भजनलाल के भी आराध्य हैं गिरिराज जी भरतपुर. किसान के बेटे और भरतपुर जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया है. सामान्य से किसान परिवार से निकलकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक का सफर तय करने वाले भजनलाल शर्मा हकीकत में आध्यात्मिक, दान पुण्य और मानव सेवा से जुड़ाव रखने वाली शख्सियत हैं.
पूरे बृज के आराध्य गिरिराज जी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के भी आराध्य हैं. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा नियमित रूप से गिरिराज जी और पूंछरी का लौठा में स्थित श्रीनाथजी के दर्शन करते हैं. इतना ही नहीं अपने खेत में पैदा होने वाली पूरी फसल और अनाज को गौशाला को दान कर देते हैं.
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हर माह करते हैं भंडारा: मुख्यमंत्री के गांव अटारी निवासी प्रभाकर शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा आध्यात्मिक प्रवृत्ति की व्यक्ति हैं. गिरिराज जी में उनकी असीम श्रद्धा है. महीने में तीन से चार बार वो गिरिराज जी और पूंछरी का लौठा में स्थित श्रीनाथजी मंदिर के दर्शन जरूर करते हैं. इतना ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा श्रीनाथ मंदिर ट्रस्ट के सदस्य भी हैं. मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए हर माह भंडारा भी कराते हैं.
18 बीघा खेत की पैदावार गौशाला को करते हैं दान: प्रभाकर शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जब भी गांव आते हैं मंदिर में दर्शन करते हैं. गांव में आज भी उनके 18 बीघा पैतृक खेती-बाड़ी है. खेत में रबी और खरीफ की दोनों फसलें की जाती हैं, लेकिन 18 बीघा खेत की पूरी पैदावार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा गौशाला को दान कर देते हैं.
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माता पिता को मानते हैं दूसरे गिरिराज जी: भाजपा के संभाग मीडिया प्रभारी नरेश सेन ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा महीने में कई बार श्रीनाथ जी और गिरिराज जी के दर्शन करने जाते हैं. मतगणना से पहले 1 दिसंबर को भी भजनला शर्मा पूंछरी का लौठा स्थित श्रीनाथ मंदिर पहुंचे थे. यहां श्री नाथ जी व गिरिराज जी के दर्शन कर जब वो जयपुर लौट रहे थे तो बोले कि भरतपुर में दूसरे 'गिरिराज जी' यानी माता पिता के दर्शन करते हुए निकलूंगा. उसके बाद भरतपुर आए और माता पिता का आशीर्वाद लेकर जयपुर रवाना हुए. भजनलाल शर्मा अपने माता पिता के प्रति भी गिरिराज जी के समान श्रृद्धा भाव रखते हैं. प्रभाकर शर्मा ने बताया कि नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जात-पात से ऊपर उठकर सभी धर्म और सभी जाति के लोगों को एक साथ लेकर चलते हैं. जब वर्ष 2000 में भजनलाल शर्मा ग्राम अटारी के सरपंच बने थे तो गांव के सभी जाति के लोगों को समान भाव से देखते थे और गांव में विकास कराया था.