Chhattisgarh Election 2023 : चुनावी साल में प्रचार सामग्री व्यवसाय में तेजी, करोड़ों के कारोबार की उम्मीद - election campaign material
Chhattisgarh Election 2023 छत्तीसगढ़ में चुनाव आते ही गली मोहल्ले बाजार चुनाव प्रचार सामग्रियों से ढंक जाते हैं. इस दौरान चुनाव प्रचार सामग्री बनाने और बेचने वालों की चांदी होती है. अनुमान के मुताबिक छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में करोड़ों रुपए का व्यापार प्रचार सामग्रियों से होता है.
चुनावी साल में प्रचार सामग्री व्यवसाय में तेजी
By
Published : Jul 20, 2023, 9:52 PM IST
|
Updated : Jul 20, 2023, 11:01 PM IST
चुनावी साल में प्रचार सामग्री व्यवसाय में तेजी
रायपुर : छत्तीसगढ़ में चुनाव करीब हैं. ऐसे में राजनीतिक पार्टियों के साथ नेता अपने-अपने विधानसभा में सक्रिय हो गए हैं.हर कोई आलाकमान को खुश करने की कोशिश कर रहा है.यही वजह है कि बड़े शहरों में गली मोहल्ले चौक चौराहे पोस्टर और बैनर से पटने लगे हैं.छोटे से लेकर बड़े नेता तक हर कोई बैनर पोस्टर के सहारे अपनी राजनीति चमका रहा है. यही वजह है कि इस बार पोस्टर और बैनर बनाने वालों को चुनाव के दौरान अच्छे व्यापार की उम्मीद है.
राजधानी भी प्रचार सामग्रियों से भरी : छत्तीसगढ़ की राजधानी भी बैनर और पोस्टर्स से अछूती नहीं है.इस समय जिस भी चौराहे से निकलिए, वहां किसी ना किसी नेता का बैनर या फिर पोस्टर नजर आ जाएगा. चाहे कोई त्यौहार हो, किसी नेता का जन्मदिन आए या फिर किसी विशेष आयोजन की तारीख निर्धारित की गई हो. नेता प्रचार प्रसार में जरा भी नहीं चूक रहे हैं. वहीं इस मौके को वो लोग ज्यादा भुना रहे हैं, जिन्हें उम्मीद है कि इस बार विधानसभा चुनाव में पार्टी उन्हें फिर से मौका देने वाली है. इसलिए टिकट से पहले ही पोस्टर और बैनर के जरिए नेता अपना संदेश जनता तक पहुंचा रहे हैं. ऐसे में प्रचार सामग्री बेचने वालों का व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है.
चुनावी साल में अच्छे कारोबार की उम्मीद: चुनाव सामग्री विक्रेताओं का कहना है कि संभावित प्रत्याशी चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं. इस बार के चुनाव में कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी. इसी हिसाब से प्रत्याशी बड़ी सक्रियता से प्रचार प्रसार में लग चुके हैं. चुनाव में अच्छा व्यापार होने की उम्मीद भी है, क्योंकि दो साल कोरोना के कारण व्यापार मंदा था. लेकिन इस बार का माहौल अलग है, लिहाजा व्यापार अच्छा होने की उम्मीद है.
चुनाव प्रचार-प्रसार सामग्री में ट्रेडिशनल चीजों के अलावा नई नई सामग्रियां आती रहती है. ट्रेडिशनल चीजों में झंडे ,बैनर, फ्लेक्स, मफलर टोपी जैसे आयटम ज्यादा चलते हैं. चुनाव आयोग की लिमिट रहती है तो प्रत्याशी अनावश्यक खर्च नहीं करना चाहते. हम वैसी चीजें मंगवाते हैं, जिनकी डिमांड होती है. प्रचार सामग्रियों में पेन ,की-रिंग , बैच , टोपी ,टीशर्ट ,कैलेंडर जैसी चीजें ज्यादा मांगी जाती है. -अमर परचानी, चुनाव सामग्री विक्रेता
ऑफसेट के काम में आएगी तेजी : ऑफसेट प्रिटिंग का काम करने वाले भी चुनाव के दौरान काफी एक्टिव रहते हैं. उनके पास काम की कोई कमी नहीं रहती. ऑफसेट का मार्केट चुनाव से पहले तेजी पकड़ता है, क्योंकि सबसे पहले नेता फ्लेक्स का ही काम करवाते हैं. पेपर पंपलेट का वर्क चुनाव से दो महीने पहले होता है.
सोशल मीडिया का नहीं पड़ा व्यापार पर असर :सोशल मीडिया के आने से चुनाव प्रचार प्रसार के लिए पारंपरिक चीजों में किसी प्रकार का बदलाव नहीं आया है. सोशल मीडिया एक अलग माध्यम है. बैनर पोस्टर, पंपलेट प्रचार का एक अलग माध्यम है. ज्यादातर नेता अब भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करते हैं. चुनाव के लिए फ्लेक्स ,बैनर, पंपलेट जरूरी है.
इस बार बैनर पोस्टर ऑफसेट बाकी सभी चुनाव संबंधित काम करने वाले लोगों को व्यापार की अच्छी उम्मीद है. 2023 के विधानसभा के बाद लोकसभा के चुनाव होने हैं. उसके बाद नगरीय निकाय और पंचायत स्तर के चुनाव होंगे. चुनाव में व्यवसाय करने का अच्छा अवसर होता है. -नवीन कुमार, व्यापारी
संभावित प्रत्याशियों ने शुरू की तैयारी :विधानसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग में प्रत्याशियों को खर्च का ब्यौरा देना होता है. ऐसे में विधानसभा चुनाव के संभावित प्रत्याशी अभी से ही अपने क्षेत्रों में अपने प्रचार प्रसार और टिकट पाने के लिए फ्लैक्स और बैनर में राशि खर्च कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ में त्योहारों की शुरुआत हो गई है. आने वाले दिनों में रक्षा बंधन, गणेश उत्सव और नवरात्रि जैसे पर्व आने वाले हैं. नेता इन सभी त्यौहारों के शुभकामना संदेश अभी से छपवा रहे हैं.
पिछले चुनाव में कितनी थी खर्च सीमा :साल 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान प्रत्याशियों के खर्च की लिमिट 28 लाख रुपए निर्धारित की गई थी. प्रत्याशी लगभग 10% राशि फ्लेक्स बैनर में खर्च करते हैं. पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान सिर्फ प्रत्याशियों से ही फ्लेक्स और बैनर प्रिंटिंग का लगभग 20 से 25 करोड़ का व्यवसाय हुआ था. इस विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार प्रसार के खर्च की लिमिट बढ़ने की उम्मीद है. ऐसे में इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी यह आस है कि आगामी विधानसभा चुनाव में उनका अच्छा व्यवसाय होगा.
चुनावी साल में प्रचार सामग्री व्यवसाय में तेजी
करोड़ों का होता है व्यवसाय :चुनाव सामग्री के व्यापारियों के मुताबिक चुनाव प्रचार प्रसार सामग्रियों के क्षेत्र में चुनाव के दौरान करोड़ों का व्यवसाय होता है. क्योंकि प्रचार प्रसार सामग्रियों में तरह-तरह के व्यापार जुड़े हुए हैं. इनमें प्रिंटिंग से लेकर, कपड़े, झंडे, फैब्रिक का व्यापार करने वाले लोग शामिल हैं. इस दौरान प्रचार-प्रसार सामग्रियों को तैयार करने के लिए अलग-अलग लोगों की जरूरत पड़ती है. सभी प्रचार-प्रसार सामग्रियों को मिला दिया जाए तो चुनाव के दौरान लगभग 70 से 80 करोड़ का व्यवसाय प्रचार प्रचार सामग्रियों का होता है.