ह्यूमन रोवर चैलेंज में नासा से मिला अवार्ड. पिलानी (झुंझुनू). राजस्थान के झुंझुनू जिले के पिलानी में स्थित बिट्स (बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस) की टीम को 3 पहिए वाला रोवर बनाने के लिए नासा की तरफ से अवार्ड मिला है. पूरे एशिया में टीम को पहला, जबकि विश्व में 12वां स्थान मिला है. रोवर बनाने वाली टीम में अर्नब सिंह (नई दिल्ली), रोहित (विशाखापट्टनम), समकित जैन (मुरादाबाद), अथर्वा रामदास (बैंगलूरू), कनवा कश्यप (बैंगलूरू), साइना (इंदौर), अथर्व श्रीवास्तव (नोएडा) शामिल हैं.
बिट्स के निदेशक प्रोफेसर सुधीर कुमार बरई ने बताया कि अमेरिका के अलबामा के हंट्सविले में नासा मार्सल स्पेस फ्लाइट सेंटर में कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इसे 'नासा ह्यूमन एक्सप्लोरेशन रोवर चैलेंज' एचईआरसी 2023 का नाम दिया गया है. इसमें 8 देशों की 61 अर्न्तराष्ट्रीय टीमों ने भाग लिया. बिट्स पिलानी की टीम इंस्पायर कार्टर ग्रेविटी ने प्रोजेक्ट रिव्यू अवार्ड के लिए पूरे एशिया में पहला स्थान प्राप्त किया.
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उन्होंने बताया कि बिट्स की टीम की ओर से बनाए गए विशेष मार्स रोवर ने 12 वां स्थान हासिल किया है. उन्होंने बताया कि बिट्स की टीम ने प्रोजेक्ट में लगातार दूसरे वर्ष एशिया-प्रशांत क्षेत्र में प्रथम स्थान प्राप्त किया है. ये रोवर मंगल ग्रह की विपरीत स्थितियों में भी बेहतर काम कर सकेगा. नासा में प्रेजेंटेशन के दौरान बिट्स की टीम इस्पायर्ड कार्टर्स ग्रेविटी ने रोवर को चलाकर दिखाया.
क्या खास है रोवर में : बिट्स पिलानी के छात्रों ने मंगल ग्रह पर उतारने के लिए तीन पहिए का रोवर बनाया है, जिसको दो यात्री चला सकेंगे. ये रोवर 500 किलो वजन तक सहन कर सकेगा. इसका वजन मात्र 65 किलो है. कार्बन फाइबर से बना यह रोवर मजबूत होने के साथ साथ वजन में काफी हल्का है. इसे मंगल ग्रह तक ले जाना काफी आसान है. इसके पहियों और पैडल को चेन की जगह मजबूत बेल्ट से जोड़ा गया है. यह हर मौसम, हर तापमान के अनुकूल है. इसमें एक छोटी बैट्री भी लगाई गई है. बैट्री ने इसके संचालन को आसान बना दिया है.