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राज्यसभा चुनाव : सीएम जयराम की मौजूदगी में भाजपा प्रत्याशी डॉ. सिकंदर ने भरा नामांकन - rajya sabha election

हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा के लिए बीजेपी उम्मीदवार डॉ. सिकंदर (rajya sabha candidate dr sikander kumar) नामांकन पत्र दाखिल (dr sikander kumar files nomination ) किया. इस मौके पर सीएम जयराम ठाकुर, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुरेश कश्यप, कैबिनेट मंत्री और बीजेपी विधायक मौजूद रहे.

dr sikandar kumar
डॉ. सिकंदर कुमार

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Published : Mar 21, 2022, 7:47 PM IST

शिमला : हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा चुनाव के लिए सोमवार को भाजपा उम्मीदवार डॉ. सिकंदर कुमार (rajya sabha candidate dr sikander kumar) ने नामांकन दाखिल किया. विधानसभा परिसर में नामांकन दाखिल करने के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार, उपाध्यक्ष हंस राज और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप उपस्थित रहे.

नामांकन के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसी कड़ी में डॉ. सिकंदर कुमार ने नामांकन दाखिल किया. उन्होंने डॉ. सिकंदर को राज्यसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का आभार जताया. मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. सिकंदर कुमार एक साधारण एवं गरीब परिवार से आते हैं और अपने संघर्ष से वो इस मुकाम पर पहुंचे हैं. सिकंदर कुमार अनुसूचित जाति वर्ग से हैं और उन्होंने इस वर्ग के लिए बहुत काम किया है, वो पूर्व में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

भाजपा प्रत्याशी डॉ. सिकंदर ने राज्यसभा चुनाव के लिए भरा नामांकन

जयराम ठाकुर ने कहा कि सिकंदर कुमार ने राज्यसभा के लिए टिकट की मांग नहीं की थी, पार्टी ने खुद उनका चयन किया. वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने भी डॉ. सिकंदर कुमार को इस अवसर पर शुभकामनाएं दीं.

राष्ट्रपति के करीबी माने जाते हैं डॉ. सिकंदर
डॉ. सिकंदर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का करीबी माना जाता है. जानकारों के अनुसार, डॉ. सिकंदर जब भी दिल्ली जाते हैं उनका राष्ट्रपति भवन जाना होता है. ऐसे में समझा जा रहा है कि उनको राज्यसभा भेजने के पीछे राष्ट्रपति की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. इसके अलावा उनके हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का वीसी (कुलपित) रहते हुए विश्वविद्यालय में भर्तियों का मामला भी काफी चर्चा में रहा है.

भाजपा हिमाचल प्रदेश से पहली बार किसी दलित चेहरे को राज्यसभा भेज रही है, इसका पार्टी को आने वाले चुनावों में कितना लाभ मिलेगा यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन वर्तमान में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप भी अनुसूचित जाति वर्ग से ही आते हैं. इसके बावजूद भाजपा उपचुनाव में अनुसूचित जाति के मतदाताओं को अपनी तरफ आकर्षित करने में असफल रही है. राजनीति में रुचि रखने वाले भाजपा के इस फैसले को सही बता रहे हैं. इनका कहना है कि राज्यसभा में शिक्षा और कला जगत से जुड़े लोगों का होना जरूरी है. इससे लोकतंत्र को मजबूती मिलती है.

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