ED Action In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ सरकार के बड़े अधिकारियों और कारोबारियों के घर पहुंची ईडी, कोरबा निगम कमिश्नर प्रभाकर पांडे के घर दी दबिश, सरगुजा में व्यवसायी के घर छापा - ED in korba
ED Action In Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में ईडी ने एक बार फिर छापामार कार्रवाई शुरू की है. रायपुर और कोरबा में ईडी के अधिकारी पहुंचे हुए हैं. कोरबा में निगम आयुक्त प्रभाकर पांडे के घर ईडी दस्तावेज खंगाल रही है.
कोरबा में ईडी
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Published : Jul 21, 2023, 10:40 AM IST
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Updated : Jul 22, 2023, 6:11 AM IST
कोरबा में ईडी का छापा
रायपुर\कोरबा\सरगुजा:छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से प्रवर्तन निर्देशालय ने कार्रवाई की है. सरकारी महकमे के बड़े अधिकारियों और कारोबारियों के घर ईडी का छापा पड़ा है. ईडी की टीम सुबह से ही कई अधिकारियों और कारोबारियों के घर दस्तावेज खंगाल रही है. रायपुर और कोरबा में फिलहाल कार्रवाई जारी है.
छत्तीसगढ़ के कई जिलों में ईडी:प्रदेश के आधा दर्जन से अधिक ठिकानों पर ईडी का छापा पड़ा है. ईडी की टीम दिल्ली से फ्लाइट के जरिए रायपुर पहुंची. इसके बाद रायपुर से कोरबा गई. यह कार्रवाई नान और मार्कफेड में पीडीएस घोटाले के सिलसिले में चल रही है.
कोरबा में निगम आयुक्त प्रभाकर पांडे पर ईडी का शिकंजा: नगर पालिक निगम कोरबा के कमिश्नर प्रभाकर पांडे के निवास पर शुक्रवार तड़के ईडी ने दबिश दी है. ईडी की 6 सदस्यीय टीम ने सुबह लगभग 6 बजे कमिश्नर पांडे के कलेक्ट्रेट कार्यालय के पीछे स्थित निवास पर छापामार कार्रवाई की है. खबर है कि निगम कमिश्नर के कार्यकाल में कई काम ठप्प पड़ गए थे. निगम में काम करने वाले ठेकेदार लंबे समय से आयुक्त से नाराज चल रहे थे.
दस्तावेज खंगाल रही ईडी की टीम :आयुक्त प्रभाकर पांडेय कोरबा जिले में लगभग पिछले डेढ़ साल से पदस्थ हैं. 9 जनवरी 2022 में कोरबा जिले के नगर पालिका निगम का कार्यभार संभाला था. जो राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं. इसके पहले नगर पालिक निगम कोरबा में भारतीय प्रशासनिक सेवा(IAS) के अधिकारी ही पदस्थ होते रहे थे. काफी समय बाद राज्य शासन ने डेढ़ साल पहले किसी राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को नगर पालिक निगम कोरबा का कमिश्नर बनाकर पदस्थापित किया. अब उनके निवास स्थान पर ईडी की टीम ने दबिश दी है. टीम के द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग संबंधित दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं.
महापौर से भी दूरी :नगर पालिक निगम कोरबा के विषय में यह चर्चा आम थी कि कमिश्नर और महापौर की आपस में नहीं बनती. ऐसे कई अवसर आए जब दोनों के मध्य टकराव की स्थिति निर्मित हुई. विकास कार्यों और फण्ड के आवंटन को लेकर आयुक्त नगर निगम में अपना सिस्टम चला रहे थे. विकास कार्यों के एवज में समय पर भुगतान नहीं होने से निगम के अंतर्गत काम करने वाले ठेकेदार लंबे समय से आयुक्त से नाराज थे. किये गए कार्यों के बिल पास कराने को लेकर भी कई चर्चाएं थी. प्रदेश में उजागर बहुचर्चित कोल लेवी स्कैम हो या फिर अन्य अवैध कार्य. कोरबा जिला इसके लिए सदैव सुर्खियों में रहा है. वर्तमान कार्यवाही को भी जिले में संचालित होने वाले अवैध कार्यों से जोड़कर देखा जा रहा है.
800 करोड़ से अधिक का बजट :क्षेत्रफल की दृष्टि से नगर पालिक निगम कोरबा प्रदेश का सबसे बड़ा नगर पालिक निगम है. जिसमें 67 वार्ड शामिल हैं. अकेले कोरबा नगर पालिक निगम का बजट 800 करोड रुपए से भी अधिक का है. भारी भरकम सालाना बजट के अनुसार कोरबा जिले में कार्य नहीं हो पाते. जनता अब भी सड़क, नाली, पानी और स्ट्रीट लाइट जैसी समस्याओं से जूझती रहती है.
सरगुजा में ईडी की कार्रवाई तेज: भारतीय प्रवर्तन निदेशालय की जांच संभाग मुख्यालय अंबिकापुर तक पहुंच चुकी है. ईडी की टीम ने शुक्रवार को ब्रम्हरोड में सेठ बसंतलाल गली स्थित व्यवसायी अशोक कुमार अग्रवाल के घर और दुकान पर छापा मारा है. दो अलग लग वाहन में ईडी की टीम पहुंची है. टीम ने व्यवसायी के घर से पहुंचकर जांच शुरू की है.बताया जा रहा है कि, व्यवसायी बड़े सप्लायर हैं और पूरे प्रदेश में सामान सप्लाई का काम करते हैं. ईडी की टीम ने आज प्रदेश के अधिकारियों सहित व्यवसायियों के दर्जनभर ठिकानों पर आज सुबह जांच शुरू की है. इस टीम में महिलाएं भी हैं.
कई विभागों में सामान करते हैं सप्लाई: अशोक अग्रवाल प्रदेश भर में बड़े स्तर पर सामान सप्लाई का काम करते हैं. इनकी सप्लाई मुख्य रूप से शिक्षा विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग में होती है. पूरे छत्तीसगढ़ में सप्लाई का काम करने वाले अशोक अग्रवाल के घर छापे का कनेक्शन एकीकृत आदिवासी परियोजना व डीएमएफ मद की सप्लाई से जुड़ा बताया जा रहा है. आशंका है कि यहां ईडी की टीम अशोक अग्रवाल के ठिकानों में छापेमारी के बाद अन्य व्यवसायियों के घर भी छापेमारी कर सकती है.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) बहु-अनुशासनात्मक संगठन होता है. जो मनी लॉन्ड्रिंग(अवैध धन को वैध करना) जैसे अपराधों की जांच करती है. ईडी के द्वारा विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन की भी जांच की जाती है. आयुक्त प्रभाकर पांडे के मामले में भी ईडी को इसी तरह के अपराध किए जाने का संदेह है.