शिमला: हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर आसमान से आफत बरस रही है. बीती रात से हो रही लगातार बारिश के कारण प्रदेश के कई इलाकों में एक बार फिर बाढ़ जैसे हालात और लैंडस्लाइड के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. मौसम विभाग ने 12 में से 9 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. जिनमें से शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी और कुल्लू में झमाझम बरसात हो रही है.
शिमला में बरसात से नुकसान- लगातार हो रही बारिश के कारण राजधानी शिमला में कई जगह पेड़ गिरे हैं तो कुछ स्थानों पर लैंडस्लाइड भी हुआ है. जिसके कारण वाहनों की आवाजाही पर फर्क पड़ा है. शिमला जिले में ही रामपुर में नेशनल हाइवे-5 बाधित हुआ है. जिसके कारण हाइवे पर वाहनों की लंबी कतार लग गई. इस सड़क पर लैंडस्लाइड होने के कारण रामपुर उपमंडल के अलावा किन्नौर ,लाहौल स्पीति का संपर्क शिमला से पूरी तरह से कट चुका है. शिमला जिले में सड़कों पर आवाजाही बंद होने का सबसे ज्यादा नुकसान सेब उत्पादकों पर पड़ रहा है क्योंकि सड़कें बहाल ना होने के कारण वो अपना सेब मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं.
भारी बारिश से शिमला में जनजीवन अस्त-व्यस्त पति-पत्नी की मौत- शिमला के ढली थाने के तहत आने वाले गांव में लैंडस्लाइड की चपेट में आने से पति पत्नी की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि झारखंड का रहने वाला दंपति शोल गांव में मजदूरी का काम करता था. दोनों यहां किराये के मकान में रहते थे जो बुधवार सुबह लैंडस्लाइड की चपेट में आ गया. जिससे दोनों की मौत हो गई. पुलिस ने दोनों के शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिए हैं. गौरतलब है कि शिमला शहर में कई इमारतों को भी लैंडस्लाइड की वजह से खतरा बना हुआ है. जिसे देखते हुए प्रशासन ने शिमला शहर में करीब 150 घर खाली करवाए हैं. इसके अलावा राजधानी में देवदार के पेड़ भी खतरे की घंटी बजा रहे हैं.
नदी-नाले उफान पर- भारी बारिश के चलते प्रदेशभर में नदी नाले उफान पर हैं. शिमला से लेकर धर्मशाला जैसे शहरों में सड़कों पर जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है. वहीं ब्यास नदी का जलस्तर भी बढ़ रहा है, जिसके कारण कुल्लू और मंडी जैसे जिलों में प्रशासन ने अलर्ट जारी किया हुआ है. लोगों से नदी नालों के किनारे ना जाने की अपील की गई है.
हिमाचल में नदी नाले उफान पर. सराज में फटा बादल- मंडी जिले के सराज में बुधवार सुबह बादल फटा है. जिसके कारण आए फ्लैश फ्लड में कुकलाह इलाके में एक स्कूल और दो घर बह गए. वहीं 3 लोग मलबे में दब गए, जिन्हें स्थानीय लोगों ने रेस्क्यू किया. बादल फटने के बाद से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है. कुल्लू जिले के भी कई इलाकों में भारी बारिश के कारण कुछ घरों को नुकसान पहुंचा है.
सराज में रैंस नाला में बनी टनल में घुसा मलबा. कई सड़कें बंद-लगातार हो रही बारिश के कारण प्रदेशभर में कई हाइवे और नेशनल हाइवे बंद हो गए हैं. कहीं जमीन धंस गई है तो कहीं लैंडस्लाइड के कारण वाहनों की आवाजाही बंद है. चंडीगढ़ को शिमला से जोड़ने वाले नेशनल हाइवे-5 पर लैंडस्लाइड के कारण भारी मलबा आ गया है. जिसके कारण वैकल्पिक मार्गों का सहारा लिया जा रहा है. हालांकि भारी बारिश के कारण इन मार्गों पर भी लैंडस्लाइड और लैंड सिंकिंग का खतरा बना हुआ है. इसी तरह चंडीगढ़ को मनाली और लेह तक जोड़ने वाले हाइवे पर भी लैंडस्लाइड हो रहा है. इसी तरह मंडी-पठानकोट हाइवे भी लैंडस्लाइड के कारण बंद है. प्रदेशभर में सैंकड़ों सड़कें भूस्खलन के कारण बंद पड़ी है.
चक्की मोड़ पर मलबा आने से चंडीगढ़ शिमला नेशनल हाईवे बंद स्कूल-कॉलेज बंद- प्रदेशभर में हो रही बारिश को देखते हुए सभी निजी और सरकार स्कूल-कॉलेज, आंगनवाड़ी आदि 23 और 24 अगस्त को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं. इसके अलावा जिला प्रशासन अपने स्तर पर शैक्षणिक संस्थानों की छुट्टी करने पर फैसला ले सकता है. शिमला से लेकर मंडी और कुल्लू जैसे जिलों में एहतियातन दो दिन के लिए शैक्षणिक संस्थानों की छुट्टी कर दी गई है.
सोलन जिले में कई गाड़ियों को नुकसान. 25 अगस्त तक मौसम खराब रहेगा- शिमला में मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने कहा कि आगामी दो दिन प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश का दौर जारी रहेगा. जिससे लैंडस्लाइड और फ्लैशफ्लड का खतरा बना रहेगा. मौसम विभाग की ओर से 25 अगस्त तक हिमाचल के शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी, कांगड़ा, चंबा, कुल्लू, हमीरपुर, बिलासपुर में भारी बारिश के साथ फ्लैश फ्लड का अलर्ट जारी किया गया है.
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