नई दिल्ली: एनजीटी ने राजस्थान के बीकानेर स्थित नोखा गांव की कृषि भूमि पर अनट्रिटेड सीवेज और औद्योगिक कचरा डालने से रोकने में नाकाम रहने पर राजस्थान सरकार पर ₹50 लाख का अंतरिम जुर्माना लगाया है. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने जुर्माने की ये रकम बीकानेर के कलेक्टर के यहां जमा करने का आदेश दिया है. जो इलाके की पानी की गुणवता बहाल करने पर इस्तेमाल होगी.
एनजीटी ने लगाया सरकार पर ₹50 लाख का जुर्माना
एनजीटी ने नवंबर 2019 में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से इस संबंध में एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब की थी, लेकिन बोर्ड इस आदेश का पालन करने में नाकाम रहा. SPCB ने 16 जून 2020 को अपनी रिपोर्ट में कहा कि बोर्ड के अधिकारी मौके पर मुआयना करने पहुंचे तो पाया कि नोखा नगर पालिका बोर्ड ने एक MLD का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तो लगा रखा है, लेकिन वो काम नहीं कर रहा है. जिस वजह से अनट्रिटेड कचरा बाहर आ रहा है और इसकी रिपोर्ट के आधार पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नोखा नगर पालिका बोर्ड के कार्यपालक अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया लेकिन, कोरोना की वजह से उस पर कार्रवाई नहीं हो सकी. 24 अगस्त 2020 को भी दाखिल स्टेटस रिपोर्ट में बताया गया कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट काम नहीं कर रहा है और कचरा खुले में बह रहा है.