जम्मू : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष टीम मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के डांगरी गांव पहुंची जहां एक बड़े आतंकी हमले में छह नागरिकों की जान चली गई थी. एनआईए द्वारा जांच को अपने हाथ में लेने के लिए प्राथमिकी दर्ज किए जाने की भी संभावना है. एनआईए ने स्थानीय पुलिस से मामले के दस्तावेज लिए हैं. अभी तक इस संबंध में एनआईए की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है. इस हत्या को क्षेत्र में आतंकवादियों द्वारा की गई अब तक की सबसे जघन्य हत्याओं में से एक बताया जा रहा है.
गौरतलब है कि रविवार रात आतंकी हिंदू परिवारों के तीन घरों में घुस गए. फिर उन्होंने घरों के अंदर मौजूद सभी को गोली मार दी। उन्हें मारने से पहले आतंकियों ने पीड़ित के आईडी कार्ड की जांच की थी. बाद में सोमवार की सुबह जब स्थानीय लोग अपराध स्थल पर एकत्र हुए, तो आतंकवादियों द्वारा लगाए गए एक आईईडी में विस्फोट हो गया. बच्चों की पहचान विहान (4) और समीक्षा (14) के रूप में हुई है. विहान की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि समीक्षा ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. स्थानीय पुलिस और सुरक्षा बलों ने एक और आईईडी बरामद किया और विस्फोट होने से पहले उसे निष्क्रिय कर दिया. हमले के बाद लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा और डीजीपी दिलबाग सिंह ने घटनास्थल का दौरा किया और लोगों से बात की थी.
आतंकियों की जानकारी देने वाले को इनाम का ऐलान
जम्मू और कश्मीर पुलिस ने रजौरी हमले में शामिल आतंकवादियों के बारे में जानकारी साझा करने के लिए 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है, जिसमें रविवार शाम छह नागरिक मारे गए थे. अधिकारियों के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति हमले में शामिल आतंकवादियों के बारे में कोई विशेष जानकारी साझा करता है, तो उसे 10 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि मुखबिर का विवरण गुप्त रखा जाएगा. सोमवार को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी स्थिति की समीक्षा करने और पीड़ित परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए डांगरी गांव पहुंचे. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सुरक्षा एजेंसियां घटना की तह तक जाएंगी और पीड़ित परिवारों को न्याय सुनिश्चित करेंगी.
राजौरी हादसे में मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार