Politics heated up on Nude Protest: नग्न प्रदर्शन मामले पर गरमाई राजनीति, विधानसभा में उछला मामला, फर्जी जाति प्रमाण पत्र वालों की रद्द होगी नौकरी !
Politics heated up on Nude Protest छत्तीसगढ़ में एसटी एससी युवाओं की ओर से फर्जी जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ रायपुर में किए गए नग्न प्रदर्शन को लेकर सियासत भी गरमा गई है. लगातार बयानबाजी के बीच मामला बुधवार को विधानसभा में खूब उछला. अब फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी के बाबत सीएस ने 20 जुलाई को सभी विभागों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है.
नग्न प्रदर्शन मामले पर गरमाई राजनीति
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Published : Jul 19, 2023, 10:55 PM IST
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Updated : Jul 19, 2023, 11:07 PM IST
नग्न प्रदर्शन मामले पर गरमाई राजनीति
रायपुर/बस्तर:छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी के खिलाफ 18 जुलाई को एसटी एससी वर्ग के युवाओं ने नग्न प्रदर्शन किया. देश में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में युवा किसी सरकार के खिलाफ पूरी तरह नग्न होकर सड़कों पर उतरे. यह घटना जहां देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है, वहीं भाजपा प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार पर हमलावर है. इस घटना से भूपेश सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा है. अब सरकार ने ऐसे लोगों की नौकरियां रद्द करने की दिशा में कदम उठाना शुरू कर दिया है. नौकरी कैसे रद्द की जा सकती है, सरकार इस पर जल्द फैसला ले सकती है. इस संबंध में छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव ने 20 जुलाई को बैठक बुलाई है, जिसमें पूरे मामले की समीक्षा की जाएगी.
राज्यपाल से सरकार को बर्खास्त करने का आग्रह:विपक्ष ने मंगलवार को राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार को बर्खास्त करने की अनुशंसा राष्ट्रपति से करने का आग्रह किया. वहीं बुधवार को इस मामले को लेकर विधानसभा में भी जमकर हंगामा हुआ. विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सदन में एससी-एसटी युवाओं के नग्न प्रदर्शन का मुद्दा जमकर गूंजा. विपक्ष ने शून्य काल के दौरान स्थगन प्रस्ताव पेश कर चर्चा की मांग की. आसंदी के स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य करने पर विपक्षी सदस्य युवाओं की रिहाई की मांग को लेकर सेंटर में उतरकर नारेबाज़ी करने लगे. इस पर आसंदी ने विपक्षी सदस्यों को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया. विपक्ष ने प्रदर्शनकारी युवाओं का पक्ष लेते हुए फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए की गई नियुक्ति पर हाई पॉवर कमेटी के गठन की मांग की. आखिरकार भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित की गई.
सरकार का गुप्तचर विभाग फेल-नारायण चंदेल:इस बीच विधानसभा में पत्रकारों से चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने नग्न प्रदर्शन को किसी भी सरकार के लिए अत्यंत ही शर्मनाक बताया. नौजवानों की ओर से सरकार और प्रशासन को अल्टीमेटम देने के बाद भी इस तरह के हालात बनने पर भी सवाल उठाया.
उन नौजवानों ने पहले सरकार और प्रशासन को अल्टीमेटम दिया था कि यदि फर्जी जाति प्रमाण पत्र की जांच नहीं होगी तो हम नग्न प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे. बावजूद इसके प्रशासन मौन और शासन चुप रहा. सरकार का एलआईबी और उसका गुप्तचर विभाग क्या करता रहा. इसके लिए कौन दोषी है. इस पूरे घटना की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. यह हमारी मांग है. -नारायण चंदेल, नेता प्रतिपक्ष छत्तीसगढ़
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल
फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले हों बर्खास्त-धरमलाल कौशिक:पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने नग्न प्रदर्शन को केवल छत्तीसगढ़ के लिए नहीं बल्कि पूरे हिंदुस्तान को शर्मसार करने वाली घटना बताया. घटना क्यों घटी है, उसके कारण की तलाश करने की सरकार को सलाह दी. प्रदर्शनकारी युवाओं को जेल भेजने का विरोध करते हुए मामले की तत्काल जांच की मांग की. साथ ही फर्जी दस्तावेज पर नौकरी करने वालों को बर्खास्त कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की.
आखिर पौने 5 साल तक यह कांग्रेस सरकार क्या कर रही थी. इन युवाओं को सरकार संतुष्ट क्यों नहीं कर पा रही है. आज ही बोल रहे हैं कि चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर मामले की समीक्षा करेंगे. 5 साल का यह अंतिम सत्र है. इसके पहले सरकार ने यह काम क्यों नहीं किया. इस पूरे मामले में सरकार दोषी है. हमारी मांग है कि पीड़ित को न्याय मिलना चाहिए. -धरमलाल कौशिक, पूर्व नेता प्रतिपक्ष, छत्तीसगढ़
पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक
लोगों को उकसा रही भाजपा-अमरजीत भगत:मंत्री अमरजीत भगत का कहना है कि इस मामले में भाजपा लोगों को समझाने की जगह उन्हें उकसाने का काम कर रही है. भाजपा इस मामले पर राजनीति कर रही है जो दुखद है. गांधी जी का हवाला देते हुए इस प्रकार के आंदोलन का समर्थन नहीं करने की बात कही. वहीं राजभवन में अटके आरक्षण विधेयक को लेकर भी भाजपा को आड़े हाथ लिया.
भारतीय जनता पार्टी उन्हें उकसाने का काम कर रही है. राजभवन जाकर बिना तथ्य के बात करेंगे जो कि समाज के लिए अच्छा उदाहरण नहीं बन सकता है. यदि आप राजभवन गए थे तो आपको विधानसभा में जो आरक्षण विधेयक पारित हुआ है, उस पर राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं हुए हैं उस विषय पर चर्चा करनी थी. अपने इस पर हस्ताक्षर करने के लिए राज्यपाल से क्यों आग्रह नहीं किया. -अमरजीत भगत, मंत्री, छत्तीसगढ़
मंत्री अमरजीत भगत
सामाजिक परिवेश में होना चाहिए आंदोलन-टीएस सिंहदेव:डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने अपने अधिकारों को लेकर प्रदर्शन करने को मौलिक अधिकार बताया. साथ ही इसके सामाजिक दायरे की भी नसीहत दी. डिप्टी सीएम ने मांगों पर उचित कार्रवाई किए जाने का भी भरोसा दिलाया है.
प्रदर्शन करना एक मौलिक अधिकार है, उसमें कोई कहीं आपत्ति नहीं है. लेकिन उसका स्वरूप सामाजिक परिवेश में स्वीकार होना चाहिए. महिलाएं भी सड़क पर आना जाना करती हैं. ऐसी अवस्था में प्रदर्शन करना उचित नहीं मानता हूं. जो मांगे हैं वह जायज हैं. यदि अनुसूचित जाति जनजाति के नाम पर गलत हुआ है तो उस पर कार्रवाई होनी ही चाहिए. मुझे पूरा विश्वास है कि शासन के संज्ञान बात है और कार्रवाई चल रही होगी. -टीएस सिंहदेव, डिप्टी सीएम, छत्तीसगढ़
दीपक बैज के अजायबघर वाले बयान पर केदार कश्यप का पलटवार:एसटी एससी युवाओं के नग्न प्रदर्शन को लेकर एक दिन पहले ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज बीजेपी पर सरकार के खिलाफ षड़यंत्र रचने का आरोप लगाया था. इतना ही नहीं बीजेपी पर आदिवासियों को अजायबघर की तरह इस्तेमाल करने की भी बात कही थी. इस पर पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने पलटवार किया है.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज
नग्न प्रदर्शन मामले पर गरमाई राजनीति
आदिवासियों को संग्रहालय की तरह इस्तेमाल करने का काम भाजपा ने नहीं बल्कि कांग्रेस ने किया है. भाजपा के 15 साल के पहले कांग्रेस की सरकार थी. कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के लिए कुछ नहीं किया है. छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, एजुकेशन हब, सारे काम भारतीय जनता पार्टी ने किया है. कांग्रेस ने केवल इन कामों में नाम चिपकाने का काम किया है. अब आदिवासी समाज पूरी तरह से जाग गया है. आने वाले समय में सारे भ्रष्टाचारियों को जेल में नचाने की गारंटी भाजपा ने ली है. -केदार कश्यप, पूर्व मंत्री, छत्तीसगढ़
पूर्व मंत्री केदार कश्यप
मामले की समीक्षा के लिए सीएस ने 20 जुलाई को बुलाई बैठक:इस पूरे मामले को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने 20 जुलाई को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है. इसमें फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर सरकारी नौकरी करने वालों के खिलाफ अब तक की कार्रवाई की समीक्षा होगी. इस संबंध में अनुसूचित जाति और जनजाति विभाग के सचिव डीडी सिंह ने 16 विभागों को पत्र जारी कर 20 जुलाई को होने वाली समीक्षा बैठक में शामिल होने को कहा है. साथ ही अफसरों से अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी बैठक में लेकर आने को कहा है. हालांकि अभी तक इस बात की जानकारी नहीं लग सकी है कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाएगी और फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी करने वालों के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई की जाएगी.