जयपुर.राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रहे कोल्ड वार को राहुल गांधी और मलिकार्जुन खड़गे ने एक बार फिर समाप्त कर दिया है. भले ही अभी दोनों नेताओं के बीच शांति का फार्मूला क्या बना है, ये सामने नहीं आया है लेकिन दोनों नेताओं की "हम साथ साथ हैं" का संदेश देती तस्वीरें एक बार फिर सामने आई है. बता दें कि गहलोत व पायलट के बीच राजस्थान में मुख्यमंत्री बनने को लेकर उठापटक साल 2018 में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही शुरू हुई, उसके बाद से अब तक गहलोत ओर पायलट की 4 साल में चार ऐसी तस्वीरें सामने आ चुकी हैं, जिसमें दोनों नेता एकता का संदेश देते दिख रहे हैं. अब सवाल ये है कि क्या चौथी बार आई तस्वीर के बाद वाकई राजस्थान में गहलोत और पायलट एकजुट होकर रहेंगे या फिर पिछली तीन तस्वीरों की तरह इस बार की तस्वीर भी केवल फोटो सेशन का हिस्सा बनकर रह जाएगी.
2023 में पायलट और गहलोत की राहुल गांधी और मलिकार्जुन खड़गे ऐसे आई चार तस्वीरे, 3 बार नतीजा सिफर अबकी बार उम्मीद मिलेंगे दोनो ध्रुव :दिसम्बर 2018- दोनों नेताओं के बीच सियासी खींचतान, राजस्थान में सरकार बनने के साथ ही दिसंबर 2018 में शुरू हुई. दिसंबर 2018 में जब गहलोत ने मुख्यमंत्री बनने के मामले में सचिन पायलट से बाजी मारी. उसके बाद से दोनों नेताओं के बीच दूरियों को मिटाने के लिए राहुल गांधी के साथ गहलोत और पायलट की मुस्कुराती हुई तस्वीरें सामने आई. लेकिन यह तस्वीरें दिखावे मात्र की रह गई और 2 साल में ही पायलट ने गहलोत के खिलाफ विद्रोह कर दिया.
2022 में केसी वेणुगोपाल के साथ गहलोत और पायलट अगस्त 2020- जुलाई 2020 में जब सचिन पायलट अपने समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व को चैलेंज करते हुए दिल्ली चले गए. करीब 35 दिन तक चली उठापटक के बाद प्रियंका गांधी ओर अहमद पटेल ने अगस्त 2020 में बीच-बचाव कर पायलट की कांग्रेस में वापसी करवाई. इसके बाद अगस्त 2020 में ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट और केसी वेणुगोपाल की एकता दिखाती हुई तस्वीरें सामने आई लेकिन ये तस्वीरें भी तस्वीर ही बनकर रह गई. उसके बाद भी दोनों नेताओं में राजनीतिक कोल्ड वार चलता रहा.
2020 में केसी वेणुगोपाल के साथ गहलोत और पायलट पढ़ें सीएम गहलोत और पायलट संग मुस्कुराते हुए खड़गे निवास से निकले केसी वेणुगोपाल, कहा- एक साथ लड़ेंगे चुनाव
नवंबर 2022- सितंबर 2022 में जब कांग्रेस आलाकमान की ओर से विधायक दल की बैठक बुलाई गई, जिसका कांग्रेस विधायकों ने बहिष्कार करते हुए अपने इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को सौंप दी. इसके साथ ही पायलट बनाम गहलोत शीत युद्ध अपने चरम पर चला गया. इसी बीच राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा दिसंबर 2022 में राजस्थान में प्रवेश करनी थी, इससे ठीक पहले नवंबर 2022 में संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल फिर राजस्थान आए. उन्होंने दोनों नेताओं के साथ बातचीत की और दोनों नेता एक साथ मिलकर चलने की बात कहते नजर आए. इस बार भी ये फोटो केवल तस्वीर बन कर रह गई. भले ही भारत जोड़ो यात्रा में दोनों नेता राहुल गांधी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते दिखे लेकिन गहलोत और पायलट के बीच दूरियां बढ़ती गई.
2018 में राहुल गांधी के साथ गहलोत और पायलट मई 2023- मई 2023 में एक बार फिर सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच जारी राजनीतिक उठापटक तेज हुई. जिसके चलते सचिन पायलट ने पहले अपनी ही सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार और पेपर लीक के मुद्दे पर अजमेर से जयपुर तक पैदल मार्च निकाला. फिर 15 मई को अपनी तीन मांगे रखते हुए गहलोत सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दे दिया. इस अल्टीमेटम के बाद माना जा रहा था कि अब पायलट और कांग्रेस के रास्ते अलग अलग होने जा रहे हैं. लेकिन इसी बीच इस बार भी राहुल गांधी और मलिकार्जुन खड़गे ने केसी वेणुगोपाल के साथ मिलकर दोनों में आपसी सुलह करवाई है. लेकिन अब यह सुलह स्थाई होगी या फिर एक बार यह केवल फोटो सेशन तक सिमट कर रह जाएगी यै तो आने वाला समय ही बताएगा.
केसी वेणुगोपाल के साथ गहलोत और पायलट