जामताड़ा (झारखंड) : झारखंड का जामताड़ा साइबर क्राइम (Jamtara Cyber Crime) के लिए पूरे देश में बदनाम है. यहां के साइबर अपराधी केंद्रीय मंत्री (union minister) से लेकर फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन तक को चूना लगा चुके हैं. ताजा मामला राजस्थान के एक बड़े पुलिस अधिकारी के खाते से लगभग एक करोड़ रुपए गायब करने का माना जा रहा है. इस मामले में अब राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) ने जामताड़ा साइबर पुलिस (Jamtara Cyber Police) की मदद से एक अपराधी (cyber criminals) को पकड़ा है. हालांकि इस दौरान एक अन्य अपराधी भागने में कामयाब रहा.
14 लाख रुपये नकद बरामद
जामताड़ा साइबर पुलिस(Jamtara Cyber Police) ने करमाटांड़ थाना क्षेत्र के पिंडारी गांव में छापेमारी का अभियान चलाया. इस दौरान पुलिस ने लगभग 14 लाख रुपये नकद बरामद किए. साथ ही 8 मोबाइल फोन, 18 सिम कार्ड, 4 एटीएम समेत कई अन्य सामान बरामद किए.
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लगभग 97 लाख रुपये की ठगी
राजस्थान पुलिस करोड़ों साइबर ठगी के मामले में जामताड़ा पहुंची थी और 2 दिनों से स्थानीय पुलिस के सहयोग से अपराधियों के ठिकाने पर छापेमारी कर रही थी. राजस्थान के किसी बड़े पुलिस पदाधिकारी के साथ साइबर ठगी का मामला जयपुर थाने में मामला दर्ज किया गया है. साइबर ठगों ने कितने पैसे ठगे हैं फिलहाल इसकी जानकारी नहीं दी गई है. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि मामला करीब 97 लाख रुपये की ठगी का है.
एक साइबर अपराधी गिरफ्तार, एक फरार
दुमका डीआईजी सुदर्शन मंडल ने बताया कि कि करमाटांड़ थाना क्षेत्र के पिंडारी गांव में कलीम अंसारी नाम के साइबर अपराधी ने राजस्थान के एक व्यक्ति के खाते से रुपये उड़ा लिए. इसकी सूचना राजस्थान पुलिस ने जामताड़ा पुलिस को उपलब्ध कराई. पुलिस ने सूचना पाकर एक टीम का गठन कर पिंडारी गांव के कलीम अंसारी के घर पर छापेमारी की, लेकिन कलीम अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया. उसके घर से नकद 14 लाख 3 हजार 900 रुपये बरामद हुए हैं. उसी गांव में विकास मंडल नाम के साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया गया है. फिलहाल पुलिस कलीम अंसारी की तलाश कर रही है, पुलिस का मानना है कि जल्द ही कलीम को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
साइबर अपराधी से बरामद सामान पुलिसकर्मी होंगे पुरस्कृत
डीआईजी ने इस मामले को लेकर सफलता हासिल करने पर पुलिस टीम के कार्यों की सराहना की है. डीआईजी ने कहा कि टीम में शामिल सभी पुलिस पदाधिकारियों को पुरस्कृत किया जाएगा. डीआईजी ने यहां कहा कि साइबर अपराध के मामले में बैंकों की भूमिका पर सकारात्मक नहीं होती. साइबर अपराधों की जांच में बैंक से अपेक्षाकृत सहयोग नहीं मिलता जिसे लेकर पुलिस कार्रवाई कर रही है. फिलहाल इस मामले में पकड़े गए साइबर अपराधी को राजस्थान पुलिस के हवाले कर दिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है.
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लगातार बदनाम हो रहा जामताड़ा
पिछले कुछ सालों में जामताड़ा देश में साइबर अपराध के लिए कुख्यात रहा है. कहा जाता है कि कुछ सालों पहले तक यहां ज्यादातर कच्चे मकान या फिर झोपड़ियां हुआ करती थीं. अब यहां कई आलीशान पक्के मकान हैं. यहां के युवा महंगी गाड़ियों में घूमते हैं, कई के पास बेहद महंगी कार भी है. पिछले कुछ सालों में जामताड़ा के अपराधियों ने दिल्ली, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल, पंजाब और अंडमान निकोबार तक के लोगों को ठगी का शिकार बनाया.
माना जाता है कि जामताड़ा से साइबर ठगी की शुरुआत 2013 से हुई. तब से अब तक विभिन्न राज्यों की पुलिस ने जामताड़ा से सैकड़ों साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. यही नहीं यहां के कई लोग प्रवर्तन निदेशालाय (ED) के रडार पर भी हैं. जामताड़ा से ही की गई साइबर ठगी से एक केंद्रीय मंत्री को 1.80 लाख का नुकसान हुआ. केरल के एक सांसद को तो 1.60 लाख का झटका लगा. यूपी के एक बीजेपी विधायक से 5000 रुपये की ठगी हुई. इन सब अपराधों के तार जामताड़ा से ही जुड़े हुए थे.