नारी के सम्मान में, गुढ़ा मैदान में... झुंझुनूं. मंत्री पद से बर्खास्त हुए राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने गहलोत सरकार को घेरने के लिए मंगलवार को अपने गृह विधानसभा क्षेत्र से 'नारी के सम्मान में गुढ़ा मैदान में' ऊंट गाड़ी रैली की शुरुआत की. रैली उदयपुरवाटी के झड़ाया नगर बालाजी से शुरू हुई. इस दौरान गुढ़ा ने कहा कि रैली उदयपुरवाटी विधानसभा सहित शेखावाटी क्षेत्र में जाएगी. जिस सवाल का जवाब मुझे विधानसभा में नहीं मिला, उसका जवाब मैं जनता से पूछूंगा कि आखिरकार मैंने क्या गलती की थी. विधानसभा के प्रत्येक गांव में जाकर लोगों से आगे का रास्ता पूछूंगा.
यात्रा से पहले मीडिया से रूबरू होते हुए राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि राजस्थान में महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं. नार्को टेस्ट हुआ तो हमारी सरकार में काफी ऐसे लोग मिलेंगे जो दुष्कर्मी हैं. वहीं, लाल डायरी के ऊपर बोलते हुए गुढ़ा ने कहा कि वह लाल डायरी राजस्थान सरकार के कई मंत्रियों को जेल भिजवा सकती है. उन्होंने राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए.
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दरसअल, मणिपुर में महिलाओं के साथ हुए अत्याचार के मामलों की तुलना राजस्थान से करते हुए गुढ़ा ने कहा था कि राजस्थान में भी महिलाओं के साथ बहुत अत्याचार हो रहा है. सरकार को मणिपुर के बजाय राजस्थान में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों पर ध्यान देना चाहिए. दूसरे राज्य के बजाय खुद के गिरेबां में झांकना चाहिए. गुढ़ा के इस बयान के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल को पत्र भेजकर गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त करने की अनुशंसा की. राज्यपाल ने गहलोत की अनुशंसा को स्वीकार कर लिया और गहलोत मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया.
राजेंद्र गुढ़ा का सियासी सफर : राजेंद्र गुढ़ा राजस्थान के झुंझनूं जिले की उदयपुरवाटी विधानसभा सीट से विधायक हैं. अरावली की वादियों में बसा हुआ उदयपुरवाटी उपखंड का गुड़ा गांव राजस्थान विधानसभा में दो विधायक भेज चुका है. दरअसल, हम बात कर रहे हैं दो भाइयों राजेंद्र गुढ़ा और रणवीर गुढ़ा की. राजेंद्र एक ऐसे परिवार से आते हैं, जिसका राजनीति से घनिष्ठ संबंध है. गुढ़ा ने पहली बार 2008 में विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन इससे पहले उनके भाई रणवीर ने इसका प्रतिनिधित्व किया था. रणवीर ने जब 2003 में लोजपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी. उस समय राजेंद्र ने अपने भाई रणवीर के साथ चुनाव प्रचार किया था. रणवीर सिंह गुढ़ा पहले राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्रसंघ के अध्यक्ष थे.
- 2013 विधानसभा चुनाव में राजेंद्र गुढ़ा कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे. हालांकि, इस बार उन्हें झटका लगा और वह चुनाव हार गए. उन्हें भाजपा के शुभकरण चौधरी के हाथों 11,871 वोटों से शिकस्त मिली.
- 2018 में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनावों में राजेंद्र दूसरी बार बसपा के टिकट पर मैदान में उतरे. इस चुनाव में उन्होंने भाजपा के शुभकरण चौधरी को 5,534 वोटों से शिकस्त दी.
- 2020 में जुलाई-अगस्त में गहलोत सरकार के खिलाफ सचिन पायलट गुट ने बगावत की थी. इस दौरान राजेंद्र गुढ़ा गहलोत समर्थक विधायकों में शामिल थे. गहलोत सरकार के लिए नंबर कम पड़े तो उन्होंने सरकार का समर्थन किया.