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Rajasthan : जयपुर जिंदा बम प्रकरण में नाबालिग आरोपी को जमानत देने से राजस्थान हाईकोर्ट का इनकार

वर्ष 2008 में जयपुर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद मिले जिंदा बम केस में नाबालिग आरोपी को राजस्थान हाईकोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया है.

Rajasthan High Court
Rajasthan High Court

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 17, 2023, 10:00 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वर्ष 2008 में जयपुर शहर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद जिंदा मिले बम के मामले में नाबालिग आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. जस्टिस अशोक कुमार जैन ने यह आदेश आरोपी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने कहा कि आरोपी वापस अपराधियों के संपर्क में आ सकता है और गुजरात बम ब्लास्ट केस में भी इसकी जरूरत है. उसने गंभीर अपराध किया है और ऐसे में उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता. नाबालिग आरोपी ने जमानत याचिका में किशोर न्याय बोर्ड और डीजे मेट्रो के आदेशों को चुनौती देते हुए कहा कि जयपुर बम ब्लास्ट केस में उसे दोषमुक्त करते हुए हाईकोर्ट ने घटना के समय नाबालिग माना था. वह तीन साल से भी ज्यादा समय से जेल में बंद है और सह आरोपियों को जमानत मिल चुकी है, जबकि किशोर न्याय अधिनियम के तहत नाबालिग को अधिकतम तीन साल तक की सजा ही दी जा सकती है, इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए.

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ये दिया जवाब : जवाब में राज्य सरकार के एएजी राजेश महर्षि ने कहा कि हाईकोर्ट के आरोपियों को दोषमुक्त करने और आरोपी को किशोर मानने वाले फैसले को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है. जयपुर बम ब्लास्ट की विशेष कोर्ट में इस जिंदा बम मामले की भी ट्रायल जारी है. ऐसे में आरोपी को जमानत देने पर वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है, इसलिए उसे जमानत नहीं दी जाए. अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर नाबालिग आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी. बता दें कि 13 मई 2008 को जयपुर शहर में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी. इस दौरान एक बम जिंदा भी मिला था.

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