रायपुर :रायपुर के रावणभाठा मैदान में हुई दो दिवसीय धर्म संसद के अंतिम दिन बड़ा बवाल (Raipur Dharm Sansd Controversy) हो गया. धर्म संसद में मौजूद धर्मगुरु कालीचरण महाराज (Religious Guru Kalicharan Maharaj) ने नाथूराम गोड्से को नमन किया. फिर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर विवादित बयान दे डाला. कालीचरण महाराज के विवादित बयान का वीडियो तेजी से वायरल हुआ. उन पर रायपुर के टिकरापारा थाने में एफआईआर भी दर्ज हो गई है. इस पूरे मामले ने अब राजनीतिक रूप भी ले लिया है. राजनीतिक दलों ने तंज कसना शुरू कर दिया है. आइये जानते हैं कालीचरण महाराज का आखिर विवादित बयान क्या है......
धर्म गुरु कालीचरण का विवादित बयान. ' नाथूराम गोड्से जी को नमस्कार है...देश के विभाजन के लिए महात्मा गांधी जिम्मेदार हैं... ये पुलिस वाले न होते तो अपना सत्यानाश हो चुका होता अब तक. पुलिस तब तक हिंदुओं को सपोर्ट नहीं कर सकती, जब तक राजा कट्टर हिंदुवादी न हो... '
नेताओं ने दी प्रतिक्रिया, बोले-कानून से ऊपर कोई नहीं है
बापू हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं'...
एनसीपी नेता नवाब मलिक का ट्वीट महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) ने ट्वीट के जरिए कालीचरण महाराज पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि 'सत्य और अहिंसा को झूठे और हिंसक कभी हरा नहीं सकते. बापू हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं'.
एनसीपी नेता नवाब मलिक बोले- बापू हम शर्मिंदा हैं. राहुल ने बापू के विचार को ट्वीट कर जताया गुस्सा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने महात्मा गांधी के विचारों को लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा 'आप मुझे बेड़ियों से जकड़ सकते हैं, यातना दे सकते हैं, आप इस शरीर को खत्म भी कर सकते हैं, लेकिन आप मेरे विचारों को कैद नहीं कर सकते'.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी का ट्वीट. उत्तेजक बातें, अहिंसात्मक बातें बिल्कुल बर्दाश्त नहीं : सीएम बघेल
सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने धर्मगुरु कालीचरण के द्वारा राष्ट्रपिता को अपशब्द कहे जाने पर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यह धरती शांति की है. प्रेम की है. भाईचारे की है. यह गुरु घासीदास की धरती है. यहां उत्तेजक बातें, अहिंसात्मक बातें बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएंगी. राष्ट्रपिता के बारे में इस तरह की बातें कहना निश्चित रूप से यह दर्शाता है कि उनकी मानसिक स्थिति क्या है. इसकी जितनी निंदा की जाए कम है. प्रशासन की ओर से जितने कड़े से कड़ा कदम हो सकता है उठाया जाएगा. विधिसम्मत कार्रवाई होगी. समाज में जहर घोलने की कोशिश करेंगे तो सख्त कार्रवाई होगी.
सीएम बघेल ने कहा कार्रवाई होगी. ये भी पढ़ें -Raipur Dharma Sansad में महात्मा गांधी पर विवादित टिप्पणी, मंच पर हुआ बवाल
राष्ट्रपिता को नीचा दिखाने की इजाजत किसी को नहीं : तन्खा
जबलपुर से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा (Rajya Sabha MP Vivek Tankha) ने भी इस मामले की कड़ी निंदा की है. रायपुर एयरपोर्ट पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता पर की गई यह टिप्पणी गलत है. इस पर कानूनसम्मत कार्रवाई की जानी चाहिए. कानून से ऊपर कोई नहीं है. संविधान और राष्ट्रपिता को नीचा दिखाने की किसी को इजाजत नहीं है. जो भी इस तरह का काम करेगा, वह दंडित होगा.
राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने की निंदा. जिसे जो बोलना था, बोलकर चले गए : धरमलाल
धर्म संसद मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि अब चाहे एफआईआर दर्ज करें या घटना की निंदा करें, जो शब्द बोले गए थे वह वापस नहीं होंगे. धर्म संसद पर किसी का नियंत्रण नहीं था. न ही संसद में बोलने के लिए कोई विषय निर्धारित किया गया था. धर्म संसद के माध्यम से साधु-संत अपने विचार व्यक्त करते हैं. यह बात ठीक है कि हम महात्मा गांधी के अनुयायी हैं. महात्मा गांधी हमारे राष्ट्रपिता हैं. उनको मानते हैं और मानते रहेंगे. जिसे जो बोलना था, वह बोलकर चले गए. अब प्रतिक्रिया और बात करने से क्या फायदा.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा- जिसे जो बोलना था, वह बोलकर चला गया. कालीचरण महाराज के बयान की अखाड़ा परिषद ने की निंदा
छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुई धर्म संसद में कालीचरण महाराज द्वारा दिए गए गांधी जी और इस्लामीकरण के बयान पर हरिद्वार के संतों ने प्रतिक्रिया दी है.महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविन्द्र पुरी महाराज का कहना है कि गांधी जी के विषय में जो भी शब्दों का प्रयोग किया है वह निंदनीय है. महात्मा गांधी देश के राष्ट्रपिता हैं. देश की आजादी में उनकी अहम भूमिका रही है. इसी हरिद्वार की पवित्र भूमि में ब्रह्मलीन श्रद्धानंद जी महाराज जिन्होंने गुरुकुल की स्थापना की थी महर्षि दयानंद जी के शिष्य थे. उन्होंने ही उनको महात्मा की उपाधि दी थी.उसको हटाया नहीं जा सकता.
महंत रविन्द्र पुरी महाराज ने कालीचरण महाराज के बयान की निंदा की. जानिए कौन हैं कालीचरण महाराज उर्फ अभिजीत धनंजय सागर
महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल कर चर्चा में आए कालीचरण महाराज महाराष्ट्र के अकोला के पुराना शहर शिवाजी नगर के रहने वाले हैं. उनका असली नाम अभिजीत धनंजय सराग है. वो भावसार समाज से ताल्लुक रखते हैं. कालीचरण महाराज का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ है. उनके पिताजी धनंजय सराग की अकोला के जयन चौक पर मेडिकल शॉप है.
पढ़ाई में नहीं थी रुचि, मां-बाप ने भेज जिया था मौसी के पास
कालीचरण महाराज की पढ़ाई-लिखाई में बचपन से ही रुचि नहीं थी. इसलिए माता-पिता ने उन्हें इंदौर भेज दिया था. यहीं रहकर उन्होंने हिंदी बोलना सीखा. वे भय्यूजी महाराज के आश्रम जाने लगे. यहीं से उनके आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत हुई और उन्हें कालीचरण नाम भी यहीं मिला. कालीचरण उर्फ अभिजीत की पढ़ाई हरिहरपेट के टाउन जिला परिषद स्कूल में हुई. वे महज आठवीं कक्षा तक ही पढ़े हैं. मां-बाप ने तंग आकर कालीचरण को उनकी मौसी के घर इंदौर भेज दिया था.