जयपुर. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरपीएससी की वरिष्ठ अध्यापक भर्ती पेपर लीक मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए बाबूलाल कटारा, सुरेश विश्नोई, सुरेश ढाका, भूपेंद्र सारण, अनिल उर्फ शेरसिंह मीना की चल और अचल संपत्तियां जब्त की है. जब्त संपत्तियों की अनुमानित कीमत करीब 3.11 करोड़ रुपये है. पेपर लीक मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई को 18 अगस्त को ईडी ने अंजाम दिया है.
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से सोमवार को प्रेस बयान जारी किया गया है. इसमें बताया है कि ईडी ने सुरेश कुमार उर्फ सुरेश बिश्नोई, सुरेश ढाका, भूपेंद्र सारण और अन्य के खिलाफ राजस्थान पुलिस द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं में दर्ज मुकदमे के आधार पर पीएमएलए-2002 के तहत जांच शुरू की. ईडी की जांच में सामने आया कि आरोपियों ने राजस्थान लोकसेवा आयोग द्वारा 21 दिसंबर 2022, 22 दिसंबर 2022 और 24 दिसंबर 2022 को होने वाली वरिष्ठ अध्यापक प्रतियोगी परीक्षा के सामान्य ज्ञान का पर्चा प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर लीक कर दिया था.
आरपीएससी सदस्य बाबूलाल से खरीदा था पेपर : ईडी की जांच में आगे पता चला कि आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा ने यह प्रश्नपत्र लीक किया और इसे अनिल मीना उर्फ शेर सिंह मीना को बेच दिया. जिसने इस प्रश्न पत्र को भूपेंद्र सारण, सुरेश ढाका और अन्य आरोपियों को दिया. इसके बाद यह पर्चा जयपुर और उदयपुर में करीब 180 अभ्यर्थियों तक पहुंचाया गया. बदले में हर अभ्यर्थी से 8-10 लाख रुपये लिए.