चेन्नई : सुपरस्टार रजनीकांत ने मंगलवार को घोषणा की वो राजनीतिक पार्टी नहीं बनाएंगे, लेकिन लोगों की सेवा करते रहेंगे. अपनी स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए रजनीकांत ने राजनीति से दूर रहने की घोषणा की. अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए तीन पन्नों के पत्र में, रजनीकांत ने कहा, 'अन्नात्थे' फिल्म की शूटिंग में बरती जाने वाली सावधानियों के बावजूद चार व्यक्ति कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए. अभिनेता ने कहा कि वह कोरोना नेगेटिव पाए गए, बावजूद इसके उनका रक्तचाप कम हो गया और इसलिए उन्हें हैदराबाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया.
रजनीकांत ने कहा कि डॉक्टरों ने उन्हें सलाह दी थी कि रक्तचाप में उतार-चढ़ाव से उनकी ट्रांसप्लांट किडनी पर असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि फिल्म की शूटिंग स्थगित कर दी गई है, जिसके कारण करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ और कई लोगों की नौकरी चली गई. रजनीकांत ने कहा, 'मेरी स्वास्थ्य की स्थिति के कारण, मैं इसे भगवान द्वारा दी गई चेतावनी के रूप में देख रहा हूं.'
अभिनेता ने यह भी कहा कि किसी पार्टी को बनाने के बाद सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार करना संभव नहीं है. उन्होंने कहा, 'मुझे सार्वजनिक सभाओं को संबोधित करना होगा और लाखों लोगों से मिलना होगा.' रजनीकांत ने कहा, 'इसलिए मैं बहुत अफसोस के साथ कह रहा हूं कि मैं राजनीतिक पार्टी शुरू करने और राजनीति में उतरने की स्थिति में नहीं हूं. इसकी घोषणा करते हुए केवल मैं ही इसके दर्द को जान सकता हूं.'
अभिनेता ने कहा कि राजनीति में प्रवेश किए बिना वह लोगों की सेवा करेंगे.
आपको बता दें कि इससे पहले रजनीकांत ने ऐलान किया था कि वह 31 दिसंबर को राजनीतिक दल का ऐलान करेंगे. उन्होंने 04 दिसंबर को घोषणा की थी कि वह नए साल की पूर्व संध्या पर अपनी राजनीतिक पार्टी का विवरण सार्वजनिक करेंगे. साथ ही होने वाले तमिलनाडु विधानसभा चुनावों के कुछ महीने पहले इसे लॉन्च करेंगे. उन्होंने एक ट्वीट पोस्ट किया था कि अभी नहीं तो कभी नहीं, अद्भुद वस्तु और चमत्कार हाथ में ही है. इसके बाद फिर अपने आवास पर मीडिया सम्मेलन में उन्होंने कहा, तमिलनाडु के भाग्य को बदलने का समय आ गया है.
रजनीकांत की संक्षिप्त राजनीतिक यात्रा
1996 :1996 में उन्होंने तमिलनाडु विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार किया. तत्कालीन मुख्यमंत्री जे जयललिता के खिलाफ उनके अभियान ने द्रमुक को सत्ता से बाहर करने में मदद की. उन्होंने तब कहा था कि अगर जयललिता दोबारा मुख्यमंत्री बन गईं, तो भगवान भी तमिलनाडु को नहीं बचा सकते.
1998 : 1998 के आम चुनावों में उन्होंने डीएमके का समर्थन किया, लेकिन डीएमके 39 में से सिर्फ 9 सीटों पर ही अपनी पकड़ बना सकी.
2004 : उन्होंने पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के खिलाफ भी आवाज उठाई. बावजूद इसके, कोई गहरा असर नहीं दिखा और पार्टी को लोकसभा चुनावों में पांच सीटें मिल गईं. उन्होंने लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा-अन्नाद्रमुक गठबंधन को अपना समर्थन देने का वादा भी किया. हालांकि, भाजपा-अन्नाद्रमुक गठबंधन को तब एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई थी.
2011 : रजनीकांत ने विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक (AIADMK) को समर्थन देने की घोषणा की.
2017 : रजनीकांत ने एक फैन मीट शुरू की, उन्होंने कहा कि मुझे यकीन नहीं है कि कौन राजनीति में मेरे प्रवेश को लेकर उत्सुक है. मैं राजनीति में नया नहीं हूं. मैंने 1996 में ही प्रवेश किया था.
31 दिसंबर, 2017 : रजनीकांत ने बड़ा बयान दिया, 'राजनीति में मेरा प्रवेश निश्चित है. यह समय की जरूरत है, मैं अपनी पार्टी बनाकर तमिलनाडु में चुनाव लड़ूंगा.'