नई दिल्ली : राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने राजस्थान सरकार को नोटिस जारी किया है. लड़कियों को बेचे जाने की एक खबर के बाद नोटिस जारी किया गया है. इसके अनुसार आठ से 18 साल की लड़कियों को स्टांप पेपर पर बेचा जा रहा है. विवाद बढ़ने पर उनके परिवार वालों पर मामला रफा-दफा करने का दबाव बनाया जाता है. इसमें पंचायत भी कथित तौर पर भूमिका निभा रहा है. यहां तक कि कुछ मामलों में पीड़िता की मां को भी रेप की धमकी दी गई है.
हालांकि, राज्य सरकार के मंत्री प्रताप खचरियावास ने सभी आरोपों को निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच की जा रही है, इसिलए इस मामले में अभी बहुत कुछ नहीं कहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि आयोग को नोटिस जारी करने से पहले राजस्थान सरकार से बात करनी चाहिए थी. वह पुलिस से जानकारी लेते, उसके बाद आगे की कार्रवाई होती. मंत्री ने राज्य में लड़कियों के बेचे जाने की घटना को गलत बताया है.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने का कि उनकी टीम राजस्थान के भीलवाड़ा स्थित वह गांव जाएगी और सच्चाई का पता लगाएगी. आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा एक नवंबर को जिले के एसपी से भी मुलाकात करेंगी. शर्मा ने कहा कि कुछ साल पहले भी राज्य से ऐसी ही घटनाओं की जानकारी मिली थी. लेकिन तब प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की थी.
एनसीपीसीर के चेयरमैन पी कानूनगो ने कहा कि वह सात नवंबर को उस गांव का दौरा करेंगे, जहां की यह घटना है. उन्होंने कहा कि वह पीड़ित परिवारों से भी मुलाकात करेंगे. कानूनगो ने कहा कि उनकी कोशिश है कि इस तरह का घिनौना अपराध बंद हो और इसके लिए जो भी कदम उठाया जा सकता है, वह इसकी वकालत करेंगे.
कानूनगो ने कहा कि पूरा मामला बहुत ही निंदनीय है, क्योंकि इसमें सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ नेता भी शामिल हैं. उनके अनुसार बिना राजनीतिक और प्रशासनिक सपोर्ट के बच्चों की तस्करी संभव नहीं है. पूरा अपराध संगठित होकर चलाया जा रहा है. राजस्थान महिला आयोग ने भी इस घटना का संज्ञान लिया है. आयोग ने भीलवाड़ा कलेक्टर और डीजीपी को सात दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा है.