज्यसभा चुनाव को लेकर मचे घमासान के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि भाजपा का काम है, जहां बहुमत नहीं होता, वहां खरीद-फरोख्त करना. धन बल, छल बल के साथ चुनाव जीतने की कोशिश वह करती है".

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हरियाणा में कांग्रेस के 31 विधायक:हरियाणा कांग्रेस के विधायक दो जून की शाम रायपुर लाए गए थे. यहां आने वालों में 28 विधायक और कुछ पार्टी पदाधिकारी हैं. हरियाणा में कांग्रेस विधायकों की संख्या 31 है. तीन विधायक रायपुर नहीं आए हैं. जिनके नाम कुलदीप बिश्नोई, किरण चौधरी और चिरंजीव राव है .

तीनों विधायकों के रायपुर पहुंचने की है चर्चा:सूत्रों की माने तो चार-पांच जून को यह तीनों विधायक रायपुर पहुंच गए हैं. हालांकि पार्टी की ओर से अब तक इसकी पुष्टि नहीं की गई है और यही वजह है कि अब तक इन विधायकों के रायपुर पहुंचने को लेकर असमंजस बना हुआ है.

कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप: हरियाणा चुनाव को लेकर बने राजनीतिक समीकरण पर कांग्रेस का कहना है कि "राज्यसभा की सीट हासिल करने के लिए भाजपा किसी भी स्तर पर जा सकती है. कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि खरीद-फरोख्त, डराने धमकाने सहित कोई भी हथकंडा भाजपा के द्वारा अपनाया जा सकता है और यही वजह है कि सुरक्षा के मद्देनजर इन विधायकों को रायपुर लाया गया है".

कांग्रेस को अपने नेताओं पर नहीं है विश्वास-बीजेपी: वहीं बीजेपी नेता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि "कांग्रेस को अपने ही विधायकों पर भरोसा नहीं है जिस वजह से उन्हें इन विधायकों को दूसरे राज्यों में भेजना पड़ रहा है इससे साफ जाहिर है कि पार्टी ने उन नेताओं को टिकट दिया जो उनके नियंत्रण में ही नहीं है".

राजनीतिक जानकारों का क्या है मत: वहीं वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का कहना है कि "हरियाणा राज्यसभा चुनाव में कांटे की टक्कर है. जिस तरह से निर्दलीय उम्मीदवार के नामांकन के बाद वहां परिस्थिति निर्मित हुई है उसमें क्रॉस वोटिंग की संभावना बढ़ गई है. क्योंकि मतदान गोपनीय होता है ऐसे में किसने किसे मत दिया है यह पता लगाना मुश्किल है और बाद में यदि पता भी चल जाए तो उस पर भी पार्टी कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर सकती, क्योंकि यह साबित करना पार्टी के लिए भी मुश्किल होगा. रामअवतार तिवारी यह भी कहते नजर आए की कांग्रेस हाईकमान ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हरियाणा के विधायकों को संभालने की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है. ऐसे में देखना होगा कि भूपेश बघेल इस जिम्मेदारी को कैसे निभाते हैं".




कौन हैं कार्तिकेय शर्मा:कार्तिकेय शर्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे हैं. विनोद शर्मा करीब 4 दशक तक कांग्रेस के साथ रहे. उन्होंने विधायक से लेकर राज्यसभा सदस्य और केंद्रीय मंत्री बनने तक का सफर तय किया. बाद में विनोद शर्मा ने हरियाणा जन चेतना पार्टी बना ली थी. अंबाला सिटी से विधायक रहे विनोद शर्मा की पत्नी शक्ति रानी शर्मा भी विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं. कार्तिकेय शर्मा फिलहाल एक निजी न्यूज चैनल के एमडी हैं.

Last Updated : Jun 6, 2022, 3:37 PM IST

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