दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

Right to Health Act 2022 : राइट टू हेल्थ बिल को मिली राज्यपाल की स्वीकृति, बना कानून - राइट टू हेल्थ विधेयक 2022 बना कानून की खबरें

राजस्थान के राज्यपाल ने आज राइट टू हेल्थ बिल 2023 को अपनी स्वीकृति दे दी है. इसके साथ ही स्वास्थ्य का अधिकार बिल अब कानून बन गया है. इस विधेयक पर राज्यपाल के अनुमोदन के साथ ही राज्य के लोगों को इलाज की गारंटी मिल गई.

राज्यपाल  कलराज मिश्र
राज्यपाल कलराज मिश्र

By

Published : Apr 12, 2023, 2:12 PM IST

जयपुर.राजस्थान विधान सभा में पारित स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक 2022 को राज्यपाल कलराज मिश्र ने अपना अनुमोदन दे दिया है. इसके साथ ही राजस्थान की जनता को अब स्वास्थ्य का अधिकार कानूनी तौर पर मिल गया है. इसके अलावे राज्यपाल ने तीन अन्य विधेयकों को भी अपनी स्वीकृति दी है. वहीं राजस्थान अधिवक्ता संरक्षण विधेयक 2023 को राष्ट्रपति के विचारार्थ भेजा है.


चार विधेयकों को मिली मंजूरी :राज्यपाल कलराज मिश्र ने बुधवार को राज्य विधानसभा द्वारा पंद्रहवीं राजस्थान विधान सभा के आठवें सत्र में 21 मार्च 2023 को पारित "राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक 2022" विधेयक को अनुमति दे दी है. इसके साथ ही राज्यपाल ने तीन अन्य विधेयक को भी मंजूरी दी है. जिसमें विधानसभा के इसी सत्र में 20 मार्च 2023 को पारित "राजस्थान नगर पालिका संशोधन विधेयक 2023", "बाबा आमटे दिव्यांग विश्वविद्यालय, जयपुर विधेयक 2023" तथा "राजस्थान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (स्थापन और प्रवर्तन का सुकरीकरण) (संशोधन) विधेयक 2023" को भी अनुमति दे दी है.

"राजस्थान अधिवक्ता संरक्षण विधेयक 2023" विचारार्थ राष्ट्रपति को भेजा :राज्यपाल कलराज मिश्र ने राज्य विधान सभा में 21 मार्च 2023 को पारित "राजस्थान अधिवक्ता संरक्षण विधेयक 2023" को केंद्रीय अधिनियम के प्रावधानों के संशोधन से संबंधित होने के कारण राष्ट्रपति को विचारार्थ भेजा है. राज्यपाल ने बताया कि चूंकि विधान सभा द्वारा पारित इस विधेयक पर भारत के संविधान के अनुच्छेद 200 के उपबंध लागू होते हैं, इसलिए इसे राष्ट्रपति के विचारार्थ भेजा गया है.

क्या है स्वास्थ्य का अधिकार :बता दें कि 21 मार्च 2023 को राजस्थान विधान सभा में विपक्ष के हंगामे के बीच स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक पारित हुआ, विधेयक पारित होने के साथ प्रदेशवासियों को स्वास्थ्य का अधिकार देने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया था. देश के किसी राज्य में स्वास्थ्य का अधिकार कानून लागू नहीं है. इस विधेयक के पारित होने के साथ प्रदेश में प्रत्येक व्यक्ति को इलाज की गारंटी मिल गई है. सरकारी और निजी अस्पताल अब किसी भी मरीज को इलाज के लिए मना नहीं कर सकेंगे. आपातकालीन स्थिति में निजी अस्पतालों को नि:शुल्क उपचार करना होगा. अस्पतालों में निगरानी के लिए प्रदेश एवं जिला स्तर पर प्राधिकरण बनेगा. हालांकि पिछले दिनों निजी चिकित्सकों के आंदोलन के बीच सरकार के साथ हुए कुछ समझौते इसमें जोड़ने की सम्भावना है, जिसमें RTH के दायरे से वो अस्पताल बाहर रहेंगे जिन्होंने किसी भी प्रकार की सहायता सरकार सहायता नहीं ली है.

पढ़ें Right to health Bill : सीएम गहलोत ने ट्वीटर पर शेयर किया वीडियो, बताए बिल के फायदे

ABOUT THE AUTHOR

...view details