कोटा.राजस्थान की चंबल नदी पर देश का पहला हेरिटेज रिवर फ्रंट 1442 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हो गया है. इसके लोकार्पण समारोह में आज यानी 12 सितंबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समय कई हस्तियों को पहुंचना था, लेकिन ऐन मौके पर मुख्यमंत्री ने अपरिहार्य कारणों से नहीं आ रहे हैं. हालांकि समारोह पूर्व की भांति ही आयोजित किया जा रहा है, लेकिन इसका लोकार्पण अब यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल स्वयं करेंगे. इसको लेकर सियासी अटकलें का बाजार गर्म हो गया है, क्योंकि इस पूरे दौरे को हाड़ौती की राजनीति के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा था.इस मामले में पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल के इको सेंसेटिव जोन में रिवर फ्रंट के निर्माण, विधायक भरत सिंह के विरोध का आगाज और केशोरायपाटन शुगर मिल के लिए किसान आंदोलन कारण बताए जा रहे हैं.
हालांकि समारोह में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वैभव गहलोत, मंत्री बीडी कल्ला, परसादी लाल मीणा, गोविंद मेघवाल, भरोसी लाल जाटव, रामलाल जाट, शकुंतला रावत, लालचंद कटारिया व उदयलाल आंजना समेत कई विधायक और बोर्ड के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पहुंचे है. यह समारोह आज पूरा दिन चलेगा. जिसमें अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. नयापुरा बावड़ी से सभी विशिष्ट अतिथियों ने रिवर फ्रंट पर प्रवेश किया है. वे इस नवनिर्मित रिवरफ्रंट का पूरा अवलोकन करेंगे. इसके साथ ही अलग-अलग संस्कृतियों के अनुसार अलग-अलग घाट पर आयोजन भी इवेंट कंपनी ने रखे हैं.
मंत्री धारीवाल पहुंचे रिवरफ्रंट के लोकार्पण समारोह में
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क्या गुंजल के आरोप के चलते रद्द हुआ सीएम का दौरा :भाजपा नेता और पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने भी आरोप लगाया था कि चंबल घड़ियाल सेंचुरी के इको सेंसेटिव जोन में रिवर फ्रंट का निर्माण करवाया है. इसे गैरकानूनी बताते हुए प्रहलाद गुंजल ने कहा था कि सीएम को इसका लोकार्पण नहीं करना चाहिए, यह असंवैधानिक होगा. साथ ही कहा था कि केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने 1 जुलाई 2023 को इसके निर्माण पर आपत्ति भी जता चुकी है. वहीं केशोरायपाटन में स्थित शुगर मिल को चलाने के लिए बीजेपी के नेता गिर्राज गौतम के नेतृत्व में आंदोलन करीब 2 साल से चल रहा है. इसी मांग को लेकर लगातार धरने प्रदर्शन और अलग-अलग तरह से किसान आंदोलनरत हैं. दूसरी तरफ कहार केवट समाज के अध्यक्ष उमाशंकर कहार ने भी सीएम का विरोध करने की चेतावनी दी थी. उन्होंने आरक्षण समेत कई मांगे रखी थी. इसके तहत उन्होंने अशोक गहलोत का रास्ता रोकने की चेतावनी भी दी थी.
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भरत सिंह का विरोध भी हो सकता है कारण :सांगोद विधायक व पूर्व मंत्री भरत सिंह ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विरोध की बात कही थी. जिसमें उनका कहना था कि कोटा जिले के सीमलिया इलाके के कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज हुए हैं. कार्यकर्ताओं की तरफ से दर्ज करवाएं अवैध खनन के मुकदमों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. विधायक भरत सिंह का आरोप है कि इस फाइल को सीआईडी सीबी में जांच के नाम पर लटका रखा है. इसलिए वे कोटा आने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का तो स्वागत करेंगे, लेकिन बतौर गृह मंत्री उनका विरोध करेंगे साथ ही मुर्दाबाद के नारे भी लगाएंगे. इसको लेकर उन्होंने अपने निवास के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकत्रित होने का आह्वान भी किया था.
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