नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को वियतनाम को 12 तेज गति वाली तटरक्षक नौकाएं सौंपी. इन नौकाओं का निर्माण भारत द्वारा वियतनाम को दी गई 10 करोड़ डॉलर की ऋण सहायता के तहत किया गया है. राजनाथ ने अपने वियतनाम दौरे के दूसरे दिन होंग हा पोत पर आयोजित एक समारोह में यह अत्याधुनिक तटरक्षक नौकाएं(हाई-स्पीड गार्ड बोट) सौंपी. रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि भारत द्वारा 10 करोड़ अमेरिकी डालर की रक्षा ऋण सहायता के तहत 12 अत्याधुनिक तटरक्षक नौकाओं के निर्माण की परियोजना के सफल समापन के अवसर पर इस ऐतिहासिक समारोह में शामिल होकर मुझे बहुत खुशी हो रही है.
शुरुआती पांच नौकाओं का निर्माण भारत में एलएंडटी शिपयार्ड में किया गया था जबकि शेष सात को हांग हा शिपयार्ड में बनाया गया था. सिंह ने कहा कि मुझे विश्वास है कि यह सहयोग भारत और वियतनाम के बीच कई और सहकारी रक्षा परियोजनाओं का अग्रदूत साबित होगा. उन्होंने कहा कि यह परियोजना हमारे 'मेक इन इंडिया - मेक फॉर द वर्ल्ड' मिशन का एक जीता-जागता उदाहरण है.
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रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत को बहुत खुशी होगी अगर वियतनाम जैसे करीबी दोस्त रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में शामिल हों. इससे पहले बुधवार को भारत और वियतनाम ने 2030 तक रक्षा संबंधों के 'दायरे' को और व्यापक बनाने के लिए एक 'विज़न' दस्तावेज और दोनों देशों की सेनाओं को एक-दूसरे के प्रतिष्ठानों का इस्तेमाल करने की अनुमति देने के वास्ते ‘लॉजिस्टिक सपोर्ट’ (समान और सेवाओं की आवाजाही को साझा समर्थन) समझौते पर हस्ताक्षर किए.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को वियतनाम के अपने समकक्ष जनरल फान वान गियांग के साथ मुलाकात की और दोनों देशों के बीच रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनने के बाद इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच दोनों देश के मध्य सामरिक संबंध में इस प्रगति को अहम माना जा रहा है. यह पहला ऐसा बड़ा समझौता है, जो वियतनाम ने किसी देश के साथ किया है. इस समझौते से दोनों देशों की सेना एक-दूसरे के प्रतिष्ठानों का इस्तेमाल मरम्मत कार्य के लिए तथा आपूर्ति संबंधी कार्य के लिए कर पाएगी.