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साइप्रस में फंसे पति को बचाने के लिए पत्नी ने लगाई गुहार, Social Media पर वीडियो Viral

राजस्थान के उदयपुर से एक बेटी भारत सरकार से अपने पति को बचाने के लिए गुहार लगा रही है. महिला का पति अपने 10 भारतीय साथियों के साथ साइप्रस की एक क्रूज पर फंसा है. महिला ने एक वीडियो शेयर किया है. जिसमें MV मरिन में फंसे पति और उनके साथियों को बदहाल देखा जा सकता है. इसके साथ ही उसने अपना वीडियो बना सरकार से मार्मिक अपील भी की है. रुंधे गले से सिर्फ एक ही गुहार है कि उसके पति को बचा लिया जाए.

साइप्रस में फंसे लोग
साइप्रस में फंसे लोग

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Published : Sep 4, 2021, 3:47 PM IST

उदयपुर :राजस्थान के लेक सिटी उदयपुर से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें कुछ लोग अपनी बेबसी के बारे में बता रहे हैं. अपनी रक्षा के लिए गुहार लगा रहे हैं. दरअसल, यह वीडियो उदयपुर की एक महिला ने सोशल मीडिया पर डाला है. उसने साइप्रस बंदरगाह में मौजूद एमवी मरीन जहाज पर फंसे अपने पति संजीव सिंह को बचाने की के लिए सरकार से वीडियो जारी कर मदद की गुहार लगाई है.

उदयपुर की रहने वाली श्वेता सिंह राठौर ने बताया कि उनके पति संजीव सिंह के साथ ही कुल 10 भारतीय और 3 विदेशी नागरिकों की जान खतरे में है. इस पूरे मामले को लेकर उन्होंने भारतीय दूतावास को भी पत्र लिखा है.

पति को बचाने के लिए पत्नी की गुहार.

पति से नहीं हो पा रहा संपर्क

फिलहाल इस पूरे घटनाक्रम पर उन्हें कोई राहत नहीं मिली है. श्वेता सिंह राठौर का अपने पति से संपर्क नहीं हो पा रहा है. मुश्किल से कभी व्हाट्सएप पर कॉल लग पा रही है. ऐसे में शुक्रवार शाम के बाद से उनसे संपर्क नहीं हुआ है, पिछले 5 दिनों से खाना नहीं मिलने से अब तबीयत भी नासाज होने लगी है. इतना ही नहीं जहाज के कू मेंबर्स एक तरह से बंधक बना गए हैं. ऐसे में उन्हें कई बार पीने के पानी के लिए भी तरसना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि लंबे समय से साइट पर सपोर्ट के अथॉरिटी से भी इन्हें कोई मदद नहीं मिल पा रही है.

उन्होंने कहा कि उनके पति के साथ ही कुल 10 भारतीयों और 3 विदेशी नागरिकों की जान भी खतरे में हैं. इस सम्बंध में उन्होंने भारतीय राजदूतावास को पत्र लिखने के साथ ही स्थानीय प्रशासन से भी सम्पर्क किया है. श्वेता राठौड़ ने बताया कि उनके पति संजीव सिंह जहाज पर सेकंड ऑफिसर है. जो एमबी मरीन कंपनी में काम कर रहे हैं.

दो मुल्कों में उलझा मामला

यह मामला एक जहाज की बिक्री को लेकर हुए करार का है. दो कम्पनियों के इस करार में कर्मचारी उलझ गए हैं और साइप्रस बंदरगाह पर फंसे हुए हैं. शिप के क्रू मेंबर्स को तीन महीनों से वेतन नहीं मिला है. हालात इतने खराब हैं कि पिछले पांच दिनों से क्रु के लोग खाना-पानी को लेकर भी तरस रहे हैं.

करीब एक महीने से फंसे इन लोगों को साइप्रस पोर्ट अथॉरिटी से भी मदद नहीं मिली है. ऐसे में भारतीय विदेश मंत्रालय के तुरंत हस्तक्षेप से ही मदद मिल सकती है. शिप के सदस्यों ने भी भारत सरकार से सम्पर्क किया, मगर उन्हें कोई मदद नहीं मिली है. कंपनी की ओर से क्रु सदस्यों पर लीबिया जाने की दबाव है. जबकि भारतीय एडवाइजरी के अनुसार लीबिया नहीं जाने की सलाह है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एमबी मरीन शिप अब लीबिया की नई कंपनी है.

मिल रही धमकी

जानकारी के मुताबिक एमवी मरीन शिप अब लीबिया की नई कम्पनी का है, पहले इसका नाम एस सी एस्त्रा ( SC Astrea) था और यह नॉर्वे का शिप था. लीबियन कम्पनी की तरफ से धमकियां मिल रही हैं. शिप में संजीव सिंह सेकंड ऑफ़िसर हैं जबकि विजय स्वामी चीफ़ ऑफ़िसर और एलेक्जेंडर बाइको कैप्टन हैं. पिछले करीब 36 घण्टे से श्वेता पति की सही सलामत वापसी की कामना कर रही हैं. संजीव ने अपने परिवार को शुक्रवार को कुछ फोटो-वीडियो भेजे हैं, जिसमें उन्होंने सरकार से बचाने की गुहार लगाई है.

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क्रू मेंबर्स जो फंसे हैं

शिप में राजस्थान के उदयपुर से संजीव सिंह, तमिलनाडु से विजय शेखरन, महाराष्ट्र से सुनील, यूपी से अवदेश, बिहार से चंदन कुमार, यूपी से प्रतीक गौड़, हरियाणा से योगेश, केरल से सुमेश सुधाकरन, बिहार से ऋषभराज, केरल से बीनू थोमस, पश्चिम बंगाल से महबूब जाहेदी सहित रशियन कैप्टन एजेक्जेंडर, इटालियन हुसाम नाजर और युक्रेन के क्लिस्टोव शामिल है.

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