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Rajasthan- दादी और मां ने नाबालिग को 7 साल पहले जलाकर मारा, कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

भरतपुर जिले के उच्चैन थाना क्षेत्र के एक गांव में 7 साल पहले एक नाबालिग को जलाकर मार दिया गया था. जब मामले की रिपोर्ट थाने में की गई, तब आरोप दुष्कर्म और छेड़छाड़ के लगाए गए थे. हालांकि पुलिस जांच में सामने आया कि नाबालिग की मां और दादी ने उसे आग लगाकर मार दिया था. बुधवार को पॉक्सो कोर्ट ने दोषी मां और दादी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई (life imprisonment to Mother and grandmother in Bharatpur) है.

life imprisonment to Mother and grandmother in Bharatpur
भरतपुर में सजा मिलने के बाद विलाप करती मां और दादी

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Published : May 4, 2022, 6:16 PM IST

Updated : May 4, 2022, 8:49 PM IST

भरतपुर. जिले के उच्चैन थाना क्षेत्र के एक गांव में 7 साल पहले एक बेरहम मां और दादी ने अपनी मासूम नाबालिग बेटी को जिंदा जलाकर मार दिया था. 7 साल के बाद बुधवार को पॉक्सो न्यायालय नंबर 2 ने मामले के तमाम गवाह और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी मां और दादी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई (life imprisonment to Mother and grandmother in Bharatpur) है. न्यायालय की ओर से सजा सुनाने के बाद न्यायालय परिसर में मौजूद आरोपी मां और दादी फूट-फूटकर रो पड़ीं.

पॉक्सो कोर्ट संख्या 2 के विशिष्ट लोक अभियोजक महाराज सिंह सिनसिनवार ने बताया कि 8 जुलाई, 2015 को उच्चैन थाने में एक परिवादी ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म व छेड़छाड़ का पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कराया था. रिपोर्ट में लिखा था कि नाबालिग के साथ आरोपी जग्गो ने दुष्कर्म किया था. इसके बाद नाबालिग ने खुद को आग लगाकर जान दे दी. लेकिन जब पुलिस ने मामले की जांच की और कोर्ट में गवाहों के बयान हुए, तो पूरे मामले में मृतक नाबालिग की मां और दादी को दोषी पाया गया.

पढ़ें:Bharatpur: नाबालिग बच्ची की दुष्कर्म के बाद कर दी थी बेरहमी से हत्या, आरोपी को आजीवन कारावास की सजा

असल में नाबालिग की मां और दादी ने ही नाबालिग को मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगाकर मार दिया था. साक्ष्य छुपाने के लिए नाबालिग का अंतिम संस्कार भी कर दिया. पॉक्सो कोर्ट नंबर 2 के विशिष्ट न्यायाधीश अखिलेश कुमार ने बुधवार को पूरे मामले की सुनवाई कर मृतक की मां नैन्हा और दादी रामोली को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही अर्थदंड भी लगाया. वहीं जग्गो नाम के व्यक्ति को बरी कर दिया गया.

ऐसे सुलझी हत्या की गुत्थी: नाबालिग बच्ची को जलाकर मारने की पूरी गुत्थी सुलझाने में पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी. पुलिस को सबसे पहला शक परिजनों पर इस बात से हुआ कि परिजनों ने नाबालिग बच्ची का अंतिम संस्कार उसके पिता के फरीदाबाद से गांव पहुंचने से पहले ही पुलिस को सूचना दिए बिना कर दिया. परिजन ने जब पुलिस में दुष्कर्म कर जलाकर मारने का मामला दर्ज कराया, तो एफएसएल टीम ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए, जो कि मां और दादी के खिलाफ पाए गए. वहीं इस पूरे मामले में न्यायालय में 25 गवाह पेश किए गए, जिनके बयान और परिजनों की रिपोर्ट की कहानी मैच नहीं हुई. ऐसे में तमाम गवाहों, सबूत और पड़ताल में मां और दादी दोषी पाई गई.

इसलिए उतारा मौत के घाट:जानकारी के अनुसार मां और दादी को नाबालिग बेटी के चरित्र पर शक था. जिसकी वजह से मां और दादी ने मिलकर मिट्टी का तेल छिड़ककर उसे मौत के घाट उतार दिया. इतना ही नहीं साक्ष्य छुपाने के लिए पुलिस को सूचना दिए बिना उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया. इस पूरे मामले में दुष्कर्म की घटना साबित नहीं हो पाई, जिसके चलते जग्गो को बरी कर दिया गया.

Last Updated : May 4, 2022, 8:49 PM IST

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